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MP: चमत्कार या संयोग! कैसे 5 माह पहले ट्रेन से गिरकर लापता हुए बेटे का महाकाल के दर पर पिता से हुआ मिलन

उत्तर प्रदेश में मजदूरी करने वाले श्रीकृष्ण का बेटा 5 महीने पहले ट्रेन से गिर गया था. परिवार वालों ने मन्नत की थी कि उनका बेटा उन्हें मिल जाए. इसी आस में परिवार वाले उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे. इसके बाद परिवार अपने बेटे को ढूंढने के लिए सेवाधाम आश्रम (Sewa Dham Aashram Ujjain) पहुंचा. वहां पता चला कि पांच महीने से गायब उनका बेटा इसी आश्रम में है. आश्रम में बेटे के मिलने के बाद परिवार वालों को ऐसा लगा कि जैसे कोई चमत्कार (Miracle of Baba Mahakal) हो गया हो और भगवान शिव ने आशीर्वाद देने के लिए ही उज्जैन बुलाया है. इसके बाद पिता और बेटे का मिलन हुआ और अब बेटा अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश रवाना हो गया.

miracle of Baba Mahakal
महाकाल के दर पर पिता बेटे का मिलन
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Published : Nov 11, 2022, 10:56 PM IST

उज्जैन। हमने कई फिल्मों में देखा होगा कि अपने खोए हुए बेटे के लिए और परिवार मन्नत करते हुए मंदिर जाते हैं और उन्हें उनका वारिस मिल जाता है. ऐसा ही एक मामला उज्जैन में देखने को मिला. उत्तर प्रदेश के रामसिंहपुरा सोरो जिला कासगंज निवासी खेत में मजदूरी करने वाले श्रीकृष्ण बेटे के लिए दर-दर भटकता रहा. उज्जैन में जब उन्हें अपने पांच माह पहले गुम हुए मानसिक रोग से ग्रस्त बेटा पंकज मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिवार वालों को ऐसा लगा कि जैसे भगवान शिव ने उनकी मन्नत पूरी कर दी हो.

महाकाल के दर्शन के बाद पहुंचे आश्रम : पंकज के परिवार वालों ने उज्जैन पहुंचकर पहले बाबा महाकाल के दर्शन किए. इसके बाद उज्जैन से 14 किलोमीटर दूर सेवाधाम आश्रम उज्जैन के संस्थापक सुधीर भाई गोयल भाईजी के पास पहुंचे. वहां पहुंचकर परिजनों ने बेटे का बहुत पुराना फोटो दिखाया और कहा कि मेरा बेटा पांच माह पूर्व कहीं चला गया. उसे अनेक जगह ढूंढते-ढूंढते अंतिम प्रयास में यहां पहुंचे हैं. सुधीर भाई गोयल ने उत्तर प्रदेश से आए परिवार वालों को उनके बेटे से मिलाया और परिवार वालों ने बेटे को पहचान लिया. इसके बाद पिता और बेटे ने गले मिलकर खुशी जाहिर की.

महाकाल के दर पर पिता बेटे का मिलन

रोड पर घायल अवस्था में मिला था बालक : पंकज जीर्ण-शीर्ण अवस्था में 29 सितंबर को उज्जैन के हीरा मील की चाल रोड पर पड़ा मिला था. उज्जैन के सेवा धाम आश्रम को विक्षिप्त बालक की जानकारी मिली. चाइल्ड लाइन ने थाना देवास गेट पर सूचित कर बालक को बाल कल्याण समिति उज्जैन में प्रस्तुत किया. बाल कल्याण समिति ने बालक को सेवाधाम आश्रम द्वारा संचालित श्रीरामकृष्ण बालगृह में प्रवेश हेतु भेजा. प्रवेश के समय बालक मानसिक रूप से विक्षिप्त था, उसके हाथों में घाव थे. वह अपने बारे में कोई भी जानकारी देने में असमर्थ था. कुछ दिन बाद उसने अपना नाम पंकज और उत्तरप्रदेश का रहने वाला बताया. ये भी बताया कि वह ट्रेन से गिर गया और कैसे उज्जैन आ गया, पता नहीं. उत्तर प्रदेश से आये श्री कृष्ण ने बताया कि जैसे ही हम सेवा धाम आश्रम में पहुचे और बेटे से मिला तो वह दौड़ते हुए गले लग गया.

