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कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए बीच का रास्ता निकाला जाए: मुफ्ती

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (mehbooba mufti) ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए बीच का रास्ता निकालने पर जोर दिया. पढ़ें पूरी खबर.

mehbooba mufti
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती
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Published : Dec 24, 2022, 6:12 PM IST

जम्मू : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती (mehbooba mufti) ने शनिवार को कहा कि प्रवासी कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने की चेतावनी देने के बजाय जम्मू-कश्मीर प्रशासन को घाटी में हाल में लक्षित हत्याओं को ध्यान में रखते हुए बीच का रास्ता निकालना चाहिए.

प्रवासी कश्मीरी पंडित और जम्मू-आधारित आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों ने मई में दो सहयोगियों की लक्षित हत्याओं के बाद घाटी छोड़ दी थी. वे कश्मीर के बाहर पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.

हालांकि, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पिछले बुधवार को कहा था कि घाटी में कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदाय के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं और तबादले की मांग करने वालों को एक 'जोरदार और स्पष्ट' संदेश भेजा था कि घर पर बैठे लोगों को वेतन नहीं दिया जाएगा.

मुफ्ती ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, 'प्रशासन को उनकी समस्याओं को जानने और उनका समाधान करने की कोशिश करने की जरूरत है. ड्यूटी पर लौटने की चेतावनी देना गलत है.'

उन्होंने कहा, 'पंडितों सहित सभी लोगों ने बहुत कुछ सहन किया है, लेकिन सरकार को समुदाय के सदस्यों की हाल में हुई (लक्षित) हत्या के मामलों पर विचार करना चाहिए.' मुफ्ती ने कहा, 'जब वे संतुष्ट हो जाएंगे कि कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है, तो वे वापस लौट जाएंगे, लेकिन उन्हें इस तरह मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.'

पढ़ें- नाराज कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने भाजपा कार्यालय का घेराव किया

(पीटीआई-भाषा)

जम्मू : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती (mehbooba mufti) ने शनिवार को कहा कि प्रवासी कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने की चेतावनी देने के बजाय जम्मू-कश्मीर प्रशासन को घाटी में हाल में लक्षित हत्याओं को ध्यान में रखते हुए बीच का रास्ता निकालना चाहिए.

प्रवासी कश्मीरी पंडित और जम्मू-आधारित आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों ने मई में दो सहयोगियों की लक्षित हत्याओं के बाद घाटी छोड़ दी थी. वे कश्मीर के बाहर पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.

हालांकि, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पिछले बुधवार को कहा था कि घाटी में कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदाय के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं और तबादले की मांग करने वालों को एक 'जोरदार और स्पष्ट' संदेश भेजा था कि घर पर बैठे लोगों को वेतन नहीं दिया जाएगा.

मुफ्ती ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, 'प्रशासन को उनकी समस्याओं को जानने और उनका समाधान करने की कोशिश करने की जरूरत है. ड्यूटी पर लौटने की चेतावनी देना गलत है.'

उन्होंने कहा, 'पंडितों सहित सभी लोगों ने बहुत कुछ सहन किया है, लेकिन सरकार को समुदाय के सदस्यों की हाल में हुई (लक्षित) हत्या के मामलों पर विचार करना चाहिए.' मुफ्ती ने कहा, 'जब वे संतुष्ट हो जाएंगे कि कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है, तो वे वापस लौट जाएंगे, लेकिन उन्हें इस तरह मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.'

पढ़ें- नाराज कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने भाजपा कार्यालय का घेराव किया

(पीटीआई-भाषा)

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