कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्कूल भर्ती घोटाले के सिलसिले में अपने कैबिनेट सहयोगी एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद बुधवार को मीडिया को पार्टी के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान शुरू करने के लिए आड़े हाथ लिया. बनर्जी ने साथ ही इस बात पर जोर भी दिया कि अदालत द्वारा किसी को दोषी ठहराये जाने के बाद दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक दलों को बदनाम करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. टीटागढ़ वैगन्स के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने घोटाले में 'मीडिया ट्रायल' की निंदा की.
उन्होंने कहा, "जब आप एक बड़ा संस्थान चलाते हैं, तो गलतियां हो सकती हैं. यदि किसी ने कोई गलती की है और वह कानूनी रूप से साबित हो गया है, तो उसे दंडित किया जाना चाहिए लेकिन मैं किसी भी दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान के खिलाफ हूं. मीडिया 'कंगारू' (अदालत) की भूमिका निभा रहा है. एक वरिष्ठ न्यायाधीश ने भी हाल ही में यह कहा था."
गौरतलब है कि राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमणा ने मीडिया पर 'कंगारू अदालत' वाली टिप्पणी की थी. बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र में विपक्षी नेताओं के साथ-साथ उद्योगपतियों को भी "सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर एजेंसियों द्वारा धमकाया जा रहा है." उन्होंने कहा, "यदि एजेंसियां निष्पक्ष रूप से काम करती हैं तो मुझे कोई समस्या नहीं है. इनका इस्तेमाल पार्टियों को बदनाम करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए."
मंगलवार को राज्यसभा से विपक्षी दलों के 19 सदस्यों के निलंबन की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए बनर्जी ने कहा, "इन दिनों, यदि आप किसी चीज का विरोध करते हैं, तो आप निलंबित हो जाते हैं." निलंबित सांसदों में सात टीएमसी और छह द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के हैं. उन्होंने दावा किया कि भाजपा 2024 में चुनाव हार जाएगी. उन्होंने कहा, "मैं संख्याओं के बारे में बात कर सकती हूं और वे कहां से आएंगे, हालांकि, मुझे विश्वास है कि भाजपा सत्ता में नहीं आएगी."