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धन शोधन मामला: उच्चतम न्यायलय ने सेंथिल बालाजी से ताजा चिकित्सा रिपोर्ट जमा कराने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने द्रमुक सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को ताजा चिकित्सा रिपोर्ट अध्ययन के लिए अदालत में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने एक प्रेसवार्ता कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी. Supreme court, DMK government minister Senthil Balaji, Madras High Court,

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By PTI

Published : Nov 20, 2023, 6:36 PM IST

supreme court
उच्चतम न्यायलय

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को द्रमुक सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को ताजा चिकित्सा रिपोर्ट अध्ययन के लिये अदालत में जमा कराने का निर्देश दिया. बालाजी को धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशायल ने गिरफ्तार किया है. मद्रास उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती देने वाली बालाजी की याचिका पर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रही थी. मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले में बालाजी की जमानत अर्जी 19 अक्टूबर को खारिज कर दी थी.

उच्च न्यायालय ने कहा था कि अगर उन्हें जमानत दी गयी तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. न्ययाधीश न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की शीर्ष अदालत की पीठ ने बालाजी की ओर से पेश हुये वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से चिकित्सा रिपोर्ट जमा कराने के लिये कहा. मामले की सुनवाई अब 28 नवंबर को होगी. शुरुआत में रोहतगी ने दलील दी कि बालाजी कई बीमारियों से पीड़ित हैं और उनकी एमआरआई रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा कि उनका उपचार नहीं किया गया तो उन्हें अघात हो सकता है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि यह बहुत गंभीर नहीं लगता है और पुरानी समस्या लगती है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये पुराने मुद्दे हैं. जमानत याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि बालाजी की स्वास्थ्य रिपोर्ट से ऐसा नहीं लगता कि यह कोई चिकित्सीय स्थिति है, जिसका ध्यान तभी रखा जा सकता है, जब उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. बालाजी को 14 जून को ईडी ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था.

यह मामला तब का है जब वह पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री थे. वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने सोमवार को चेन्नई में मीडिया को संबोधित किया और तमिलनाडु की राजनीति में दो प्रमुख हस्तियों की स्वास्थ्य स्थितियों पर अपडेट प्रदान किया. मंत्री सेंथिल बालाजी को कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण तमिलनाडु सरकार के बहुउद्देशीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनके विभिन्न परीक्षण किए जा रहे हैं.

जांच के दौरान, उनके मूत्राशय क्षेत्र से एक छोटी वसा की गांठ निकाली गई और डॉक्टर गर्दन के दर्द सहित विभिन्न समस्याओं के लिए उनकी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. मंत्री सुब्रमण्यम ने जनता को आश्वासन दिया कि मेडिकल टीम लगातार उनकी स्थिति का आकलन कर रही है और उनके इलाज पर एक व्यापक रिपोर्ट कल जारी की जाएगी. एक अलग घटनाक्रम में, डीएमडीके महासचिव विजयकांत वर्तमान में एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं.

मंत्री सुब्रमण्यम ने पुष्टि की कि उन्होंने कल और आज फिर संबंधित डॉक्टरों से बात की. विजयकांत, जिनका पूर्व में किडनी प्रत्यारोपण हो चुका है, वर्तमान में गहन चिकित्सा इकाई में हैं. मंत्री सुब्रमण्यम ने आश्वस्त किया कि इलाज के बाद विजयकांत का स्वास्थ्य स्थिर है. फैल रही अफवाहों के जवाब में, डीएमडीके मुख्यालय ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि विजयकांत की नियमित चिकित्सा जांच हुई है.

बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि वह एक या दो दिन में घर लौट आएंगे और कृत्रिम श्वसन का सुझाव देने वाली झूठी खबरों की निंदा की, इसे स्पष्ट रूप से निराधार बताया और जनता से ऐसी अफवाहों पर विश्वास न करने या फैलाने का आग्रह किया. डीएमडीके नेतृत्व का लक्ष्य विजयकांत के स्वास्थ्य के बारे में किसी भी गलत सूचना को दबाना है.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को द्रमुक सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को ताजा चिकित्सा रिपोर्ट अध्ययन के लिये अदालत में जमा कराने का निर्देश दिया. बालाजी को धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशायल ने गिरफ्तार किया है. मद्रास उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती देने वाली बालाजी की याचिका पर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रही थी. मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले में बालाजी की जमानत अर्जी 19 अक्टूबर को खारिज कर दी थी.

उच्च न्यायालय ने कहा था कि अगर उन्हें जमानत दी गयी तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. न्ययाधीश न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की शीर्ष अदालत की पीठ ने बालाजी की ओर से पेश हुये वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से चिकित्सा रिपोर्ट जमा कराने के लिये कहा. मामले की सुनवाई अब 28 नवंबर को होगी. शुरुआत में रोहतगी ने दलील दी कि बालाजी कई बीमारियों से पीड़ित हैं और उनकी एमआरआई रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा कि उनका उपचार नहीं किया गया तो उन्हें अघात हो सकता है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि यह बहुत गंभीर नहीं लगता है और पुरानी समस्या लगती है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये पुराने मुद्दे हैं. जमानत याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि बालाजी की स्वास्थ्य रिपोर्ट से ऐसा नहीं लगता कि यह कोई चिकित्सीय स्थिति है, जिसका ध्यान तभी रखा जा सकता है, जब उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. बालाजी को 14 जून को ईडी ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था.

यह मामला तब का है जब वह पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री थे. वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने सोमवार को चेन्नई में मीडिया को संबोधित किया और तमिलनाडु की राजनीति में दो प्रमुख हस्तियों की स्वास्थ्य स्थितियों पर अपडेट प्रदान किया. मंत्री सेंथिल बालाजी को कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण तमिलनाडु सरकार के बहुउद्देशीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनके विभिन्न परीक्षण किए जा रहे हैं.

जांच के दौरान, उनके मूत्राशय क्षेत्र से एक छोटी वसा की गांठ निकाली गई और डॉक्टर गर्दन के दर्द सहित विभिन्न समस्याओं के लिए उनकी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. मंत्री सुब्रमण्यम ने जनता को आश्वासन दिया कि मेडिकल टीम लगातार उनकी स्थिति का आकलन कर रही है और उनके इलाज पर एक व्यापक रिपोर्ट कल जारी की जाएगी. एक अलग घटनाक्रम में, डीएमडीके महासचिव विजयकांत वर्तमान में एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं.

मंत्री सुब्रमण्यम ने पुष्टि की कि उन्होंने कल और आज फिर संबंधित डॉक्टरों से बात की. विजयकांत, जिनका पूर्व में किडनी प्रत्यारोपण हो चुका है, वर्तमान में गहन चिकित्सा इकाई में हैं. मंत्री सुब्रमण्यम ने आश्वस्त किया कि इलाज के बाद विजयकांत का स्वास्थ्य स्थिर है. फैल रही अफवाहों के जवाब में, डीएमडीके मुख्यालय ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि विजयकांत की नियमित चिकित्सा जांच हुई है.

बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि वह एक या दो दिन में घर लौट आएंगे और कृत्रिम श्वसन का सुझाव देने वाली झूठी खबरों की निंदा की, इसे स्पष्ट रूप से निराधार बताया और जनता से ऐसी अफवाहों पर विश्वास न करने या फैलाने का आग्रह किया. डीएमडीके नेतृत्व का लक्ष्य विजयकांत के स्वास्थ्य के बारे में किसी भी गलत सूचना को दबाना है.

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