पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों की खौफनाक रणनीति का खुलासा पलामू पुलिस ने किया है. पहले विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस और जर्मनी ने जिस तकनीक से लैंडमाइंस लगाया और उसे विस्फोट कराया था, ठीक उसी तकनीक को माओवादियों ने अपनाया है. पुलिस और सुरक्षाबलों को नक्सली ऑपरेशन के दौरान माओवादियों की डायरी हाथ लगी है. जिसमें हमले और विस्फोट का जिक्र है. दरअसल, झारखंड-बिहार सीमा पर कुछ दिनों पहले एंटी नक्सल अभियान शुरू किया गया था. अभियान के दौरान मनातू थाना क्षेत्र के कुंडीलपुर के बिरहोरी जंगल से पुलिस और सुरक्षाबलों को विस्फोटक समेत कई सामग्री मिली थी.
डायरी में हमले के तरीकों का है जिक्रः मौके से एक डायरी भी मिली है, जो करीब 20 से 25 पेज की है. डायरी में माओवादियों द्वारा लैंड माइंस लगाने के तरीके और हमले के तरीके का पूरा खाका है. डायरी के साथ एक मैप भी बरामद हुआ है. इस मैप में पुलिस और सुरक्षाबलों पर हमले की योजना का जिक्र है. यह डायरी पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस डायरी से माओवादियों की खौफनाक रणनीति का खुलासा हुआ है. जिसके बाद पलामू पुलिस हाई अलर्ट पर है.
माओवादियों के नए कैडर के लिए तैयार की गई थी डायरीः माओवादियों ने इस डायरी को छुपा कर रखा था. यह डायरी माओवादियों के नए कैडर और कमांडर के लिए तैयार किया गया था. मिली जानकारी के अनुसार कुछ महीने पहले पलामू-चतरा सीमा पर माओवादियों का टेक्निकल एक्सपर्ट अजीत उर्फ चार्लीस मारा गया था. आशंका जताई जा रही है उसी ने इस डायरी को तैयार किया था. माओवादियों के यूनिफाइड कमांड छकरबंधा और पलामू-चतरा सीमा पर अभियान शुरू हुआ था. अभियान के दौरान ईनामी माओवादी मनोहर गंझू ने इसे छुपाया था.
कितनी महत्वपूर्ण है डायरी, क्या कहती है पुलिसः इस संबंध में पलामू एसपी रिष्मा रमेशन ने कहा कि बरामद डायरी महत्वपूर्ण है. इसके तथ्यों की जांच की जा रही है. यह डायरी माओवादियों के कैडर के लिए तैयार की गई थी. एसपी ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है. नक्सल संगठनों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.
माओवादियों की डायरी में सरप्राइज अटैक का जिक्रः माओवादियों की डायरी में सरप्राइज अटैक का जिक्र है. इस सरप्राइज अटैक का एक मैप तैयार किया गया है. मैप के माध्यम से यह बताने की कोशिश की गई है कि पुलिस और सुरक्षाबलों पर किस तरह अटैक करना है और गोली चलानी है. मैप को चित्र के माध्यम से तैयार किया गया है और मौके पर अलग-अलग ग्रुपों द्वारा किस प्रकार हमला करना है यह दर्शाया गया है. फायरिंग के दौरान किस तरह की नीति रहेगी यह भी बताया गया है.
डायरी में लैंड माइंस के पांच अलग-अलग तरीकों का जिक्र किया गया है. लैंड माइंस विस्फोट के देसी तरीके की भी जानकारी दी गई है. डायरी में सबसे अधिक उच्च क्षमता वाले लैंड माइंस का जिक्र किया गया है. डायरी में सोडा माल्टा से किस तरह लैंडमाइंस तैयार किया जा सकता है उसकी पूरी विधि बताई गई है. पहले विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस और जर्मनी ने लैंडमाइंस की जिस तकनीक का इस्तेमाल किया था उसका ब्योरा है. पहले विश्व युद्ध में किस तरह से सोडा और माल्टा से लैंड माइंस तैयार किया गया था उसका पूरा ब्योरा डायरी में लिखा है.