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यूपी और उत्तराखंड में अकेले चुनाव लड़ेगी बीएसपी : मायावती - BSP chief Mayawati birthday

बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया कि अगर केंद्र और उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार यहां के आम लोगों को कोरोना टीकाकरण सुविधा मुफ़्त में नहीं देती तो इस बार यहां BSP की सरकार बनने पर ये सुविधा मुफ़्त में दी जाएगी. पढ़ें विस्तार से...

मायावती
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Published : Jan 15, 2021, 11:12 AM IST

Updated : Jan 15, 2021, 12:38 PM IST

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को कहा कि अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर सरकार बनाएगी.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिन के मौके पर केंद्र सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह सभी नागरिकों को मुफ्त में टीका लगाए जाने की सुविधा प्रदान करे तथा तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने समेत किसानों की सभी मांगें भी स्वीकार करे.

मायावती आज 65 साल की हो गईं. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से 'जनकल्याणकारी दिवस' के रूप में उनका जन्मदिन मनाने की अपील की. जन्मदिन के मौके पर उन्होंने अपनी पुस्तक ‘मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ का विमोचन भी किया.

उन्होंने एक बयान में कहा, 'उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बसपा इन दोनों राज्यों में किसी भी दल के साथ किसी तरह का चुनावी समझौता नहीं करेगी. इसका मतलब यह है कि बसपा इन दोनों राज्यों में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी.'

बसपा प्रमुख ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में पहले के सपा और कांग्रेस के शासनकाल तथा अब भाजपा के शासनकाल को भी लोग पसंद नहीं कर रहे हैं. वे बसपा को मौका देना चाहते हैं. उत्तराखंड में भी यही स्थिति है.

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, 'विरोधी पार्टियों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर बसपा को सत्ता में आने से रोका है. अब तो ये पार्टियां ख्ररीद-फरोख्त करके और पर्दे के पीछे से दूसरे संगठन बनवाकर कमजोर वर्गों के वोट बांट रही हैं. ये पार्टियां अंग्रेजों की तरह से ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर चलकर गरीबों और कमजोरों पर राज करती आ रही हैं.'

मायावती ने कहा, 'हमें गरीबों, कमजोरों और उपेक्षित वर्गों के वोटों को बंटने नहीं देना है. हमें इन वर्गों को फिर साथ करके सत्ता हासिल करनी है. 2003 के अनुभवों से प्रेरणा लेकर बसपा को फिर से सत्ता में आना है. उस समय की मेहनत का नतीजा था कि 2007 में बसपा की बहुमत की सरकार बनी थी. उसी तरह से एक बार फिर सत्ता प्राप्त करनी है.'

यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल : तृणमूल सांसद शताब्दी रॉय पार्टी से क्षुब्ध, फेसबुक पर बताई पीड़ा

उन्होंने कहा, 'अगर कार्यकर्ता मेहनत करके उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों में बसपा की सरकार लाते हैं तो यही मेरे जन्मदिन का तोहफा होगा.' किसान आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने केंद्र से आग्रह किया, 'सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेने समेत किसानों की सभी मागों को स्वीकार करना चाहिए.'

मायावती ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सबको कोरोना का टीका मुफ्त लगाया जाना चाहिए और अगर वह ऐसा नहीं करती है तो फिर राज्य सरकारों को लोगों को यह सुविधा देनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर उत्तर प्रदेश में टीके की सुविधा मुफ्त में नहीं दी जाती है तो हमारी सरकार बनने के बाद लोगों को मुफ्त में टीका लगाया जाएगा.'

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को कहा कि अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर सरकार बनाएगी.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिन के मौके पर केंद्र सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह सभी नागरिकों को मुफ्त में टीका लगाए जाने की सुविधा प्रदान करे तथा तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने समेत किसानों की सभी मांगें भी स्वीकार करे.

मायावती आज 65 साल की हो गईं. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से 'जनकल्याणकारी दिवस' के रूप में उनका जन्मदिन मनाने की अपील की. जन्मदिन के मौके पर उन्होंने अपनी पुस्तक ‘मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ का विमोचन भी किया.

उन्होंने एक बयान में कहा, 'उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बसपा इन दोनों राज्यों में किसी भी दल के साथ किसी तरह का चुनावी समझौता नहीं करेगी. इसका मतलब यह है कि बसपा इन दोनों राज्यों में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी.'

बसपा प्रमुख ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में पहले के सपा और कांग्रेस के शासनकाल तथा अब भाजपा के शासनकाल को भी लोग पसंद नहीं कर रहे हैं. वे बसपा को मौका देना चाहते हैं. उत्तराखंड में भी यही स्थिति है.

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, 'विरोधी पार्टियों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर बसपा को सत्ता में आने से रोका है. अब तो ये पार्टियां ख्ररीद-फरोख्त करके और पर्दे के पीछे से दूसरे संगठन बनवाकर कमजोर वर्गों के वोट बांट रही हैं. ये पार्टियां अंग्रेजों की तरह से ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर चलकर गरीबों और कमजोरों पर राज करती आ रही हैं.'

मायावती ने कहा, 'हमें गरीबों, कमजोरों और उपेक्षित वर्गों के वोटों को बंटने नहीं देना है. हमें इन वर्गों को फिर साथ करके सत्ता हासिल करनी है. 2003 के अनुभवों से प्रेरणा लेकर बसपा को फिर से सत्ता में आना है. उस समय की मेहनत का नतीजा था कि 2007 में बसपा की बहुमत की सरकार बनी थी. उसी तरह से एक बार फिर सत्ता प्राप्त करनी है.'

यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल : तृणमूल सांसद शताब्दी रॉय पार्टी से क्षुब्ध, फेसबुक पर बताई पीड़ा

उन्होंने कहा, 'अगर कार्यकर्ता मेहनत करके उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों में बसपा की सरकार लाते हैं तो यही मेरे जन्मदिन का तोहफा होगा.' किसान आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने केंद्र से आग्रह किया, 'सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेने समेत किसानों की सभी मागों को स्वीकार करना चाहिए.'

मायावती ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सबको कोरोना का टीका मुफ्त लगाया जाना चाहिए और अगर वह ऐसा नहीं करती है तो फिर राज्य सरकारों को लोगों को यह सुविधा देनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर उत्तर प्रदेश में टीके की सुविधा मुफ्त में नहीं दी जाती है तो हमारी सरकार बनने के बाद लोगों को मुफ्त में टीका लगाया जाएगा.'

Last Updated : Jan 15, 2021, 12:38 PM IST
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