भोपाल। मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव ने प्रदेश में पहला एक्शन किया है. उन्होंने सबसे पहले मध्य प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के उपयोग पर शक्ति से रोक लगाने की आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री के आदेश के चंद मिनट के बाद ही गृह विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए. आदेश में लाउडस्पीकरों पर रोक लगाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी किए गए आदेशों का हवाला दिया गया है. लाउडस्पीकरों पर रोक लगाने के लिए सभी जिलों में कलेक्टर द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे.
सभी धर्म गुरुओं से किया जाएगा संवाद: धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए राज्य शासन द्वारा सभी संबंधित धर्म गुरुओं से संवाद किया जाएगा. इसके बाद समन्वय बनाकर अवैध लाउडस्पीकरों को हटाया जाएगा. प्रदेश के सभी थाना स्तर पर ऐसे धर्म स्थान की सूची बनाई जाएगी. जहां लाउडस्पीकरों का उपयोग होता है. हर हफ्ते जिला स्तर पर इसकी समीक्षा होगी. गृह विभाग 31 दिसंबर तक इस मामले में कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. आदेश में कहा गया है कि समानता मध्यम आकार के अधिकतम 02 डीजे के प्रयोग को ही अनुमति प्रदान की जाएगी. इसके लिए विधिवत अनुमति लेनी जरूरी होगी. बिना अनुमति लिए इनका उपयोग करते पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने उड़न दस्तों का गठन होगा: गृह विभाग के प्रमुख सचिव डॉ राजेश राजौरा द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए सभी जिलों में उड़ान दोस्तों का गठन किया जाएगा. यह ध्वनि प्रदूषण के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर जांच कर कार्रवाई करेगा. उड़न दस्तों में जिला प्रशासन द्वारा नामित अधिकारी संबंधित थाने का थाना प्रभारी और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नामित अधिकारी होंगे. जिले के सभी उड़ानदस्तों का नोडल अधिकारी एक एडीएम स्तर का अधिकारी होगा.