नई दिल्ली/गाजियाबाद : सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की अगुआई में गुजरात समेत 23 राज्यों के तकरीबन दो हजार गांवों से मिट्टी लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं का जत्था मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा. जिसका भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने स्वागत किया.
गुजरात के 800 गावों की मिट्टी
यह मिट्टी सोमवार को शहाजहांपुर बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर पहुंची थी, इसके बाद आज सुबह सामाजिक कार्यकर्ताओं का जत्था गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा. सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन आज देश का सबसे बड़ा जन आंदोलन बन चुका है. अन्न सुरक्षा को बचाने के लिए खेती को बचाना बहुत जरूरी है. किसान आंदोलन को मजबूत बनाने और अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए आज सामाजिक कार्यकर्ता 23 राज्यों के तकरीबन दो हजार गांवों की मिट्टी लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हैं. जिसमें गुजरात के 800 गांवों से मिट्टी लेकर सामाजिक कार्यकर्ता बॉर्डर पहुंचे हैं.
उन्होंने कहा कि गुजरात के दांडी से शुरू हुए मिट्टी सत्याग्रह यात्रा में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता बारदोली होते हुए साबरमती आश्रम पहुंचे. जिसके बाद मिट्टी सत्याग्रह यात्रा हिम्मतनगर होते हुए राजस्थान के कई गांवों से निकलकर हरियाणा पहुंची और सोमवार को शहाजहांपुर बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर दिल्ली पहुंचे. आज गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. पाटकर ने कहा शहीद भगत सिंह, सरदार पटेल, चंद्रशेखर आजाद, ऊधम सिंह और सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों के गांवों से मिट्टी लाई गई है.
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बनाए जाएंगे किसान स्मारक
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि मेधा पाटकर की अगुआई में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई मिट्टी से दिल्ली की सरहदों पर किसान स्मारक बनाए जाएंगे. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिट्टी को किसान नेता राकेश टिकैत को सौंपा है.