नई दिल्ली: विधि एवं न्याय मंत्रालय ने प्रधान न्यायाधीश (CJI) उदय उमेश ललित (Chief Justice Uday Umesh Lalit) को पत्र लिखकर उनसे नए सीजेआई के नाम की सिफारिश करते हुए नियुक्ति से संबंधित ज्ञापन प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया है. न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित आठ नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनका कार्यकाल 74 दिन का ही है.
विधि एवं न्याय मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'भारत के प्रधान न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित ज्ञापन प्रक्रिया (एमओपी) के तहत आज माननीय विधि एवं न्याय मंत्री ने माननीय प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र भेजकर उनसे अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए सिफरिशें भेजने को कहा है.' मंत्रालय ने शायद पहली बार इस संबंध में ट्वीट करके जानकारी दी है.
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As per the MoP on appointment of Chief Justice of India and Supreme Court Judges, today the Hon’ble Minister of Law and Justice sent a letter to the Hon’ble Chief Justice of India for sending his recommendations for appointment of his successor.
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— Ministry of Law and Justice (@MLJ_GoI) October 7, 2022
उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित ज्ञापन प्रक्रिया (एमओपी) के तहत निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश कानून मंत्रालय से पत्र पाने के बाद अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की प्रक्रिया शुरू करते हैं. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ सीजीआई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश और इस पद के प्रमुख दावेदार हैं.
प्रधान न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश को नामित करते हैं. इस परंपरा के मुताबिक, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश हो सकते हैं और वह नौ नवंबर को सीजेआई पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं. अगर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ अगले सीजेआई बनते हैं तो उनका कार्यकाल दो साल का होगा. वह 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होंगे. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे. 2016 में उन्हें प्रमोट कर सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था. उससे पहले जस्टिस चंद्रचूड़ 2000 से 2013 तक बॉम्बे हाई कोर्ट में जज रह चुके हैं.