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केंद्र ने मीडियावन न्यूज चैनल पर फिर प्रतिबंध लगाया, अदालत ने आदेश पर बुधवार तक लगाई रोक - मीडियावन न्यज चैनल पर फिर प्रतिबंध

मलयालम न्यूज चैनल मीडियावन (MediaOne) के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि हाई कोर्ट ने आदेश के क्रियान्वयन पर दो दिन के लिए रोक लगा दी. विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार के इस कदम को 'अलोकतांत्रिक' करार दिया.

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मलयालम न्यूज चैनल मीडियावन
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Published : Jan 31, 2022, 10:12 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 6:42 AM IST

कोच्चि : केंद्र सरकार ने सोमवार को 'सुरक्षा कारणों' का हवाला देते हुए मलयालम न्यूज चैनल मीडियावन के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि, केरल उच्च न्यायालय ने इस आदेश के क्रियान्वयन पर दो दिन के लिए रोक लगा दी.

मीडियावन पर प्रतिबंध के केंद्र के कदम का कई पक्षों ने विरोध किया. विपक्षी दल कांग्रेस ने इस कदम को 'अलोकतांत्रिक' करार दिया.

मीडियावन के संपादक प्रमोद रमण ने एक बयान जारी कर कहा, 'भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मीडियावन चैनल के प्रसारण पर एक बार फिर पाबंदी लगा दी है. सरकार इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दे रही है.'

MediaOne
मलयालम न्यूज चैनल मीडियावन

संपर्क करने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने मीडियावन चैनल को प्रतिबंधित किए जाने की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी. चैनल ने केंद्र के फैसले को केरल उच्च न्यायालय में चुनौती दी. अदालत ने आदेश के क्रियान्वयन पर दो दिन के लिए रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति एन नागरेश ने मीडियावन का संचालन करने वाली मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड की याचिका पर केंद्र सरकार का पक्ष भी जानना चाहा. कंपनी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एस श्रीकुमार और अधिवक्ता के राकेश ने उच्च न्यायालय से कहा कि चैनल किसी राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल नहीं है. उन्होंने अदालत से मंत्रालय को अपना आदेश वापस लेने का निर्देश देने की अपील की.

राकेश ने कहा, 'सोमवार दोपहर एक बजे मंत्रालय का आदेश मिला. इसके बाद 1.45 बजे तक इसके खिलाफ याचिका दाखिल कर दी गई. तीन बजे याचिका पर त्वरित सुनवाई की अनुमति मिली. अदालत ने बुधवार को अगली सुनवाई तक आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी.'

पढ़ें- यू-ट्यूब के 20 चैनलों पर प्रतिबंध, भारत विरोधी प्रचार करने के आरोप

मंत्रालय की ओर से पेश सहायक सॉलिसिटर जनरल एस मनु ने बताया कि उन्होंने याचिका का विरोध किया और केंद्र सरकार से उचित निर्देश प्राप्त करने के लिए अदालत से समय मांगा. मनु ने बताया कि अदालत ने मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध करते हुए आदेश के क्रियान्वयन पर तब तक रोक लगा दी. इस बीच, केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कदम की आलोचना की.

प्रतिबंध लगाना 'असंवैधानिक' : सतीशन
सतीशन ने कहा, 'मीडियावन चैनल के प्रसारण पर बिना कोई कारण बताए प्रतिबंध लगाना 'असंवैधानिक' है. यह नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है. प्रतिबंध के पीछे की वजह बताना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है.' कांग्रेस नेता ने प्रतिबंध को मीडिया की आजादी पर हमला करार दिया.

इससे पहले, साल 2020 के दिल्ली दंगों के कवरेज को लेकर मीडियावन और एक अन्य मलयालम न्यूज चैनल एशियानेट के प्रसारण पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया गया था. आधिकारिक आदेश में कहा गया था कि दोनों चैनलों ने हिंसा को कुछ इस तरह से कवर किया, जिससे उपासना स्थलों को निशाना बनाए जाने और एक विशेष समुदाय का पक्ष लिए जाने का संदेश जा रहा था.

कोच्चि : केंद्र सरकार ने सोमवार को 'सुरक्षा कारणों' का हवाला देते हुए मलयालम न्यूज चैनल मीडियावन के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि, केरल उच्च न्यायालय ने इस आदेश के क्रियान्वयन पर दो दिन के लिए रोक लगा दी.

मीडियावन पर प्रतिबंध के केंद्र के कदम का कई पक्षों ने विरोध किया. विपक्षी दल कांग्रेस ने इस कदम को 'अलोकतांत्रिक' करार दिया.

मीडियावन के संपादक प्रमोद रमण ने एक बयान जारी कर कहा, 'भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मीडियावन चैनल के प्रसारण पर एक बार फिर पाबंदी लगा दी है. सरकार इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दे रही है.'

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मलयालम न्यूज चैनल मीडियावन

संपर्क करने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने मीडियावन चैनल को प्रतिबंधित किए जाने की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी. चैनल ने केंद्र के फैसले को केरल उच्च न्यायालय में चुनौती दी. अदालत ने आदेश के क्रियान्वयन पर दो दिन के लिए रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति एन नागरेश ने मीडियावन का संचालन करने वाली मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड की याचिका पर केंद्र सरकार का पक्ष भी जानना चाहा. कंपनी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एस श्रीकुमार और अधिवक्ता के राकेश ने उच्च न्यायालय से कहा कि चैनल किसी राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल नहीं है. उन्होंने अदालत से मंत्रालय को अपना आदेश वापस लेने का निर्देश देने की अपील की.

राकेश ने कहा, 'सोमवार दोपहर एक बजे मंत्रालय का आदेश मिला. इसके बाद 1.45 बजे तक इसके खिलाफ याचिका दाखिल कर दी गई. तीन बजे याचिका पर त्वरित सुनवाई की अनुमति मिली. अदालत ने बुधवार को अगली सुनवाई तक आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी.'

पढ़ें- यू-ट्यूब के 20 चैनलों पर प्रतिबंध, भारत विरोधी प्रचार करने के आरोप

मंत्रालय की ओर से पेश सहायक सॉलिसिटर जनरल एस मनु ने बताया कि उन्होंने याचिका का विरोध किया और केंद्र सरकार से उचित निर्देश प्राप्त करने के लिए अदालत से समय मांगा. मनु ने बताया कि अदालत ने मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध करते हुए आदेश के क्रियान्वयन पर तब तक रोक लगा दी. इस बीच, केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कदम की आलोचना की.

प्रतिबंध लगाना 'असंवैधानिक' : सतीशन
सतीशन ने कहा, 'मीडियावन चैनल के प्रसारण पर बिना कोई कारण बताए प्रतिबंध लगाना 'असंवैधानिक' है. यह नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है. प्रतिबंध के पीछे की वजह बताना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है.' कांग्रेस नेता ने प्रतिबंध को मीडिया की आजादी पर हमला करार दिया.

इससे पहले, साल 2020 के दिल्ली दंगों के कवरेज को लेकर मीडियावन और एक अन्य मलयालम न्यूज चैनल एशियानेट के प्रसारण पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया गया था. आधिकारिक आदेश में कहा गया था कि दोनों चैनलों ने हिंसा को कुछ इस तरह से कवर किया, जिससे उपासना स्थलों को निशाना बनाए जाने और एक विशेष समुदाय का पक्ष लिए जाने का संदेश जा रहा था.

Last Updated : Feb 1, 2022, 6:42 AM IST

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