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मनीष गुप्ता हत्याकांड : फरार चल रहा आरोपी पुलिसकर्मी विजय यादव गिरफ्तार - Thana Ramgarhtal

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुए बहुचर्चित मनीष गुप्ता हत्याकांड में पुलिस ने कई दिनों से फरार चल रहे छठे आरोपी पुलिसकर्मी विजय यादव को भी गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में पुलिस पांच आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

मनीष गुप्ता हत्याकांड
मनीष गुप्ता हत्याकांड
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Published : Oct 16, 2021, 5:29 PM IST

गोरखपुर : रामगढ़ थाना क्षेत्र में कानपुर व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में छठे आरोपी सब इंस्पेक्टर विजय यादव को भी कैंट पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पुलिसकर्मी परिजन से मिलने की फिराक में था. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने थाना क्षेत्र के रेल म्यूजियम के पास से विजय यादव को गिरफ्तार किया. मनीष गुप्ता हत्याकांड में इससे पहले रामगढ़ एसचओ जगत नारायण, फल मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप दुबे, हेड कॉन्स्टेबल कमलेश यादव को गिरफ्तार किया जा चुका है. छठा आरोपी सब इंस्पेक्टर विजय यादव घटना के बाद से ही फरार चल रहा था, जो शनिवार को पुलिस की गिरफ्त में आ गया.

बता दें कि कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता (35) अपने दोस्त हरवीर सिंह और प्रदीप चौहान के साथ 27 सितंबर को गोरखपुर घूमने गए थे. मनीष अपने दोस्तों के साथ रामगढ़ताल इलाके के होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर 512 में रुके थे. 27 सिंतबर की रात करीब 12 बजे रामगढ़ताल थाने की पुलिस होटल पहुंची. इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा के साथ कुछ सिपाही भी थे. पुलिस होटल के रिसेप्सनिस्ट को साथ लेकर कमरा चेक करने लगी.

पुलिस ने 512 नंबर का कमरा खुलवाया और कहा कि चेकिंग हो रही है, आईडी दिखाओ. हरवीर और प्रदीप ने अपनी आईडी दिखा दी. उस समय मनीष सो रहे थे. पुलिस के उठाए जाने पर मनीष ने पूछा कि ये कौन सा समय है चेकिंग करने का? क्या हम लोग आतंकवादी हैं? आरोप है कि इतनी सी बात पर पुलिस वालों ने मनीष के साथ मारपीट शुरू कर दी. पहले दोनों दोस्तों को मारा और कमरे से बाहर निकाल दिया. आरोप है कि कमरे के अंदर पुलिसवालों ने मनीष की खूब पिटाई की. पुलिसवालों ने जब मनीष को कमरे से बाहर लाया तो वह लहूलुहान और बेसुध थे. आरोप है कि पुलिसवाले गाड़ी से पहले किसी अस्पताल ले गए और कुछ देर बाद वापस होटल लेकर चले आए और बताया कि मनीष की मौत हो गई है.

वहीं, गोरखपुर के एसएसपी ने शुरुआती जांच में इसे बिस्तर से गिरकर हुई मौत का मामला बताया था. जब मनीष गुप्ता की पत्नी कार्रवाई करने पर अड़ी रहीं और इस मामले को लेकर विवाद गहराया, तब कहीं जाकर 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ 302 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. इस मामले में रामगढ़ताल SO जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा और सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कॉन्स्टेबल कमलेश यादव और हेड कॉन्स्टेबल प्रशांत कुमार को आरोपी बनाया गया है. बता दें कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चोट की पुष्टि हुई है. मनीष के शरीर पर 4 गंभीर चोटों की जानकारी मिली है. उनके सिर में 5 सेंटीमीटर बाइ 4 सेंटीमीटर का घाव मिला. इसके अलावा दाहिने हाथ में डंडा मारने के निशान, बाईं आंख और कई जगह पर हल्के चोट के निशान मिले.

पढ़ेंः मनीष गुप्ता हत्याकांड : पुलिस की बर्बरता का वीडियो आया सामने, जानिए हत्या वाली रात की पूरी कहानी

गोरखपुर : रामगढ़ थाना क्षेत्र में कानपुर व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में छठे आरोपी सब इंस्पेक्टर विजय यादव को भी कैंट पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पुलिसकर्मी परिजन से मिलने की फिराक में था. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने थाना क्षेत्र के रेल म्यूजियम के पास से विजय यादव को गिरफ्तार किया. मनीष गुप्ता हत्याकांड में इससे पहले रामगढ़ एसचओ जगत नारायण, फल मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप दुबे, हेड कॉन्स्टेबल कमलेश यादव को गिरफ्तार किया जा चुका है. छठा आरोपी सब इंस्पेक्टर विजय यादव घटना के बाद से ही फरार चल रहा था, जो शनिवार को पुलिस की गिरफ्त में आ गया.

बता दें कि कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता (35) अपने दोस्त हरवीर सिंह और प्रदीप चौहान के साथ 27 सितंबर को गोरखपुर घूमने गए थे. मनीष अपने दोस्तों के साथ रामगढ़ताल इलाके के होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर 512 में रुके थे. 27 सिंतबर की रात करीब 12 बजे रामगढ़ताल थाने की पुलिस होटल पहुंची. इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा के साथ कुछ सिपाही भी थे. पुलिस होटल के रिसेप्सनिस्ट को साथ लेकर कमरा चेक करने लगी.

पुलिस ने 512 नंबर का कमरा खुलवाया और कहा कि चेकिंग हो रही है, आईडी दिखाओ. हरवीर और प्रदीप ने अपनी आईडी दिखा दी. उस समय मनीष सो रहे थे. पुलिस के उठाए जाने पर मनीष ने पूछा कि ये कौन सा समय है चेकिंग करने का? क्या हम लोग आतंकवादी हैं? आरोप है कि इतनी सी बात पर पुलिस वालों ने मनीष के साथ मारपीट शुरू कर दी. पहले दोनों दोस्तों को मारा और कमरे से बाहर निकाल दिया. आरोप है कि कमरे के अंदर पुलिसवालों ने मनीष की खूब पिटाई की. पुलिसवालों ने जब मनीष को कमरे से बाहर लाया तो वह लहूलुहान और बेसुध थे. आरोप है कि पुलिसवाले गाड़ी से पहले किसी अस्पताल ले गए और कुछ देर बाद वापस होटल लेकर चले आए और बताया कि मनीष की मौत हो गई है.

वहीं, गोरखपुर के एसएसपी ने शुरुआती जांच में इसे बिस्तर से गिरकर हुई मौत का मामला बताया था. जब मनीष गुप्ता की पत्नी कार्रवाई करने पर अड़ी रहीं और इस मामले को लेकर विवाद गहराया, तब कहीं जाकर 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ 302 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. इस मामले में रामगढ़ताल SO जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा और सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कॉन्स्टेबल कमलेश यादव और हेड कॉन्स्टेबल प्रशांत कुमार को आरोपी बनाया गया है. बता दें कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चोट की पुष्टि हुई है. मनीष के शरीर पर 4 गंभीर चोटों की जानकारी मिली है. उनके सिर में 5 सेंटीमीटर बाइ 4 सेंटीमीटर का घाव मिला. इसके अलावा दाहिने हाथ में डंडा मारने के निशान, बाईं आंख और कई जगह पर हल्के चोट के निशान मिले.

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