हैदराबाद : विश्व कार फ्री दिवस हर साल 22 सितंबर को मनाया जाता है. इस दौरान कार चालकों को एक दिन के लिए अपनी-अपनी कारों को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे इससे होने वाले व्यक्तिगत और सार्वजनिक लाभ का अनुभव कर सकें. इससे वायु प्रदूषण में कमी आने के साथ-साथ आर्थिक फायदा होता है. कार के बदले पैदल चलने या साइकलिंग करने से स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
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- भारत में आज भी व्यक्तिगत कारों की संख्या दुनिया के अन्य राष्ट्रों की तुलना में काफी कम है. नीति आयोग के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी व वर्तमान में जी20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत के अनुसार भारत में कार मालिकों की संख्या वैश्विक अनुपात में काफी कम है. भारत में 2018 के आकड़ों के अनुसार जहां प्रति हजार लोगों पर मात्र 22 लोगों के पास कार है. वहीं अमेरिका में 980, ब्रिटेन में 850 है. न्यूजलैंड में यह आंकड़ा 774 है, अस्ट्रेलिया में 740, कनाडा में 662, जापान में 591 औक चीन जैसे विकासित देश में यह औसत मात्र 164 है.
- अंतराष्ट्रीय उर्जा एजेंसी के अनुसार 2040 तक भारत में औसतन व्यक्तिगत कारें के अनुपात में 775 फीसदी बढ़ोतरी होने के बाद यह प्रति एक हजार व्यक्ति पर कारों की संख्या 175 तक होने का अनुमान है.
- दिसंबर 2020 में जारी NHFS-5 की रिपोर्ट के अनुसार 8 फीसदी परिवारों में कारें हैं. या कहें चो हर 12 घर में मात्र एक परिवार के पास कार है. वहीं 55 फीसदी परिवारों के पास अपनी साइकिल है. वहीं 54 फीसदी लोगों के पास दोपहिया वाहन है.
- वैश्विक आंकड़े के अनुसार ज्यादातर भारतीय रोजना औसतन 5 किलोमीटर की यात्रा कर अपने कार्य स्थल पर जाते हैं. जबकि अमेरिका में यह औसत 26 किलोमीटर है.
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- सितंबर 2015 में कार फ्री डे के परिणाम चौकाने वाला रहा है. उदाहरण के तौर पर फ्रांस के पेरिस में एक दिन कारें नहीं होने के कारण वायु प्रदूषण में 40 फीसदी की कमी दर्ज की हुई थी.
विश्व कार फ्री नेटवर्क के अनुसार वर्ल्ड कार फ्री डे इस बात को प्रदर्शित करने का एक तरीका है कि सालों भर बिना कार के हमारे शहर कैस दिख सकते हैं. एक दिन बिना कार के शहर रहने से समाज, व्यक्तिगत जीवन, प्रदूषण का स्तर सहित अन्य कारकों पर जो प्रभाव होता है, अगर वह साल भर हो जाय तो उस बदलाव की कल्पना की जा सकती है.
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— MCG (@MunCorpGurugram) September 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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बता दें कि हर साल 16-22 सितंबर तक यूरोपीय शहरों में मोबिलिटी सप्ताह के दौरान शहरों में स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन व्यवस्था के लिए समर्थन प्रदर्शित करते हैं. कार फ्री डे के दिन भीड़भाड़ वाली सड़कों का उपयोग अलग-अलग तरीकों से करते हैं. इन दिनों खाली सड़कों का उपयोग में वैकल्पिक ऊर्जा से चलने वाले वाहनों के लिए, साओ पाउलो में घुड़सवारी, जकार्ता में दौड़ प्रतियोगिता, वियना में सड़कों पर पिकनिक सहित अन्य आयोजन किये जाते हैं. साथ प्रदूषण फ्री वाहन के विकल्पों पर बल दिया जाता है.
ज्यादातर शहरों को कारों की गतिशीलता के लिए डिजाइन किया गया है. अब समय आ गया है कि हम इसे बदलें और मानव गतिशीलता को ध्यान में रखकर शहरों को डिजाइन करना शुरू करें. रॉब डी जोंग, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की वायु गुणवत्ता और गतिशीलता इकाई के प्रमुख
प्रदूषण के कारण सालाना लाख लोगों की होती है मौत
जानकारों के अनुसार कार फ्री दिवस शहरवासियों को एहसास कराने के लिए एक बड़ा अवसर होता है, जिसमें प्रदूषण हमारे जीवन को किस स्तर तक प्रभावित करता है. शहरों में वायु प्रदूषण के मुख्य श्रोत वाहन हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, अकेले वायु प्रदूषण से साल 2016 में प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के कारण लगभग 42 लाख लोगों की मौत हुई थी. बता दें कि परिवहन जीवाश्म ईंधन CO2 (Fossil Fuel CO2 Emissions) उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत है और यह तेजी से बढ़ रहा है, जो जलवायु परिवर्तन के मुख्य कारणों में से एक है.
लैटिन अमेरिकी देशों की विशेषज्ञता रखने वाले एक जानकार ओसोरिया के अनुसार अमेरिकी देशों में कारों के लिए अधिकतर स्पेश दे दिया गया है. हमने इस दौरान इंसोनों को ध्यान में नहीं रखा. हमारे पास पार्कों या पैदल चलने वालों के लिए जगह नहीं बची है. हम इंसानों के बारे में भूल गये हैं. अब आ गया है इंसानों के लिए खोई हुई जगह वापस हासिल हो.
ब्रीथ लाइफ अभियान
कार फ्री दिवस की तरह ब्रीथ लाइफ यानि स्वच्छ हवा के लिए एक वैश्विक अभियान कई देशों में चलाया जा रहा है. ब्रीथ लाइफ - स्वच्छ हवा के लिए एक वैश्विक अभियान है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ वायु के बारे में लोगों को जागरूक कर इस अभियान से जोड़कर बदलाव लाना है. अभियान के दौरान अपशिष्ट जालाने पर रोक लगाना, हरे-भरे स्थानों पर पैदल और साइकिलिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस अभियान से 42 लाख से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं.
शेयर द रोड कार्यक्रम
बता दें संयुक्त राष्ट्र की ओर से पर्यावरण पर जारी शेयर द रोड कार्यक्रम (UN Environment’s Share the Road Programme ) के तहत विभिन्न देशों और नीति निर्मातों को पैदल और साइकिल चलाने वालों के लिए सड़कों के किनारे अधिक से अधिक जगह के मॉडल पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी के तहत स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में साइकलिंग और पैदल पथ का निर्माण कराया जा रहा है.