हावेरी (कर्नाटक): पुलिस ने कहा कि हावेरी जिले के हनागल तालुक में चार दिन पहले लॉज में अंतरधार्मिक जोड़े पर हमला करने वाले आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने जानकारी दी है कि यौन उत्पीड़न के मामले में पीड़ित महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. 8 जनवरी को उन्होंने हनागल तालुक में एक लॉज के कमरे में घुसकर मोरल पुलिसिंग के नाम पर ऐसा किया था. पीड़ित महिला ने गुरुवार को जिलाधिकारी के समक्ष बयान दर्ज कराया कि सातों आरोपियों ने न सिर्फ उसके साथ मारपीट की बल्कि उसके साथ गैंगरेप भी किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस बयान के आधार पर धारा 376डी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पुलिस ने कहा कि 'घटना के अगले दिन एक आरोपी को दुर्घटना के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल से छुट्टी के बाद उसे हिरासत में ले लिया जाएगा. अन्य आरोपियों की पहचान हो गई है. हमने उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई की है.'
ये है मामला : हनागल तालुक के एक निजी लॉज के कमरे में एक जोड़ा ठहरा था. कुछ लोगों की सूचना पर युवाओं का एक समूह अचानक लॉज में घुस गया. आरोपियों ने पानी आ रहा है या नहीं यह जांचने के बहाने दंपति से कमरे का दरवाजा खोलने को कहा, और फिर कमरे में घुसकर उनके साथ मारपीट की. महिला को लॉज से बाहर ले जाकर धमकाने का वीडियो वायरल हो गया.
कर्नाटक बीजेपी ने किया पोस्ट: घटना के बाद विपक्ष सरकार को घेर रहा है. प्रदेश भाजपा ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'हावेरी महिला पर चौंकाने वाला यौन हमला @सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली @INCKarnataka सरकार के तहत कानून और व्यवस्था में पूरी तरह से गिरावट का एक गंभीर परिणाम है. युवाओं द्वारा दिनदहाड़े एक अंतरधार्मिक जोड़े पर बेरहमी से हमला करने और अपहरण करने का दुस्साहसिक कृत्य नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार की विफलता को रेखांकित करता है.'
भाजपा ने ट्वीट किया 'महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि बड़े पैमाने पर अराजकता को दर्शाती है, जहां अपराधी पुलिस के हस्तक्षेप के डर के बिना काम कर रहे हैं. सिद्धारमैया का प्रशासन इस खतरनाक प्रवृत्ति से निपटने में पूरी तरह से विफल रहा है, जिससे कट्टरपंथी मोरल पुलिसिंग को पनपने और राज्य के निवासियों की सुरक्षा को खतरे में डालने की अनुमति मिली है.'
पूर्व सीएम बोम्मई ने नाराजगी जताई: पूर्व सीएम बोम्मई ने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में आरोपियों के बचाव में खड़ी है. उन्होंने कहा कि 'मॉरल पुलिसिंग मामले में पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय से है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस पीड़ित के बचाव में क्यों नहीं आए?'
बोम्मई ने आरोप लगाया कि बेंगलुरु के आरटी नगर स्थित आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि बेंगलुरु के आरटी नगर स्थित आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि 'साफ है कि हावेरी में मोरल पुलिसिंग के मुद्दे पर सरकार और मुख्यमंत्री दोतरफा नीति दिखा रहे हैं. तटीय इलाकों में मोरल पुलिसिंग के मामलों के खिलाफ आवाज उठाने वाले सिद्धारमैया ने तत्काल कार्रवाई का सुझाव दिया है हालांकि, सीएम ने हावेरी में मोरल पुलिसिंग के खिलाफ कुछ नहीं बोला. और पुलिस को भी कोई सूचना नहीं दी गई.'