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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में देशमुख की जमानत याचिका खारिज

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विशेष PMLA अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (anil deshmukh) की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानने के लिए 'पर्याप्त सबूत' हैं कि वह धनशोधन मामले में 'शामिल' थे.

anil deshmukh
पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख
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Published : Mar 14, 2022, 5:39 PM IST

मुंबई : मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को कथित धनशोधन मामले में जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख को 2 नवंबर 2021 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं. विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

न्यायाधीश ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानने के लिए 'पर्याप्त सबूत' हैं कि वह धनशोधन मामले में 'शामिल' थे. उन्होंने कहा कि गवाहों के बयानों में विरोधाभास हैं, लेकिन इस समय (जमानत याचिका) पर विचार नहीं किया जा सकता. नियमित जमानत के लिए देशमुख की यह पहली याचिका थी. इससे पहले विशेष अदालत ने उनकी स्वाभाविक जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था.

इस साल जनवरी में दाखिल नियमित जमानत याचिका में देशमुख ने तर्क दिया था कि जांच एजेंसियां उनका 'घोर उत्पीड़न' कर रही हैं. पूर्व मंत्री ने कहा था, 'कुछ बेईमान निहित स्वार्थी लोगों के इशारों पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.'

उन्होंने दावा किया था कि यह मामला संबंधित अधिकारियों के द्वारा सत्ता और अधिकारों के दुरुपयोग को दर्शाता है, जिन्होंने कानून की प्रक्रिया को तहस-नहस कर आतंक राज कायम कर रखा है.

पढ़ें- मनी लॉन्ड्रिंग केस: समन के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए अनिल देशमुख

मुंबई : मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को कथित धनशोधन मामले में जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख को 2 नवंबर 2021 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं. विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

न्यायाधीश ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानने के लिए 'पर्याप्त सबूत' हैं कि वह धनशोधन मामले में 'शामिल' थे. उन्होंने कहा कि गवाहों के बयानों में विरोधाभास हैं, लेकिन इस समय (जमानत याचिका) पर विचार नहीं किया जा सकता. नियमित जमानत के लिए देशमुख की यह पहली याचिका थी. इससे पहले विशेष अदालत ने उनकी स्वाभाविक जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था.

इस साल जनवरी में दाखिल नियमित जमानत याचिका में देशमुख ने तर्क दिया था कि जांच एजेंसियां उनका 'घोर उत्पीड़न' कर रही हैं. पूर्व मंत्री ने कहा था, 'कुछ बेईमान निहित स्वार्थी लोगों के इशारों पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.'

उन्होंने दावा किया था कि यह मामला संबंधित अधिकारियों के द्वारा सत्ता और अधिकारों के दुरुपयोग को दर्शाता है, जिन्होंने कानून की प्रक्रिया को तहस-नहस कर आतंक राज कायम कर रखा है.

पढ़ें- मनी लॉन्ड्रिंग केस: समन के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए अनिल देशमुख

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