चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अभिनेता से नेता बने कमल हासन भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 6 अप्रैल, 2021 को होने वाले विधानसभा चुनावों में वह कोयम्बटूर (दक्षिण) सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं. चुनाव प्रचार में व्यस्त होते हुए उन्होंने ईटीवी भारत से बात करने का समय निकाला.
बातचीत के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे. इनमें वह आरोप भी शामिल हैं कि उनकी पार्टी मक्कल नीधी माईम (Makkal Needhi Maiam) भारतीय जनता पार्टी की टीम-बी है.
पढ़ें उन्होंने अपने साक्षात्कार में क्या कुछ कहा-
प्रश्न: गृहणियों के लिए मासिक वेतन…क्या यह उनके सशक्तीकरण के खिलाफ नहीं है?
उत्तर: वे (महिलाएं) अपना काम करती हैं और देश की GDP में योगदान देती हैं. हम अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका को पहचानते हैं और यह दासता नहीं है, बल्कि मान्यता है. इसके अलावा, सिर्फ इसलिए कि उन्हें (महिलाओं) काम के लिए भुदतान किया जा रहा है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम उन्हें बाहर निकलने से रोक रहे हैं. वह अध्ययन कर सकती हैं; कहीं और काम कर सकती हैं. उनके वेतन के लिए खर्च किया गया पैसा एक तरह का निवेश है; यह मानव संसाधन है. इस पक्ष को हमने अभी तक अनदेखा किया था, जो न सिर्फ हमारी ओर से उदासीनता है, बल्कि एक तरह की मूर्खता भी है. हम उसे दूर करना चाहते हैं. एक सदी पहले मजदूरों के लिए आठ घंटे काम करने का प्रस्ताव आश्चर्यजनक था. इसी तरह, जब हम अब यह कह रहे हैं (घरेलू काम के लिए महिलाओं को भुगतान करना), तो यह आश्चर्य की बात लग रही है. आखिरकार, यह उनका अधिकार है. मुझे तो यही लगता है.
प्रश्न: आपकी पार्टी के नाम में ही मध्यम मार्ग है. क्या इस विचारधारा के साथ आपकी पार्टी समाज के उस वर्ग के साथ खड़ी हो पाएगी, जो उत्पीड़ित हैं?
उत्तर: उत्पीड़ित लोग किसी अन्य ग्रह के एलियंस नहीं हैं. वह मेरे भाई/बहन हैं. इतिहास में हुई बड़ी भूलों, जैसे जातिवाद की वजह से उनके हालात खराब हो गए हैं. इसकों ठीक करना हमारा कर्तव्य है. हमें इसे करते रहना चाहिए. यहां तक कि अगर विकसित होने के लिए सबसे निचले पायदान पर केवल 10 लोग बचे हैं, तो भी हमें अपना काम नहीं रोकना चाहिए. उन 10 लोगों का भी विकास होना चाहिए. यही हमारा लक्ष्य है.
प्रश्न: आरक्षण पर आपका क्या कहना है?
उत्तर: सरकार हाशिए पर आ गए लोगों के लिए जगह बनाने के लिए बाध्य है. यह मनुष्य के प्रति मनुष्य का कर्तव्य भी है. हालांकि, लोगों को सतर्क भी रहना चाहिए कि कहीं यह राजनीतिक खेल न बन जाए और लोग इसका प्रयोग अपने फायदे के लिए न करने लगें. बेशक, आप जाति-आधारित जनगणना के निष्कर्षों का उपयोग कर सकते हैं. हालांकि, जल्दबाजी में या एक ही झटके में इसे खत्म कर देना उचित नहीं होगा. आप किसी व्यक्ति को यह पता लगाने के बाद ही चेक दे सकते हैं कि आपके बैंक खाते में पर्याप्त पैसा है या नहीं. यदि आप खाते में पैसे नहीं होने पर चेक देते हैं, तो इसे 'रबर चेक' कहा जाता है; यह बाउंस हो जाएगा. हमारे समावेशी समाज में सभी के पास जगह होनी चाहिए. यह अत्यावश्यक है. हम उसी दिशा में काम करेंगे.
