नई दिल्ली : राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पुरस्कार को अब मेजर ध्यान चंद अवॉर्ड (Major Dhyan Chand Award) के नाम से जाना जाएगा. पीएम मोदी ने मेजर ध्यान चंद अवॉर्ड की घोषणा की है. केंद्रीय खेल अनुराग ठाकुर ने पीएम मोदी के फैसले का स्वागत किया और महान हॉकी खिलाड़ी को देश का सबसे प्यारा खिलाड़ी बताया.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मेजर ध्यानचंद भारत के सबसे प्रसिद्ध और पसंदीदा खेल प्रतीक हैं; यह केवल उचित है कि भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान का नाम उनके नाम पर रखा जाए. उनके जीवन और उपलब्धियों ने उन खिलाड़ियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया है जिन्होंने भारत के लिए गौरव हासिल किया है.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने राजीव खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिसवा सरमा ने कहा, भारत के महान खेल आइकन मेजर ध्यानचंद के बाद खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए गए निर्णय का तहे दिल से स्वागत है. यह निर्णय नए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने में एक लंबा सफर तय करेगा, जो अपने असली नायकों को पहचानता है.
इन्होंने जताई आपत्ति
कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के मोदी सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और अदूरदर्शी बताते हुए इसे पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान करने का प्रयास बताया.
मीडिया को संबोधित करते हुए, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस बात का स्वागत करती है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ियों में से एक के नाम पर रखा गया है, जिसे 'हॉकी का जादूगर' के नाम से जाना जाता है. पीएम मोदी को अपने अदूरदर्शी राजनीतिक इरादों का इस्तेमाल मेजर ध्यानचंद जैसे प्रसिद्ध खिलाड़ी का नाम घसीटने के लिए नहीं करना चाहिए था.
उन्होंने कहा, हमें पूरी उम्मीद है कि अब एक नई शुरुआत हुई है, पीएम मोदी नरेंद्र मोदी स्टेडियम और अरुण जेटली स्टेडियम के नाम में बदलाव की घोषणा करेंगे और इसका नाम सरदार मिल्खा सिंह, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, लिएंडर पेस, पीटी उषा, मैरी कॉम, अभिनव बिंद्रा जैसे महान खिलाड़ियों के नाम पर रखेंगे. हमें पूरी उम्मीद है कि पीएम मोदी दूरदर्शी और संकीर्ण होने के बजाय खिलाड़ियों की सफलता का सही मायने में जश्न मनाएंगे.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है. सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया. हम इस पुरस्कार के लिए भी यही उम्मीद कर रहे थे.
कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. यह राजीव गांधी का अपमान है. अगर उनका अपमान किया गया है तो इस देश का भी अपमान किया जा रहा है.
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने ईटीवी भारत से कहा, हमें खुशी है कि यह सरकार कुछ बड़े खिलाड़ियों के नाम पर पुरस्कार देने के लिए तैयार है, लेकिन भारत के पूर्व प्रधान मंत्री को अपमानित करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. गांधी, नेहरू, सरदार पटेल और अन्य लोगों के लिए आरएसएस की नफरत सभी जानते हैं, जिनकी सोच ने इस सरकार को नाम बदलने के लिए प्रेरित किया है. इस तरह की घटिया राजनीति मोदी सरकार को बंद करनी चाहिए.
कर्नाटक ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ के गोविंदराजू ने भारत में खेलों के लिए फंडिंग बढ़ाने की मांग की. उन्होंंने कहा, पुरस्कार का नाम बदलना सरकार का फैसला है, अगर केंद्र खेल विकास के लिए बजट दोगुना करे तो यह काबिले तारीफ होगा.
वहीं, शंकर सिंह वाघेला ने ट्वीट कर लिखा, जैसा नरेंद्र मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया, मैं उनसे नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार पटेल स्टेडियम करने का अनुरोध करना चाहूंगा.
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर (Tariq Anwar) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि उसकी सोच बहुत छोटी है. यही वजह है कि उसने राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया. उन्होंने कहा कि यदि नया अवार्ड लाकर भी उसका नाम रख सकती थी. यह निर्णय राजनीति से प्रेरित है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कोई नया अवार्ड लाती और उसका नाम ध्यानचंद के नाम से रखती. हर चीज का नाम बदलना ही मोदी सरकार का काम रह गया है. शहर का नाम बदलती है, कभी कोई कॉलेज का नाम बदल देती है. यह निर्णय मुझे राजनीति से प्रेरित लग रहा है. टोक्यो ओलंपिक में हॉकी टीमों का प्रदर्शन अच्छा रहा इसका हम लोग स्वागत करते हैं लेकिन राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि कहां-कहां से मिटाओगे गांधी-नेहरू का नाम. उन्होंने कहा कि गांधी-नेहरू परिवार का नाम भाजपा कहां-कहां से मिटाएगी. क्योंकि देश की हर एक प्रमुख इमारत में उनका अक्श है. हरीश रावत ने कांग्रेस की तरफ से यह मांग की है कि ध्यानचंद को भारतीय जनता पार्टी की सरकार भारत रत्न से नवाजे.
हरीश रावत की मानें तो भाजपा और आरएसएस यह चाहते हैं कि किसी न किसी तरीके से गांधी-नेहरू परिवार का नाम हर जगह से हटाया जाए. क्योंकि उन्हें पता है कि जब तक गांधी-नेहरू परिवार रहेगा तब तक देश की राजनीति भाजपा के अनुकूल नहीं चल सकती. हरीश रावत ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाने में गांधी-नेहरू परिवार मुख्य स्तंभ हैं. अगर इस स्तंभ को ही हटाया जाएगा तो स्वभाविक है कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस देश में अपने हिसाब से राजनीति करेंगे.
हरीश रावत ने कहा कि खेल रत्न का नाम राजीव गांधी से बदलकर ध्यानचंद करना यह देश और दो लोगों में खटास पैदा करता है. भाजपा की नीति सही नहीं है. हरीश रावत ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि ध्यानचंद ने खेलों के लिए बेहद बड़े काम किए हैं और उनको सम्मान मिलना चाहिए. साथ ही हरीश रावत ने कहा कि राजीव गांधी ने भारतीय खेलों के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए हैं, जो पूर्व से लेकर अब तक देखे जा सकते हैं.
कांग्रेस के राजीव पांधी ने ट्वीट कर लिखा, मोटेरा स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम करने के बाद, पीएम मोदी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है. पीएम मोदी और गोदी मीडिया एक बार फिर पेगासस, किसान विरोध, राफेल और मूल्य वृद्धि की अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए भारत को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, मुझे भारत भर के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं. मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूं. उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा ! जय हिन्द !