लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मरेठ के रहने वाले गोतस्कर अकबर बंजारा (Akbar Banjara) और सलमान बंजारा (Salman Banjara) असम पुलिस (Assam Police) के एनकाउंटर में मारे गए. इसके बाद से दोनों को लेकर तमाम तरह की बातें समाने आ रहीं हैं. कहा जा रहा है कि दोनों ही आरोपियों का ताल्लुक IS आतंकियों से था. इसी के चलते जांच एजेंसी ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक, 12 सितंबर 2009 को कानपुर में पकड़े आईएसआई एजेंट इम्तियाज के लिए टेरर फंडिंग के सिलसिले में सलमान बंजारा की गिरफ्तारी हुई थी. 10 जनवरी 2009 को मेरठ कैंट में पकड़े गए आईएसआई एजेंट अमीर अहमद उर्फ भूरा और 2 जून 2011 को रुड़की में पकड़ा गया मेरठ निवासी आइएसआइ एजेंट फुरकान अहमद उर्फ अजय ने मेरठ में हवाला कनेक्शन होने का खुलासा किया था. इसके बाद जांच एजेंसी को सलमान बंजारा की मुख्य भूमिका का शक है.
फिर 26 जनवरी 2010 को मेरठ की रूबी और पाकिस्तानी असद को रुड़की में गिरफ्तार किया गया था. यही नहीं, असद मेरठ में नाम बदलकर रह रहा था. पासपोर्ट भी बनवा रखा था. जांच एजेंसी ने दोनों को आईएसआई एजेंट बताया था. इनका भी संपर्क सलमान और अकबर बंजारा से बताया गया है. वहीं, मेरठ के लिसाड़ी गेट का रहने वाला सलीम उर्फ पतला का नाम भी सुर्खियों में रहा है. इसके संपर्क में सलमान और बंजारा आए थे.
उसके बाद वो मेरठ में आईएअसाई के एजेंट की आर्थिक मदद करने लगे. 11 जनवरी 2010 को मेरठ के ही आबूलेन में आईएसआई एजेंट नासिर गिरफ्तार हुआ था जबकि असम पुलिस के एनकाउंटर में मारे गए सलमान का नासिर से भी संपर्क बताया गया था. गौरतलब है कि 13 अप्रैल को मेरठ पुलिस ने अकबर बंजारा, उसके भाई सलमान और शमीम को गिरफ्तार किया था. इसके बाद असम पुलिस तीनों को बी वारेंट पर असम ले गए थे. यहां 19 अप्रैल को दोनों ही एनकाउंटर में मारे गए थे.