(एआईएडीएमके ने मोस्ट बैकवर्ड क्लास और डी-अधिसूचित समुदायों के लिए शिक्षा और रोजगार में वन्नियरों के लिए 10.5% कोटा प्रदान किया है)
प्रश्न: क्या आवेदन फॉर्म में से जाति का कॉलम हटाने से, जाति को खत्म किया जा सकता है?
उत्तर: यह सिर्फ एक शुरुआत है. जाति के कॉलम को आवेदन फॉर्म से हटाने के विचार का उपहास नहीं उड़ाया जाना चाहिए. आपके सवाल से ऐसा लगता है कि आप चाहते हैं कि जाति व्यवस्था यथा स्थिति बनी रहे. आप मुझे जाति उन्मूलन के लिए चुनौती दे रहे हैं. बेशक, चुनौती हमारी होनी चाहिए. आने वाली पीढ़ी इसके झांसे में नहीं आएगी. हम उनको जाति के बारे में न सिखाएं तो बेहतर होगा.
प्रश्न: आपने सेवा के अधिकार पर अपने प्रस्तावित कानून के बारे में बात की है. क्या आप इसको विस्तार से समझा सकते हैं?
उत्तर: यह राजनीतिकों से मिली भिक्षा नहीं है. यह लोगों का सेवा का अधिकार है. आजादी के 70 साल बाद भी, यह दुखद है कि आपको एक कानून बनाना पड़ रहा है और लोगों को यह बताना पड़ रहा है सेवा का अधिकार है उनका हक है. पहले लोगों को जागरूक करना होगा. अभी तक कुछ भी नहीं किया जा सका क्योंकि राजनेता इसे नहीं समझते थे. जब वे कहते हैं, 'आप आ के कर लें' राजनेता उपकृत करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं. लोगों को राजनेताओं के लिए काम नहीं करना चाहिए. सरकार को लोगों की सेवा करनी चाहिए और सरकार से सेवा प्राप्त करना लोगों का आधिकार है.
प्रश्न: सामाजिक न्याय को लेकर आपके क्या विचार हैं?
उत्तर: सामाजिक न्याय सभी के लिए है. यह प्राप्त होने तक, हमारे पूर्वजों ने हमें जो भी योजनाएं दी थीं, उन्हें एक नींव के रूप में बरकरार रखना चाहिए.
प्रश्न: चारों ओर यह अफवाह फैली है कि कमल हासन की पार्टी भाजपा की बी-टीम है...
उत्तर: वह इसे वास्तविकता बनाने की उम्मीद में इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं. जो लोग मुझे जानते हैं वह जानते हैं कि मेरा नाम कमल हासन है. जो लोग मेरे जीवन से परिचित हैं, जिस तरह से मैंने अब तक अपना जीवन जिया है और मेरे भाषण सुने हैं वह ऐसा कभी नहीं कहेंगे. जो लोग मुझे उस रंग (भाजपा के रंग में) में रंगना चाहते हैं वही इस तरह की सोच रखते हैं. हालांकि, यह रंग उतर जाएगा.
प्रश्न: कोयंबटूर के सांसद ने आरोप लगाया है कि आप भाजपा और पार्टी के मुख्यमंत्रियों की आलोचना नहीं करते हैं. इसपर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
उत्तर: उन्होंने मेरे भाषणों को ठीक से नहीं सुना है. ये लोग दूसरों की उतनी नहीं सुनते, जितनी कि अपनी. यह तथ्य है.
प्रश्न: राज्य के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए आपकी क्या योजना है?
उत्तर: सरकार राजस्व जुटाने के लिए कराधान और TASMAC (राज्य द्वारा संचालित शराब खुदरा निगम) पर निर्भर है. उद्योगपतियों को निचोड़ने के बजाय, हमें सूक्ष्म, लघु उद्योगों के उद्योगपतियों और कर्मचारियों के लिए चीजों को आसान बनाना चाहिए. ईमानदारी सरकार के लिए राजस्व ला सकती है. हम इसे हासिल करने की कोशिश करेंगे. हम तब समृद्ध हुए जब ईमानदारी आसपास थी. हम उसी स्थिति को बहाल करना चाहते हैं. हमारे चुनावी आदर्श वाक्य ही है 'Let us reconstruct'.