ETV Bharat / bharat

यूक्रेन से बंगाल लौटे मेडिकल छात्रों के लिए ममता का एलान, जारी रख सकेंगे पढ़ाई - WB CM Mamata Banerjee

रूस पर हमले के कारण बड़ी संख्या में भारतीय छात्र वतन लौट आए हैं. अब उनका भविष्य अधर में है. इस बीच पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने मदद को हाथ आगे बढ़ाया है. बंगाल लौटे स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई जारी रख सकेंगे.

West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
author img

By

Published : Apr 29, 2022, 9:40 PM IST

कोलकाता: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र पढ़ाई छोड़कर भारत लौट आए. करीब 412 ऐसे छात्र हैं जो आधी पढ़ाई छोड़कर कोलकाता लौट आए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (WB CM Mamata Banerjee) ने उनके भविष्य के बारे में गंभीर चिंता दिखाई है. राज्य की ओर से अपील किए जाने पर भी न तो केंद्र सरकार और न ही राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद ने उन छात्रों को कोई छूट दी. अब राज्य सरकार ने छात्रों के लिए मेडिकल की पढ़ाई जारी रखने का प्रावधान किया है.

सीएम ममता बनर्जी ने समस्या का समाधान निकाला है. उन्होंने दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों को यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में ऑनलाइन अध्ययन करने और राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में प्रैक्टिस करने का अवसर प्रदान किया. उन्होंने प्रथम वर्ष के छात्रों को राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने का अवसर दिया. चौथे और पांचवें वर्ष के छात्रों की इंटर्नशिप की जरूरत है, जिसकी व्यवस्था भी उन्होंने की है.

मुख्यमंत्री का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद भी असहाय छात्रों के साथ खड़ा होने को तैयार नहीं थी. 412 प्रभावित छात्रों में से तीन डेंटल कोर्स कर रहे हैं. ऐसा करके, पश्चिम बंगाल की सीएम ने केंद्र पर निर्भर हुए बिना छात्रों के भविष्य के लिए भाजपा शासित अन्य राज्यों को भी एक बड़ा संदेश दिया. पश्चिम बंगाल की महिला, बाल और समाज कल्याण मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि बंगाल के मुख्यमंत्री ने यूक्रेन से लौटने वालों के लिए जो किया है वह पूरे देश के लिए एक मॉडल होगा. डॉ. पांजा ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सभी छात्रों के साथ खड़े हो सकते थे. यह उनकी भी जिम्मेदारी है, लेकिन ममता बनर्जी उनके साथ खड़ी रहीं और उनका भविष्य बचाने में मदद की.'

पश्चिम बंगाल के मेडिकल लीडर और आईएमए सदस्य निर्मल मांझी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी है, लेकिन यूक्रेन में फंसे छात्रों के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार होना चाहिए. ममता बनर्जी की अनूठी मिसाल पर पूरा देश चलेगा. डॉ. मांझी ने कहा कि 'बंगाली में एक कहावत है: बंगाल आज जो सोचता है, भारत कल सोचेगा.'

पढ़ें- यूक्रेन से लौटे छात्रों का भविष्य अधर में, सरकार से अपील-मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए

पढ़ें- यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के परिजन पहुंचे दिल्ली, पीएम मोदी की ये मांग

कोलकाता: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र पढ़ाई छोड़कर भारत लौट आए. करीब 412 ऐसे छात्र हैं जो आधी पढ़ाई छोड़कर कोलकाता लौट आए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (WB CM Mamata Banerjee) ने उनके भविष्य के बारे में गंभीर चिंता दिखाई है. राज्य की ओर से अपील किए जाने पर भी न तो केंद्र सरकार और न ही राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद ने उन छात्रों को कोई छूट दी. अब राज्य सरकार ने छात्रों के लिए मेडिकल की पढ़ाई जारी रखने का प्रावधान किया है.

सीएम ममता बनर्जी ने समस्या का समाधान निकाला है. उन्होंने दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों को यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में ऑनलाइन अध्ययन करने और राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में प्रैक्टिस करने का अवसर प्रदान किया. उन्होंने प्रथम वर्ष के छात्रों को राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने का अवसर दिया. चौथे और पांचवें वर्ष के छात्रों की इंटर्नशिप की जरूरत है, जिसकी व्यवस्था भी उन्होंने की है.

मुख्यमंत्री का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद भी असहाय छात्रों के साथ खड़ा होने को तैयार नहीं थी. 412 प्रभावित छात्रों में से तीन डेंटल कोर्स कर रहे हैं. ऐसा करके, पश्चिम बंगाल की सीएम ने केंद्र पर निर्भर हुए बिना छात्रों के भविष्य के लिए भाजपा शासित अन्य राज्यों को भी एक बड़ा संदेश दिया. पश्चिम बंगाल की महिला, बाल और समाज कल्याण मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि बंगाल के मुख्यमंत्री ने यूक्रेन से लौटने वालों के लिए जो किया है वह पूरे देश के लिए एक मॉडल होगा. डॉ. पांजा ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सभी छात्रों के साथ खड़े हो सकते थे. यह उनकी भी जिम्मेदारी है, लेकिन ममता बनर्जी उनके साथ खड़ी रहीं और उनका भविष्य बचाने में मदद की.'

पश्चिम बंगाल के मेडिकल लीडर और आईएमए सदस्य निर्मल मांझी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी है, लेकिन यूक्रेन में फंसे छात्रों के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार होना चाहिए. ममता बनर्जी की अनूठी मिसाल पर पूरा देश चलेगा. डॉ. मांझी ने कहा कि 'बंगाली में एक कहावत है: बंगाल आज जो सोचता है, भारत कल सोचेगा.'

पढ़ें- यूक्रेन से लौटे छात्रों का भविष्य अधर में, सरकार से अपील-मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए

पढ़ें- यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के परिजन पहुंचे दिल्ली, पीएम मोदी की ये मांग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.