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Manipur Violence : 'वैलिड पास है तभी प्रेस का जैकेट पहनकर घूमें', वरना पुलिस करेगी गिरफ्तार

मणिपुर के गृह आयुक्त ने वैसे स्टिकर्स और जैकेट्स पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिसमें प्रेस लिखा होता है और इसका दुरुपयोग किया जाता है. उन्होंने कहा कि जिनके पास वैलिड कार्ड होगा, वे इसका उपयोग कर सकते हैं.

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मणिपुर हिंसा
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By IANS

Published : Sep 12, 2023, 7:08 PM IST

इंफाल : मणिपुर सरकार ने "प्रेस" लिखा हुआ जैकेट, बनियान और स्टिकर का दुरुपयोग रोकने के लिए इन चीजों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. सिर्फ उन लोगों को इनके उपयोग की अनुमति दी है, जिनके पास मीडिया संगठनों से वास्तविक पहचानपत्र हैं और केंद्र व राज्य सरकार से मिला हुआ मान्यता कार्ड है. अधिकारियों ने यह जानकारी मंगलवार को दी.

मणिपुर सरकार के आयुक्त (गृह) टी. रणजीत सिंह ने एक अधिसूचना में कहा कि राज्य सरकार को विश्‍वसनीय स्रोतों से जानकारी मिली है कि राज्य में चल रहे कानून और व्यवस्था संकट से संबंधित विभिन्न घटनाओं को कवर करते समय "प्रेस" लिखा हुआ जैकेट, बनियान और स्टिकर का दुरुपयोग किया जाता है.

अधिसूचना में कहा गया है, “...असामाजिक लोगों और उपद्रवियों और अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा सीमांत और संवेदनशील क्षेत्रों तक आसान पहुंच पाने के लिए ऐसे जैकेट, बनियान और स्टिकर के दुरुपयोग की आशंका है. ये लोग अनैतिक और गैर-पेशेवर तरीके से घटनाओं की रिपोर्टिंग करते हैं. ऐसे अनाधिकृत स्वयंभू व्यक्ति या पत्रकार राज्‍य के लिए प्रतिकूल साबित हो सकते हैं.”

इसमें कहा गया है कि स्थिति राज्य सरकार को आम जनता और सुरक्षा एजेंसियों के बीच किसी भी भ्रम से बचने के लिए हिंसा के स्थानों और स्थलों के आसपास चौकियों पर उचित जांच और संतुलन तंत्र स्थापित करने के लिए तत्काल निवारक और एहतियाती उपाय और कार्रवाई करने की जरूरत है.

यह भी आदेश दिया गया है कि केवल "प्रेस" लिखे जैकेट, बनियान और स्टिकर पहनने वाले व्यक्तियों को ही मीडिया रिपोर्टिंग के लिए हिंसा प्रभावित क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. "सरकारी निर्देशों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी निकाय को बिना किसी अपवाद के उस समय लागू देश के प्रासंगिक कानूनों के तहत दंडित किया जाएगा और मुकदमा चलाया जाएगा."

अधिसूचना में सभी जिला मजिस्ट्रेटों, राज्य पुलिस और कानून-व्यवस्था लागू करने के लिए तैनात सुरक्षा एजेंसियों से भी कहा गया है कि वे इस आदेश के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उचित आवश्यक कार्रवाई करें.

ये भी पढ़ें : Watch : मणिपुर संकट पर हन्नान मोल्लाह बोले- दोनों समुदायों के बीच सहमति बनाने का प्रयास करेगी सीपीआई-एम

(आईएएनएस)

इंफाल : मणिपुर सरकार ने "प्रेस" लिखा हुआ जैकेट, बनियान और स्टिकर का दुरुपयोग रोकने के लिए इन चीजों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. सिर्फ उन लोगों को इनके उपयोग की अनुमति दी है, जिनके पास मीडिया संगठनों से वास्तविक पहचानपत्र हैं और केंद्र व राज्य सरकार से मिला हुआ मान्यता कार्ड है. अधिकारियों ने यह जानकारी मंगलवार को दी.

मणिपुर सरकार के आयुक्त (गृह) टी. रणजीत सिंह ने एक अधिसूचना में कहा कि राज्य सरकार को विश्‍वसनीय स्रोतों से जानकारी मिली है कि राज्य में चल रहे कानून और व्यवस्था संकट से संबंधित विभिन्न घटनाओं को कवर करते समय "प्रेस" लिखा हुआ जैकेट, बनियान और स्टिकर का दुरुपयोग किया जाता है.

अधिसूचना में कहा गया है, “...असामाजिक लोगों और उपद्रवियों और अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा सीमांत और संवेदनशील क्षेत्रों तक आसान पहुंच पाने के लिए ऐसे जैकेट, बनियान और स्टिकर के दुरुपयोग की आशंका है. ये लोग अनैतिक और गैर-पेशेवर तरीके से घटनाओं की रिपोर्टिंग करते हैं. ऐसे अनाधिकृत स्वयंभू व्यक्ति या पत्रकार राज्‍य के लिए प्रतिकूल साबित हो सकते हैं.”

इसमें कहा गया है कि स्थिति राज्य सरकार को आम जनता और सुरक्षा एजेंसियों के बीच किसी भी भ्रम से बचने के लिए हिंसा के स्थानों और स्थलों के आसपास चौकियों पर उचित जांच और संतुलन तंत्र स्थापित करने के लिए तत्काल निवारक और एहतियाती उपाय और कार्रवाई करने की जरूरत है.

यह भी आदेश दिया गया है कि केवल "प्रेस" लिखे जैकेट, बनियान और स्टिकर पहनने वाले व्यक्तियों को ही मीडिया रिपोर्टिंग के लिए हिंसा प्रभावित क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. "सरकारी निर्देशों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी निकाय को बिना किसी अपवाद के उस समय लागू देश के प्रासंगिक कानूनों के तहत दंडित किया जाएगा और मुकदमा चलाया जाएगा."

अधिसूचना में सभी जिला मजिस्ट्रेटों, राज्य पुलिस और कानून-व्यवस्था लागू करने के लिए तैनात सुरक्षा एजेंसियों से भी कहा गया है कि वे इस आदेश के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उचित आवश्यक कार्रवाई करें.

ये भी पढ़ें : Watch : मणिपुर संकट पर हन्नान मोल्लाह बोले- दोनों समुदायों के बीच सहमति बनाने का प्रयास करेगी सीपीआई-एम

(आईएएनएस)

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