Ujjain: बाबा महाकाल का भस्म आरती में राजा के रूप में श्रृंगार, भगवान ने मस्तक पर धारण किया चांदी का बेलपत्र

सेवाधाम आश्रम में रह रहा था : वहीं परिवार वालो ने सेवा धाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई को धन्यवाद किया. महाकाल की कृपा से बेटे का पूरा जीवन ही बदल गया है. ये मेरे लिए महाकाल का आशीर्वाद है.पंकज के पिता श्री कृष्ण का कहना है कि ये सब बाबा महाकाल का चमत्कार है. सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने बताया कि सुबह आश्रम के मुख्य द्वार पर उत्तरप्रदेश के लोग पूछताछ के लिए आए और कहा कि फेसबुक पर जानकारी प्राप्त हुई थी तो गुरुजी के दर्शन भी हो जाएंगे. बाबा महाकाल का आर्शीवाद होगा तो अपने मनोरोगी बालक की जानकारी भी ले लेंगे.

उज्जैन। हमने कई फिल्मों में देखा होगा कि अपने खोए हुए बेटे के लिए और परिवार मन्नत करते हुए मंदिर जाते हैं और उन्हें उनका वारिस मिल जाता है. ऐसा ही एक मामला उज्जैन में देखने को मिला. उत्तर प्रदेश के रामसिंहपुरा सोरो जिला कासगंज निवासी खेत में मजदूरी करने वाले श्रीकृष्ण बेटे के लिए दर-दर भटकता रहा. उज्जैन में जब उन्हें अपने पांच माह पहले गुम हुए मानसिक रोग से ग्रस्त बेटा पंकज मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिवार वालों को ऐसा लगा कि जैसे भगवान शिव ने उनकी मन्नत पूरी कर दी हो.

महाकाल के दर्शन के बाद पहुंचे आश्रम : पंकज के परिवार वालों ने उज्जैन पहुंचकर पहले बाबा महाकाल के दर्शन किए. इसके बाद उज्जैन से 14 किलोमीटर दूर सेवाधाम आश्रम उज्जैन के संस्थापक सुधीर भाई गोयल भाईजी के पास पहुंचे. वहां पहुंचकर परिजनों ने बेटे का बहुत पुराना फोटो दिखाया और कहा कि मेरा बेटा पांच माह पूर्व कहीं चला गया. उसे अनेक जगह ढूंढते-ढूंढते अंतिम प्रयास में यहां पहुंचे हैं. सुधीर भाई गोयल ने उत्तर प्रदेश से आए परिवार वालों को उनके बेटे से मिलाया और परिवार वालों ने बेटे को पहचान लिया. इसके बाद पिता और बेटे ने गले मिलकर खुशी जाहिर की.

महाकाल के दर पर पिता बेटे का मिलन

रोड पर घायल अवस्था में मिला था बालक : पंकज जीर्ण-शीर्ण अवस्था में 29 सितंबर को उज्जैन के हीरा मील की चाल रोड पर पड़ा मिला था. उज्जैन के सेवा धाम आश्रम को विक्षिप्त बालक की जानकारी मिली. चाइल्ड लाइन ने थाना देवास गेट पर सूचित कर बालक को बाल कल्याण समिति उज्जैन में प्रस्तुत किया. बाल कल्याण समिति ने बालक को सेवाधाम आश्रम द्वारा संचालित श्रीरामकृष्ण बालगृह में प्रवेश हेतु भेजा. प्रवेश के समय बालक मानसिक रूप से विक्षिप्त था, उसके हाथों में घाव थे. वह अपने बारे में कोई भी जानकारी देने में असमर्थ था. कुछ दिन बाद उसने अपना नाम पंकज और उत्तरप्रदेश का रहने वाला बताया. ये भी बताया कि वह ट्रेन से गिर गया और कैसे उज्जैन आ गया, पता नहीं. उत्तर प्रदेश से आये श्री कृष्ण ने बताया कि जैसे ही हम सेवा धाम आश्रम में पहुचे और बेटे से मिला तो वह दौड़ते हुए गले लग गया.

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सेवाधाम आश्रम में रह रहा था : वहीं परिवार वालो ने सेवा धाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई को धन्यवाद किया. महाकाल की कृपा से बेटे का पूरा जीवन ही बदल गया है. ये मेरे लिए महाकाल का आशीर्वाद है.पंकज के पिता श्री कृष्ण का कहना है कि ये सब बाबा महाकाल का चमत्कार है. सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने बताया कि सुबह आश्रम के मुख्य द्वार पर उत्तरप्रदेश के लोग पूछताछ के लिए आए और कहा कि फेसबुक पर जानकारी प्राप्त हुई थी तो गुरुजी के दर्शन भी हो जाएंगे. बाबा महाकाल का आर्शीवाद होगा तो अपने मनोरोगी बालक की जानकारी भी ले लेंगे.

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