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कुलगाम में सतीश की हत्या से क्षेत्रवासी दुखी, आतंकियों ने मारी थी गोली

जम्मू कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों द्वारा सतीश कुमार सिंह की हत्या किए जाने की क्षेत्र के लोगों ने निंदा की है. साथ इन्होंने घटना को कायराना बताया है.

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Published : Apr 14, 2022, 3:53 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 6:02 PM IST

People of the area saddened by the killing of Satish in Kulgam
कुलगाम में सतीश की हत्या से क्षेत्र के लोग दुखी

श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) : जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में बुधवार को आतंकवादियों द्वारा सतीश कुमार सिंह की उसके आवास पर गोली मारकर हत्या किए जाने से क्षेत्र के लोग बेहद दुखी हैं. साथ ही इन लोगों ने घटना की निंदा करते हुए इसे कायराना हरकत बताया है. आतंकवादियों ने कुलगाम जिले के काकरान गांव में सतीश कुमार सिंह को सिर पर गोली मार दी थी. उसे घायल अवस्था में एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे श्रीनगर रेफर कर दिया था. राजपूत परिवार के सतीश की हत्या के बाद मोहल्ले के लोग गमजदा हैं.

एक रिपोर्ट.

सतीश सिंह पेशे से ड्राइवर था और अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ एक छोटे से कमरे में रहता था. उसके तीन बच्चों में एक बच्चा शारीरिक रूप से अक्षम भी है. इस संबंध में स्थानीय निवासी ने बताया कि इलाके में हम लोग दशकों से एक साथ रह रहे हैं. बता दें कि गांव में राजपूत हिंदुओं के लगभग 15 परिवार रहते हैं. हालांकि 1989 में उग्रवाद की वजह से कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर छोड़ दिया था लेकिन इसके बाद भा अधिकांश राजपूत हिंदुओं ने यहीं पर रहने का फैसला किया था और वे रह रहे हैं.

स्थानीय निवासी गुल मुहम्मद हाजम ने कहा कि हिंसक घटना के बारे में जानकर वह स्तब्ध हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा, 'हम यहां पीढ़ियों से एक साथ रह रहे हैं. ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई. यह हमारे लिए चौंकाने वाला है, ऐसा नहीं होना चाहिए था.' एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि हमने उसे खून से लथपथ पाया. उन्होंने कहा, 'वह (सतीश) निर्दोष था, उनके घर और छोटे बच्चों को देखकर हम उदास हैं. हमें नहीं पता कि यह किसने किया लेकिन यह बेहद कष्टप्रद और निंदनीय है.

इसी क्रम में हिलाल अहमद ने कहा कि रोजा इफ्तार के समय उसे गोली मार दी गई थी. इलाके को तुरंत घेर लिया गया. हम नहीं जानते कि हत्या करने वाले कौन हैं, लेकिन एलजी प्रशासन और मुख्य सचिव से अपील करते हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों. हम जीना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें - कुलगाम में आतंकवादियों ने एक व्यक्ति को मारी गोली, दो आतंकी ढेर

गौरतलब है कि आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और गैर स्थानीय मजदूरों पर सिलसिलेवार हमले किए हैं. चार अप्रैल को शोपियां के छोटेपोरा गांव में अज्ञात बंदूकधारियों ने अमित कुमार भट उर्फ ​​बालजी को उसकी दुकान पर गोली मार कर घायल कर दिया था. वह अब भी श्रीनगर में सेना के बेस अस्पताल में भर्ती हैं. इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पंडित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले घायल व्यक्ति के परिवार से मिलने की सोमवार को अधिकारियों ने इजाजत नहीं दी थी.

श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) : जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में बुधवार को आतंकवादियों द्वारा सतीश कुमार सिंह की उसके आवास पर गोली मारकर हत्या किए जाने से क्षेत्र के लोग बेहद दुखी हैं. साथ ही इन लोगों ने घटना की निंदा करते हुए इसे कायराना हरकत बताया है. आतंकवादियों ने कुलगाम जिले के काकरान गांव में सतीश कुमार सिंह को सिर पर गोली मार दी थी. उसे घायल अवस्था में एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे श्रीनगर रेफर कर दिया था. राजपूत परिवार के सतीश की हत्या के बाद मोहल्ले के लोग गमजदा हैं.

एक रिपोर्ट.

सतीश सिंह पेशे से ड्राइवर था और अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ एक छोटे से कमरे में रहता था. उसके तीन बच्चों में एक बच्चा शारीरिक रूप से अक्षम भी है. इस संबंध में स्थानीय निवासी ने बताया कि इलाके में हम लोग दशकों से एक साथ रह रहे हैं. बता दें कि गांव में राजपूत हिंदुओं के लगभग 15 परिवार रहते हैं. हालांकि 1989 में उग्रवाद की वजह से कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर छोड़ दिया था लेकिन इसके बाद भा अधिकांश राजपूत हिंदुओं ने यहीं पर रहने का फैसला किया था और वे रह रहे हैं.

स्थानीय निवासी गुल मुहम्मद हाजम ने कहा कि हिंसक घटना के बारे में जानकर वह स्तब्ध हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा, 'हम यहां पीढ़ियों से एक साथ रह रहे हैं. ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई. यह हमारे लिए चौंकाने वाला है, ऐसा नहीं होना चाहिए था.' एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि हमने उसे खून से लथपथ पाया. उन्होंने कहा, 'वह (सतीश) निर्दोष था, उनके घर और छोटे बच्चों को देखकर हम उदास हैं. हमें नहीं पता कि यह किसने किया लेकिन यह बेहद कष्टप्रद और निंदनीय है.

इसी क्रम में हिलाल अहमद ने कहा कि रोजा इफ्तार के समय उसे गोली मार दी गई थी. इलाके को तुरंत घेर लिया गया. हम नहीं जानते कि हत्या करने वाले कौन हैं, लेकिन एलजी प्रशासन और मुख्य सचिव से अपील करते हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों. हम जीना चाहते हैं.

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गौरतलब है कि आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और गैर स्थानीय मजदूरों पर सिलसिलेवार हमले किए हैं. चार अप्रैल को शोपियां के छोटेपोरा गांव में अज्ञात बंदूकधारियों ने अमित कुमार भट उर्फ ​​बालजी को उसकी दुकान पर गोली मार कर घायल कर दिया था. वह अब भी श्रीनगर में सेना के बेस अस्पताल में भर्ती हैं. इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पंडित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले घायल व्यक्ति के परिवार से मिलने की सोमवार को अधिकारियों ने इजाजत नहीं दी थी.

Last Updated : Apr 14, 2022, 6:02 PM IST
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