श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पूर्व विधायकों सहित अपनी पार्टी के नेताओं के सरकारी आवास कथित तौर पर जबर्दस्ती खाली कराने के खिलाफ रविवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
महबूबा ने आरोप लगाया कि प्रशासन चुनिंदा तरीके से पीडीपी नेताओं को निशाना बना रहा है और उन्हें बिना कोई वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए श्रीनगर में उनके सरकारी आवास खाली करा लिए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर उनके साथ 'कुछ भी अनहोनी होती है' तो वह उपराज्यपाल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराएंगी.
महबूबा ने सिन्हा को संबोधित एक पत्र में कहा, 'प्रशासन जिस तरह से पीडीपी नेताओं और पूर्व विधायकों को चुनिंदा तरीके से निशाना बना रहा है, उससे मैं बहुत चिंतित हूं. ऐसे समय में जब आतंकवाद फिर से बढ़ रहा है, उन्हें बिना कोई वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए श्रीनगर में अपने सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया है.'
उन्होंने कहा कि जो बात इस मामले को और भी बदतर बनाती है वह यह है कि पार्टी नेताओं के उन्हें उन गांवों में सुरक्षा प्रदान करने के बार बार के अनुरोधों के बावजूद जहां के वे मूल रूप से रहने वाले हैं, इन अनुरोधों को 'अस्वीकार' कर दिया गया है.
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पीडीपी प्रमुख ने पत्र में लिखा है, 'राज्य प्रशासन ने सुरक्षा प्रदान करने से इनकार करने के लिए आतंकवादियों की उपस्थिति का हवाला दिया है. लेकिन उसी प्रशासन को उन्हें श्रीनगर में सुरक्षित सरकारी आवास से बेदखल करने और जानबूझकर उन्हें खतरे में डालने से कोई गुरेज नहीं है.'
घाटी में नव निर्वाचित पंचायती और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों की हत्या की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए महबूबा ने कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है कि हाल के दिनों में 'हमने देखा है कि कैसे चुने हुए प्रतिनिधियों को निशाना बनाया गया और यहां तक कि उनकी हत्या कर दी गई क्योंकि वे आसान लक्ष्य हैं, खासकर जब उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती है.'
उन्होंने कहा, 'मैं आपके ध्यान में यह भी लाना चाहती हूं कि पीडीपी के पूर्व विधायक जहूर मीर खुद आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं. उनके पिता (पूर्व विधायक अब्दुल अजीज मीर) की आतंकवादियों ने (दिसंबर 2002) गोली मारकर हत्या कर दी थी.'
उन्होंने कहा, 'ऐसी परिस्थितियों में मुझे यह आश्चर्यजनक और बेहद दुखद लगता है कि जहां एक ओर नये नेताओं का एक वर्ग है, जिन्हें पूरे जम्मू-कश्मीर में उनकी आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए सुरक्षा सहित सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं. लेकिन दूसरी ओर, पीडीपी के सदस्यों के साथ घोर तिरस्कार और अपमानजनक व्यवहार किया जाता है. यह लगभग ऐसा ही है कि प्रशासन जानबूझ कर उनकी जान जोखिम में डाल रहा है.'
'सुधारात्मक कदम' उठाने के लिए उपराज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए महबूबा ने कहा कि वह बताना चाहती हैं कि 'अगर मेरी पार्टी के किसी भी व्यक्ति के साथ कुछ भी अनहोनी होती है, तो मैं इस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराऊंगी.'
(पीटीआई)