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Malegaon blast 2008 : समन के बावजूद पेश नहीं हुआ एटीएस ऑफिसर, जमानती वारंट जारी

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Published : Nov 16, 2022, 3:02 PM IST

Updated : Nov 16, 2022, 5:09 PM IST

साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने एक गवाह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है, जो दो बार बयान दर्ज कराने के लिए समन किए जाने के बावजूद पेश नहीं हुआ. यह गवाह एटीएस टीम में था जिसने शुरू में विस्फोट मामले की जांच की थी.

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मुंबई : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की एक विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में उसके समक्ष पेश नहीं होने पर आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) के एक अधिकारी के खिलाफ बुधवार को जमानती वारंट जारी किया. वह दूसरे एटीएस अधिकारी हैं जिनके खिलाफ अदालत में पेश नहीं होने पर वारंट जारी किया गया है. एक सरकारी वकील ने बताया कि जिस अधिकारी के खिलाफ अदालत ने बुधवार को वारंट जारी किया, उन्होंने विभिन्न गवाहों के बयान दर्ज किए थे और इनमें से कुछ गवाह अपने बयान से मुकर गए थे.

वकील ने कहा कि इसलिए अदालत के समक्ष उनका पेश होना जरूरी है. सरकारी वकील ने कहा कि अदालत को बताया गया कि अधिकारी की तबीयत खराब है और इसलिए वह अदालत नहीं आ सकते. मामले की अध्यक्षता कर रहे विशेष न्यायाधीश ए. के. लाहोटी ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया. इससे पहले, एनआईए की विशेष अदालत ने सितंबर में एटीएस के एक उस अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, जिन्होंने मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था और कुछ बयान दर्ज किए थे. वह भी इस मामले में गवाह है. मामले में अब तक 280 से अधिक गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है और उनमें से 29 मुकर गए हैं.

गौरतलब है कि 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित नासिक जिले के मालेगांव कस्बे में एक मस्जिद के निकट एक मोटरसाइकिल से बंधा विस्फोटक उपकरण फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे. मामले के आरोपियों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं और ये सभी जमानत पर बाहर हैं.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की एक विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में उसके समक्ष पेश नहीं होने पर आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) के एक अधिकारी के खिलाफ बुधवार को जमानती वारंट जारी किया. वह दूसरे एटीएस अधिकारी हैं जिनके खिलाफ अदालत में पेश नहीं होने पर वारंट जारी किया गया है. एक सरकारी वकील ने बताया कि जिस अधिकारी के खिलाफ अदालत ने बुधवार को वारंट जारी किया, उन्होंने विभिन्न गवाहों के बयान दर्ज किए थे और इनमें से कुछ गवाह अपने बयान से मुकर गए थे.

वकील ने कहा कि इसलिए अदालत के समक्ष उनका पेश होना जरूरी है. सरकारी वकील ने कहा कि अदालत को बताया गया कि अधिकारी की तबीयत खराब है और इसलिए वह अदालत नहीं आ सकते. मामले की अध्यक्षता कर रहे विशेष न्यायाधीश ए. के. लाहोटी ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया. इससे पहले, एनआईए की विशेष अदालत ने सितंबर में एटीएस के एक उस अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, जिन्होंने मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था और कुछ बयान दर्ज किए थे. वह भी इस मामले में गवाह है. मामले में अब तक 280 से अधिक गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है और उनमें से 29 मुकर गए हैं.

गौरतलब है कि 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित नासिक जिले के मालेगांव कस्बे में एक मस्जिद के निकट एक मोटरसाइकिल से बंधा विस्फोटक उपकरण फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे. मामले के आरोपियों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं और ये सभी जमानत पर बाहर हैं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 16, 2022, 5:09 PM IST
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