अलाप्पुझा: केरल के मवेलिकारा अलप्पुझा में मरियम्मा (61) नाम की महिला हत्या के मामले में 33 साल बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई है. आरोपी का नाम रेजी है, जिसको मावेलिककारा पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक रेजी, मिनी राजू के झूठे नाम से एर्नाकुलम जिले की पोथनिक्कड पल्लारीमंगलम पंचायत में रह रही थी. पुलिस के मुताबिक नौकरानी रेजी ने 21 फरवरी 1990 को मरियम्मा की घर के अंदर हत्या कर दी थी.
पुलिस ने बताया कि मरियम्मा की हत्या लूटपाट के इरादे से की गई थी. उसकी गर्दन पर रसोई में इस्तेमाल किए गए चाकू के गहरे घाव किए गए थे. मरियम्मा की सोने की चेन चुराने वाले ने उसका कान काट कर सोने की बाली भी उतार ली थी. मरियम्मा को नौ बार चाकू मारा गया था. पुलिस के मुताबिक मरियम्मा की हत्या रेजी ने की थी, जो मरियम्मा का नौकर था. जांच के दौरान रेजी को गिरफ्तार कर लिया गया थी. साल 1993 में मावेलिक्कारा अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए रेजी को बरी कर दिया था.
फिर 11 सितंबर, 1996 को उच्च न्यायालय ने अभियोजन पक्ष द्वारा दायर अपील में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. फैसले के कुछ ही घंटों के भीतर रेजी फरार हो गया. इसके बाद रेजी को ढूंढने के लिए तमिलनाडु, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और केरल में खोजबीन की गई, लेकिन वह नहीं मिला. तब मावेलिककारा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने रेजी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था.
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इसके बाद, चेंगन्नूर डीवाईएसपी एमके बिनुकुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया और इसमें मावेलिककारा पुलिस इंस्पेक्टर सी श्रीजीत, वरिष्ठ नागरिक पुलिस अधिकारी उन्नीकृष्ण पिल्लई, मुहम्मद शफीक और अरुण भास्कर शामिल थे. पता चला कि रेजी के फरार होने से पहले उसने मिनी नाम से कोट्टायम जिले में कई जगहों पर नौकर के रूप में काम किया और तमिलनाडु के एक निर्माण श्रमिक से शादी करने के बाद वह तमिलनाडु चली गई.
जांच के बाद पता चला कि रेजी अपने परिवार के साथ एर्नाकुलम पोथानिक्कड पल्लारीमंगलम में मिनी राजू के नाम से 27 साल से रह रही थी. विशेष जांच दल वहां पहुंचा और रेजी को गिरफ्तार कर लिया.