इंफाल: हिंसा ग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने इस बारे में ट्वीट करते हुए कहा है कि इस महत्वपूर्ण समय पर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा. इस बीच सोशल मीडिया पर एक इस्तीफा पत्र वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. हालांकि ये इस्तीफा पत्र फटा हुआ है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एन बीरेन सिंह को उनके समर्थकों ने उस समय रोक दिया था जब वह अपना इस्तीफा सौंपने के लिए इंफाल में गवर्नर हाउस जा रहे थे.
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At this crucial juncture, I wish to clarify that I will not be resigning from the post of Chief Minister.
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वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री सचिवालय एवं राजभवन से लगभग 100 मीटर दूर नुपी लाल कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को सैकड़ों महिलाएं एकत्र हुईं और पूर्वोत्तर राज्य में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से इस्तीफा नहीं देने का आग्रह किया. महिला नेता क्षेत्रीमयुम शांति ने कहा, 'इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, बीरेन सिंह सरकार को दृढ़ रहना चाहिए और उपद्रवियों पर नकेल कसनी चाहिए.' इससे पहले राज्य में राजनीतिक संकट गहराने की आशंका जताई जा रही था. उनको लेकर चर्चा थी कि मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. बता दें कि विपक्ष लंबे अरसे से उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है. राज्य में बीजेपी की सरकार है.
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PHOTO | Supporters of Manipur CM N Biren Singh stop him from meeting Governor and tender his resignation. pic.twitter.com/dNj1PupOog
— Press Trust of India (@PTI_News) June 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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मणिपुर में जातीय हिंसा साथ-साथ अब राजनीतिक संकट गहराने की आशंका है. राज्य पिछले दो महीने से जातीय हिंसा से ग्रस्त है. यहां तीन मई को हिंसा की शुरूआत हुई थी. करीब दो महीने तक चली हिंसा में 50 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं. अगल-अलग घटनाओं में करीब 100 से अधिक लोगों की जानें चली गईं. मणिपुर में कुकी और मैतेई वर्गों के बीच टकराव है.
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इस बीच विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर दबाव बनाए हुए है. विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की है. उनका आरोप है कि सरकार राज्य में शांति व्यवस्था बहाल करने में विफल रही है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी राज्य के दौरे पर हैं. शुक्रवार को राज्य में उनका दूसरा दिन है. वह हिंसा प्रभावित लोगों से मिले. उनका भी राज्यपाल से मिलने की चर्चा है. राहुल गांधी मोइरांग शहर में दो राहत शिविरों में गए. वह सुबह हेलीकॉप्टर से मोइरांग पहुंचे और प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी व्यथा सुनी. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि जिन दो शिविरों का राहुल ने दौरा किया, वहां करीब 1000 लोग रहते हैं.
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.