कोलकाता : पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) केंद्र सरकार पर राज्य की कुल बकाया राशि के विस्तृत आंकड़ों के साथ सोमवार को नई दिल्ली पहुंच गई हैं. तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से वह पहली बार दिल्ली गई हैं.
नई दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ विस्तृत बैठक की. मंत्रियों को अपनी अनुपस्थिति के दौरान विभिन्न विभागों को चलाने के तरीके के बारे में जानकारी दी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने विभिन्न मदों और स्तंभों के तहत केंद्र सरकार से राज्य सरकार के कुल संचित देय राशि के विस्तृत आंकड़े एकत्र किए. मुख्यमंत्री अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं. उस बैठक में वह प्रधानमंत्री को बकाया (dues) राशि का विवरण पेश करेंगी.
इनको सौंपी जिम्मेदारी!
राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में अपनी उपस्थिति के दौरान वह राज्य के विभिन्न नौकरशाहों के लगातार संपर्क में रहेंगी. राज्य मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'उन्होंने पार्थ चट्टोपाध्याय, सुब्रत मुखोपाध्याय और फिरहाद हकीम जैसे वरिष्ठ मंत्रियों को अंतरिम अवधि के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है.'
राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य ने कहा, 'मुख्यमंत्री की नई दिल्ली की यात्रा का निश्चित रूप से राजनीतिक महत्व है. यह दौरा केंद्र सरकार से राज्य का बकाया वसूलने के लिए भी महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में राज्य के कुल बकाया का विवरण मांगा. वह उन विवरणों को दिल्ली ले जा रही हैं.'
27 को पीएम से मिलने का कार्यक्रम
मुख्यमंत्री का 27 जुलाई को प्रधानमंत्री (Prime Minister) से मिलने का कार्यक्रम है. सूत्रों ने बताया कि उस बैठक में मुख्यमंत्री उन आंकड़ों को प्रधानमंत्री के सामने पेश कर सकती हैं. जानकारी के अनुसार राज्य सरकार को जीएसटी मुआवजे के तौर पर लगभग 60,000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. वह प्रधानमंत्री से अनुरोध करेंगी कि इस तरह के जीएसटी मुआवजे का बकाया (GST compensation dues) जल्द से जल्द चुकाया जाए.
उम्मीद की जा रही है कि वह प्रधानमंत्री से कोविड-19 की आगामी तीसरी लहर पर आशंकाओं की पृष्ठभूमि में राज्य को टीकों की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करने का आग्रह करेंगी.
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राष्ट्रीय स्तर पर तृणमूल कांग्रेस की उपस्थिति स्थापित करने के साथ-साथ केंद्र सरकार से राज्य की बकाया राशि का मंथन करना, ये मुख्यमंत्री की नई दिल्ली यात्रा के दो लक्ष्य हैं. अब देखना होगा कि वह कितना सफल होती हैं?