लखनऊ/ नई दिल्ली : कृषि बिल के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. संसद का बजट सत्र भी किसानों और उनसे जुड़े मुद्दों को लेकर गरम है. इन सबके बीच आम बजट पर सांसदों की चर्चा भी जारी है. उत्तर प्रदेश के मथुरा से लोकसभा सांसद व अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अपनी स्पीच को दौरान आम बजट की तुलना अपनी 80 के दशक में आई एक फिल्म 'सीता और गीता' से की तो सदन में मौजूद सभी सदस्य ठहाके लगने लगे. दरअसल, सांसद हेमा मालिनी इस बार के बजट को पहले की तुलना में काफी बोल्ड और प्रगतिशील बता रही थीं.
बजट सत्र में चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने बजट को भारत के उज्जवल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस बार के बजट ने हमको हमारी एक फिल्म सीता और गीता की याद दिला दी. उन्होंने कहा कि इस फिल्म में मैंने डबल रोल किया, एक सीता का और एक गीता का. फिल्म में सीता का कैरेक्टर बेहद शर्मीली और डरा हुआ है, वहीं दूसरा कैरेक्टर गीता जो कि बेहद निडर और बोल्ड है. उन्होंने कहा कि इस बार का बजट गीता की तरह की आगामी चुनौतियों से लड़ने वाला और देश के विकास में अहम रोल निभाने वाला है. यह बजट आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने वाला और देश के भाग्य को बदलने वाला बताया.
प्रधानमंत्री मोदी को किसान विरोधी कहना ठीक नहीं
अपने भाषण के दौरान हेमा मालिनी ने देश में चल रहे किसान आंदोलन को भी साधा. उन्होंने बजट को किसान के हित में बताया साथ ही किसान के हित में महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि देश के किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए बजट में कई प्रवाधान किए गए हैं, जो बहुत ही प्रशंसनीय हैं. इस बजट में पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाकर 30 हजार करोड़ की अतिरिक्त राजस्व प्राप्त का लक्ष्य रखा गया है, जो केवल किसानों के ही हित में जाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए इतना सबकुछ करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी को किसान विरोधी कहना ठीक नहीं है. हेमा मालिनी ने कहा कि राज्यसभा और फिर लोकसभा में प्रधानमंत्री विपक्ष को लगातार समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि पहले किसानों के हित में तीनों बिल लागू हो जाने दीजिए, उसके बाद अगर कोई समस्या आती है तो उसमें सुधार संभव है.
महिलाओं के लिए किया गया विशेष प्रावधान
सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारण का धन्यवाद कहना चाहूंगी जिन्होंने देश की महिलाओं को पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का सुनहरा मौका दिया. इस बजट में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट में 16.31 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है, जो पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि मैं पूरे देश की महिलाओं की तरफ से प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद कहना चाहूंगी. सोने पर कस्टम ड्यूटी 12 प्रतिशत से 7 प्रतिशत तक कम करने के लिए सरकार बधाई की पात्र है.
पढ़ें : गुलाम नबी आजाद के बाद कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष की तलाश तेज, कई नामों पर चर्चा
उन्होंने कहा कि बजट के माध्यम से सरकार पिछले छह सालों में देश में नई-नई योजनाओं के माध्यम से देश वासियों के जीवन में परिवर्तन लाने की कोशिश की गई है. चाहे जरूरतमंद हों, किसान हों, कामगार हों, युवा हों, महिलाएं हों, पिछड़ा हो या फिर बनबासी-प्रवासी हो. भारत माता के सभी पुत्र और पुत्रियां सम्मान जनक जीवन जी रहे हैं.
आत्मनिर्भर भारत में शिक्षा का महत्वपूर्ण रोल
सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में शिक्षा का महत्वपूर्ण रोल होगा. इसके लिए सरकार ने बजट में 93,224 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण होगा.
जीएसटी का रिकार्ड कलेक्शन, अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत
सांसद हेमा मालिनी ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि जहां एक तरफ कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा वहीं सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों से यह कम समय में एक बार फिर रफ्तार पकड़ रही है. जीएसटी में हुए रिकार्ड कलेक्शन इसी बात का संकेत दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनवरी 2021 में ही 1.2 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्शन एक रिकार्ड है. यह एक बड़ा इकोनॉमिक रिकवरी और हाई इकोनॉमिक ग्रोथ का संकेत है.
उन्होंने कहा कि बीते छह साल में भारत का जो विकास हुआ है, देशवासियों के जीवन में जो परिवर्तन आया है वो आजादी के 6 से 7 दशकों तक कभी नहीं हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश बहुत तेजी से न सिर्फ विकास कर रहा है, बल्कि दुनिया भर में नाम रोश कर रहा है. उन्होंने ब्रज (मथुरा) की जनता की तरफ से प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.
सदन में रखी ये मांग
सदन में मौजूद वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से सांसद हेमा मालिनी ने ईपीएफ और अन्य पेंशनर की मांगों पर विचार करने की बात कही साथ ही उनके लिए बजट में अलग से प्रावधान की मांग की.