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मानव हाथी संघर्ष से निपटने पर विशेष ध्यान दे रही केंद्र सरकार - Periyar National Park

केरल के इडुक्की स्थित पेरियार राष्ट्रीय उद्यान में विश्व हाथी दिवस पर कार्यक्रम में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा केंद्र सरकार मानव हाथी संघर्ष से निपटने को लेकर विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि देश भर में हाथियों के हमले से प्रतिवर्ष करीब 500 लोगों की मौत हो जाती है वहीं लोगों की कार्रवाई में भी लगभग 100 हाथियों को अपनी जान गंवानी पड़ती है.

Central government paying special attention to dealing with human elephant conflict
मानव हाथी संघर्ष से निपटने पर विशेष ध्यान दे रही केंद्र सरकार
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Published : Aug 12, 2022, 7:57 PM IST

इडुक्की (केरल): केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Environment Minister Bhupender Yadav) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार मानव-हाथी संघर्ष से निपटने को लेकर विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि संसाधनों के लिए स्पर्धा बढ़ने के कारण मानव-हाथी संघर्ष बढ़ रहा है तथा हर वर्ष हाथियों के हमलों में करीब 500 लोगों की मौत हो रही है जबकि प्रतिक्रिया की कार्रवाई में लगभग 100 हाथी भी मारे गए हैं.

मंत्री ने कहा कि सरकार का मानना है कि स्थानीय समुदायों की भागीदारी और सहयोग के बिना कोई भी संरक्षण प्रयास सफल नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि भारत हाथी संरक्षण के मामले में एक प्रमुख देश के तौर पर उभरा है. मानव-हाथी संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को एक संवेदनशील मुद्दा करार देते हुए यादव ने कहा कि देश में हाथी के हमले में हर वर्ष औसतन 500 लोगों की मौत हो जाती है जबकि लोगों द्वारा की गई प्रतिक्रिया की कार्रवाई में करीब 100 हाथी मारे जाते हैं.

केरल के इडुक्की स्थित पेरियार राष्ट्रीय उद्यान में विश्व हाथी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार मानव-हाथी संघर्ष से निपटने को लेकर विशेष ध्यान दे रही है. केंद्र ने हाथी के हमलों से प्रभावित परिवारों को दी जानी वाली अनुग्रह-राशि दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की है.'

उन्होंने कहा, 'दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए हम देश के हाथी गलियारों पर फिर से विचार कर रहे हैं और इस प्रयास में प्रमुख हितधारकों को शामिल करते हुए 50 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया गया है.' पिछले महीने संसद में पेश सरकारी आंकड़े के मुताबिक, पिछले तीन वर्ष के दौरान देश में हाथी के हमलों में 1,578 लोगों की मौत हुई है.

सरकार ने कहा है कि इस अवधि में बिजली के करेंट की चपेट में आने से 222 हाथियों की मौत हुई जबकि 45 की रेल हादसे में जान चली गई. इसके अलावा, शिकार के चलते 29 हाथियों की मौत हुई जबकि 11 की मौत जहरीली सामग्री के सेवन से हुई. मंत्री ने कहा कि भारत में एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी आबादी है और 60 प्रतिशत से अधिक जंगली एशियाई हाथी भारत में हैं. उन्होंने कहा कि 2017 में हुई हाथियों की पिछली गणना में इनकी आबादी 29,964 थी.

भारत में हाथी अभयारण्य की कुल संख्या 31 होने का जिक्र करते हुए यादव ने कहा, 'मुझे आप सभी को यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि आज भारत तमिलनाडु के अगस्त्यमलाई में एक और हाथी अभयारण्य की स्थापना का गवाह बनने जा रहा है.'

ये भी पढ़ें - बालोद में दंतैल हाथी ने फिर ली एक किसान की जान, अब तक हुई चार मौतें !

इडुक्की (केरल): केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Environment Minister Bhupender Yadav) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार मानव-हाथी संघर्ष से निपटने को लेकर विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि संसाधनों के लिए स्पर्धा बढ़ने के कारण मानव-हाथी संघर्ष बढ़ रहा है तथा हर वर्ष हाथियों के हमलों में करीब 500 लोगों की मौत हो रही है जबकि प्रतिक्रिया की कार्रवाई में लगभग 100 हाथी भी मारे गए हैं.

मंत्री ने कहा कि सरकार का मानना है कि स्थानीय समुदायों की भागीदारी और सहयोग के बिना कोई भी संरक्षण प्रयास सफल नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि भारत हाथी संरक्षण के मामले में एक प्रमुख देश के तौर पर उभरा है. मानव-हाथी संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को एक संवेदनशील मुद्दा करार देते हुए यादव ने कहा कि देश में हाथी के हमले में हर वर्ष औसतन 500 लोगों की मौत हो जाती है जबकि लोगों द्वारा की गई प्रतिक्रिया की कार्रवाई में करीब 100 हाथी मारे जाते हैं.

केरल के इडुक्की स्थित पेरियार राष्ट्रीय उद्यान में विश्व हाथी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार मानव-हाथी संघर्ष से निपटने को लेकर विशेष ध्यान दे रही है. केंद्र ने हाथी के हमलों से प्रभावित परिवारों को दी जानी वाली अनुग्रह-राशि दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की है.'

उन्होंने कहा, 'दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए हम देश के हाथी गलियारों पर फिर से विचार कर रहे हैं और इस प्रयास में प्रमुख हितधारकों को शामिल करते हुए 50 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया गया है.' पिछले महीने संसद में पेश सरकारी आंकड़े के मुताबिक, पिछले तीन वर्ष के दौरान देश में हाथी के हमलों में 1,578 लोगों की मौत हुई है.

सरकार ने कहा है कि इस अवधि में बिजली के करेंट की चपेट में आने से 222 हाथियों की मौत हुई जबकि 45 की रेल हादसे में जान चली गई. इसके अलावा, शिकार के चलते 29 हाथियों की मौत हुई जबकि 11 की मौत जहरीली सामग्री के सेवन से हुई. मंत्री ने कहा कि भारत में एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी आबादी है और 60 प्रतिशत से अधिक जंगली एशियाई हाथी भारत में हैं. उन्होंने कहा कि 2017 में हुई हाथियों की पिछली गणना में इनकी आबादी 29,964 थी.

भारत में हाथी अभयारण्य की कुल संख्या 31 होने का जिक्र करते हुए यादव ने कहा, 'मुझे आप सभी को यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि आज भारत तमिलनाडु के अगस्त्यमलाई में एक और हाथी अभयारण्य की स्थापना का गवाह बनने जा रहा है.'

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