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दिल्ली में टूटा 15 साल का रिकॉर्ड, जानें उत्तर भारत के शेष हिस्सों में कब हाेगी बारिश

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Published : Jul 5, 2021, 6:14 PM IST

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि एक अंतराल के बाद, दक्षिण-पश्चिम मानसून 10 जुलाई तक दिल्ली सहित उत्तर भारत के शेष हिस्सों में पहुंच सकता है.

दिल्ली
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नई दिल्ली : नवीनतम संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल दिशानिर्देश के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून के आठ जुलाई से पश्चिमी तट और इससे सटे पूर्व-मध्य भारत सहित दक्षिणी प्रायद्वीप में धीरे-धीरे फिर से सक्रिय होने का अनुमान है. वहीं दिल्ली में इस बार पिछले 15 साल का रिकॉर्ड टूट चुका है. यहां मानसून (monsoon) के 15 साल में सबसे अधिक देर से पहुंचने की उम्मीद है. इससे पहले 2006 में नौ जुलाई को मानसून दिल्ली पहुंचा था.

विभाग ने बताया कि 11 जुलाई के आसपास उत्तर आंध्र प्रदेश-दक्षिण ओडिशा तटों से सटे पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का एक क्षेत्र बनने की संभावना है. बंगाल की खाड़ी से निचले स्तर पर नम पूर्वी हवाएं आठ जुलाई से पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में धीरे-धीरे चलने की संभावना है. इसके 10 जुलाई तक पंजाब और उत्तरी हरियाणा को कवर करते हुए उत्तर पश्चिम भारत में फैलने का अनुमान है.

विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के पश्चिम उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के कुछ और हिस्सों में 10 जुलाई के आसपास आगे बढ़ने की संभावना है. उसने कहा कि इससे 10 जुलाई से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में बारिश के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है.

जून के पहले ढाई हफ्तों में अच्छी बारिश के बाद, दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 जून से आगे नहीं बढ़ा है. दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान में अभी मानसून का आना बाकी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जुलाई के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा कि इस महीने पूरे देश में अच्छी बारिश होगी. हालांकि, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश हो सकती है.

विभाग ने कहा कि सात जुलाई तक मानसून की प्रगति के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं. इसके अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून (एनएलएम) की उत्तरी सीमा वर्तमान में अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से गुजर रही है.

पंद्रह साल में सबसे अधिक देर से दिल्ली पहुंचेगा मानसून

आईएमडी ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून (south west monsoon) इस साल 10 जुलाई के आसपास दिल्ली पहुंचेगा. इस बार मानसून 15 साल में पहली बार इतनी देर से दिल्ली में दस्तक देगा. आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, इससे पहले 2006 में नौ जुलाई को मानसून दिल्ली पहुंचा था.

साल 2002 में दिल्ली में पहली मानसूनी बारिश 19 जुलाई को हुई थी. शहर में सबसे देर से मानसून 1987 में 26 जुलाई को पहुंचा था. केरल में दो दिन देर से दस्तक देने का बाद मानसून रफ्तार पकड़ते हुए सामान्य से सात से 10 दिन पहले देश के पूर्वी मध्य और उत्तरपश्चिमी हिस्से में पहुंच गया था. लेकिन उसके बाद इसके आगे बढ़ने के लिये हालात प्रतिकूल बने रहे. मानसून कमजोर होकर रुक रुककर आगे बढने लगा.

इसे भी पढ़ें : मानसून फिर सक्रिय, जानें दिल्ली, हरियाणा समेत अन्य प्रदेशाें में कब हाेगी बारिश

आमतौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली में दस्तक दे देता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है. एक जून को मानसूनी सीजन शुरू होने के बाद से अब तक दिल्ली में 43.6 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य यानि 75.7 मिमी से 42 प्रतिशत कम है. मध्य दिल्ली में सामान्य से 89 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जम्मू-कश्मीर के किश्वताड़ के बाद सबसे कम बारिश वाला यह भारत का दूसरा जिला है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : नवीनतम संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल दिशानिर्देश के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून के आठ जुलाई से पश्चिमी तट और इससे सटे पूर्व-मध्य भारत सहित दक्षिणी प्रायद्वीप में धीरे-धीरे फिर से सक्रिय होने का अनुमान है. वहीं दिल्ली में इस बार पिछले 15 साल का रिकॉर्ड टूट चुका है. यहां मानसून (monsoon) के 15 साल में सबसे अधिक देर से पहुंचने की उम्मीद है. इससे पहले 2006 में नौ जुलाई को मानसून दिल्ली पहुंचा था.

विभाग ने बताया कि 11 जुलाई के आसपास उत्तर आंध्र प्रदेश-दक्षिण ओडिशा तटों से सटे पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का एक क्षेत्र बनने की संभावना है. बंगाल की खाड़ी से निचले स्तर पर नम पूर्वी हवाएं आठ जुलाई से पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में धीरे-धीरे चलने की संभावना है. इसके 10 जुलाई तक पंजाब और उत्तरी हरियाणा को कवर करते हुए उत्तर पश्चिम भारत में फैलने का अनुमान है.

विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के पश्चिम उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के कुछ और हिस्सों में 10 जुलाई के आसपास आगे बढ़ने की संभावना है. उसने कहा कि इससे 10 जुलाई से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में बारिश के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है.

जून के पहले ढाई हफ्तों में अच्छी बारिश के बाद, दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 जून से आगे नहीं बढ़ा है. दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान में अभी मानसून का आना बाकी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जुलाई के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा कि इस महीने पूरे देश में अच्छी बारिश होगी. हालांकि, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश हो सकती है.

विभाग ने कहा कि सात जुलाई तक मानसून की प्रगति के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं. इसके अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून (एनएलएम) की उत्तरी सीमा वर्तमान में अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से गुजर रही है.

पंद्रह साल में सबसे अधिक देर से दिल्ली पहुंचेगा मानसून

आईएमडी ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून (south west monsoon) इस साल 10 जुलाई के आसपास दिल्ली पहुंचेगा. इस बार मानसून 15 साल में पहली बार इतनी देर से दिल्ली में दस्तक देगा. आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, इससे पहले 2006 में नौ जुलाई को मानसून दिल्ली पहुंचा था.

साल 2002 में दिल्ली में पहली मानसूनी बारिश 19 जुलाई को हुई थी. शहर में सबसे देर से मानसून 1987 में 26 जुलाई को पहुंचा था. केरल में दो दिन देर से दस्तक देने का बाद मानसून रफ्तार पकड़ते हुए सामान्य से सात से 10 दिन पहले देश के पूर्वी मध्य और उत्तरपश्चिमी हिस्से में पहुंच गया था. लेकिन उसके बाद इसके आगे बढ़ने के लिये हालात प्रतिकूल बने रहे. मानसून कमजोर होकर रुक रुककर आगे बढने लगा.

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आमतौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली में दस्तक दे देता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है. एक जून को मानसूनी सीजन शुरू होने के बाद से अब तक दिल्ली में 43.6 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य यानि 75.7 मिमी से 42 प्रतिशत कम है. मध्य दिल्ली में सामान्य से 89 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जम्मू-कश्मीर के किश्वताड़ के बाद सबसे कम बारिश वाला यह भारत का दूसरा जिला है.

(पीटीआई-भाषा)

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