हैदराबाद : कहते हैं मां के बुलाने पर तो भगवान भी चले आते हैं. एक मां का दिल कुछ ऐसा होता है. बड़े-बुजुर्गों ने सच ही कहा है कि पूत कपूत जरूर हो सकता है, लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती. ऐसी ही एक कहानी हैदराबाद के मेडल मंडल की है, जहां पूत कपूत की यह यह कहावत सच कर दिखाई है साईंनाथ रेड्डी ने. इस दिल दहला देने वाली घटना में पुत्र ने मां के खाने में जहर मिलाया. अंजान मां ने जब खाना खाया, तो उसे तबीयत ठीक नहीं लगी, जिसके बाद उसने तुरंत बेटे को कॉल कर वह खाना न खाने की हिदायत दी.
जी हां! मेडल मंडल में साईंनाथ रेड्डी नाम के शख्स ने खाने में केमिकल कैप्सूल मिलाकर अपनी मां और बहन को मौत के घाट उतार दिया. बताया जा रहा है कि उन्होंने शख्स को क्रिकेट सट्टेबाजी न करने के लिए फटकारा था, जिससे गुस्से में बौखलाए शख्स ने ऐसा वीभत्स कदम उठाया.
गौरतलब है कि प्रभाकर रेड्डी की तीन साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. तभी से उनकी पत्नी सुनीता (42), बेटा साईंनाथ रेड्डी और बेटी अनुषा साथ रह रहे थे. सुनीता एक निजी कंपनी में काम कर रहीं थीं, जबकि साईंनाथ रेड्डी एम.टेक की पढ़ाई कर रहे हैं साथ ही एक प्राइवेट नौकरी भी करते हैं. वहीं अनुषा फार्मेसी की पढ़ाई कर रही थीं.
प्रभाकर रेड्डी की मृत्यु के बाद जमीन के पैसे और बीमा राशि के लगभग 20 लाख रुपए परिवार ने बचाए थे. हाल ही में साईंनाथ रेड्डी ने आईपीएल क्रिकेट में सट्टेबाजी शुरू की. उसने अपनी मां को बताए बिना बैंक से पैसे निकाले. वह घर से 150 ग्राम सोने के गहने भी ले गया और उन्हें बेचकर सट्टेबाजी करने लगा.
मां को जब भनक लगी, तो उसने अपने बेटे से पूछा और उसे जमकर फटकार भी लगाई. इसके बाद अपनी सट्टेबाजी की लत में चूर साईनाथ ने अपनी मां और बहन को रास्ते से हटाने का फैसला लिया.
पढ़ें: 551वें प्रकाश पर्व पर मोदी ने किया नमन, श्रीदरबार साहिब में उमड़ी भीड़
इस महीने 23 तारीख को उसने खाने में कैमिकल कैप्सूल मिला दिया और काम पर चला गया. उसकी मां और बहन ने वह जहरीला खाना खा लिया. मां, जिसे सच्चाई के बारे में पता तक नहीं था, उन्होंने बेटे को फोन किया और उसे वह जहरीला खाना न खाने को कहा. बेटा घर पहुंचा लेकिन मां और बहन को तब तक अस्पताल नहीं लेकर गया, जब तक कि वह दोनों बेहोश नहीं हो गए. बाद में दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया. अनुषा की 27 और सुनीता (प्रभाकर की मां) की 28 तारीख को मौत हो गई.
अंतिम संस्कार के बाद परिवार के सदस्यों ने साईनाथ को सच्चाई बताने पर मजबूर किया, जिसके बाद उसने सच स्वीकार कर लिया.
पुलिस ने उनकी शिकायत पर आरोपी साईंनाथ रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया.