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महाराष्ट्र हिंसा : विहिप ने राज्य सरकार की भूमिका पर उठाए सवाल

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Published : Nov 15, 2021, 9:35 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 11:08 PM IST

त्रिपुरा में विहिप और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र में प्रदर्शन हुए. इस दौरान हिंसा भड़की और पत्थरबाजी की घटना हुई और तीन जिलों नांदेड़, मालेगांव और अमरावती में तनाव के बाद धारा 144 लगानी पड़ी. विहिप ने आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र में हुई हिंसा में कई हिंदुओं के घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया. लेकिन महाराष्ट्र सरकार मुआवजे की घोषणा करने की बजाय दोषारोपण में लिप्त है.

विहिप  प्रवक्ता विनोद बंसल
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल

नई दिल्ली : त्रिपुरा हिंसा को लेकर महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने इसे इस्लामिक जिहादियों और उनके समर्थक विचारधाराओं का षड्यंत्र करार दिया है.

सोमवार को ईटीवी भारत से बातचीत में विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि विहिप और बजरंग दल के द्वारा बंग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार के विरोध में देशभर में 3000 से ज्यदा स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पहले ही हो चुके थे. चूकिं त्रिपुरा का 800 किलोमीटर से ज्यादा की सीमा बंग्लादेश और म्यांमार के बॉर्डर के साथ लगती है इसलिए त्रिपुरा में भी 50 जगहों पर प्रदर्शन हुए जो बिल्कुल शांतिपूर्ण रहे थे.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल का बयान

उन्होंने कहा, लेकिन 51वीं जगह पर जब प्रदर्शन चल रहा था, तब समुदाय विशेष के लोगों ने भीड़ पर पत्थरों और तलवार से हमला किया और अपने ही समुदाय के कुछ लोगों की दुकानों में आगजनी कर दी. इसमें विहिप या बजरंग दल के कार्यकर्ता कहीं शामिल नहीं थे, बल्कि आगजनी से प्रभावित दुकानों में आग बुझाने का भी प्रयास कर रहे थे, जिसके दौरान उनका एक कार्यकर्ता घायल भी हुआ.

उन्होंने कहा कि विहिप की तरफ से हमले के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दी गई और उसके बाद विहिप और बजरंग दल का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल त्रिपुरा में DGP, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिल कर उन्हें दोषियों पर कारवाई करने का ज्ञापन भी दिया.

दरसल, 26 अक्टूबर को त्रिपुरा में विहिप और बजरंग दल के प्रदर्शन मार्च के बाद सोशल मीडिया और कुछ न्यूज पोर्टल द्वारा खबर चलाई गई थी कि वहां मस्जिदों और मदरसों पर हमले किए गए और दुकानों में आगजनी हुई है.

विश्व हिंदू परिषद ने इसका खंडन किया और कहा कि मस्जिदों से हुए हमले को मस्जिदों पर हुआ हमला बता कर एक अफवाह उड़ाई गई. सरकार को ऐसे तमाम लोगों के खिलाफ करवाई करनी चाहिए, जो लोग त्रिपुरा के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं.

विनोद बंसल का कहना है कि महाराष्ट्र में हुई हिंसा में कई हिंदुओं के घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया. महाराष्ट्र सरकार नुकसान की भरपाई या मुआवजे की घोषणा करने की बजाय दोषारोपण में लिप्त है. यदि लोगों ने बिना अनुमति कोई जुलूस निकाला और हिंसा करने की कोशिश की तो अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई.

शिवसेना के नेता संजय राउत ने सवाल उठाते हुए कहा था कि त्रिपुरा में हुई घटना का असर महाराष्ट्र में ही क्यों? उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक या बिहार में क्यों नहीं हुआ? स्पष्ट तौर पर संजय राउत का कहना है कि केवल गैर भाजपा साशित राज्य में इस तरह की घटना हुई है. राउत ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में हिंसा भड़का कर सरकार को अस्थिर करने की साजिश की जा रही है.

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में त्रिपुरा हिंसा का असर : नांदेड़, मालेगांव, अमरावती में तोड़फोड़ और पथराव

संजय राउत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विनोद बंसल ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार जिहदियों का समर्थन करती रही है और साधू संतों की निर्मम हत्या पर मौन रहती है. महाराष्ट्र में उनकी सरकार है और यदि कोई घटना हुई है तो इसके लिए जिम्मेदारी उनकी बनती है कि वह कठोर कार्रवाई करें.

नई दिल्ली : त्रिपुरा हिंसा को लेकर महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने इसे इस्लामिक जिहादियों और उनके समर्थक विचारधाराओं का षड्यंत्र करार दिया है.

सोमवार को ईटीवी भारत से बातचीत में विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि विहिप और बजरंग दल के द्वारा बंग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार के विरोध में देशभर में 3000 से ज्यदा स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पहले ही हो चुके थे. चूकिं त्रिपुरा का 800 किलोमीटर से ज्यादा की सीमा बंग्लादेश और म्यांमार के बॉर्डर के साथ लगती है इसलिए त्रिपुरा में भी 50 जगहों पर प्रदर्शन हुए जो बिल्कुल शांतिपूर्ण रहे थे.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल का बयान

उन्होंने कहा, लेकिन 51वीं जगह पर जब प्रदर्शन चल रहा था, तब समुदाय विशेष के लोगों ने भीड़ पर पत्थरों और तलवार से हमला किया और अपने ही समुदाय के कुछ लोगों की दुकानों में आगजनी कर दी. इसमें विहिप या बजरंग दल के कार्यकर्ता कहीं शामिल नहीं थे, बल्कि आगजनी से प्रभावित दुकानों में आग बुझाने का भी प्रयास कर रहे थे, जिसके दौरान उनका एक कार्यकर्ता घायल भी हुआ.

उन्होंने कहा कि विहिप की तरफ से हमले के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दी गई और उसके बाद विहिप और बजरंग दल का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल त्रिपुरा में DGP, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिल कर उन्हें दोषियों पर कारवाई करने का ज्ञापन भी दिया.

दरसल, 26 अक्टूबर को त्रिपुरा में विहिप और बजरंग दल के प्रदर्शन मार्च के बाद सोशल मीडिया और कुछ न्यूज पोर्टल द्वारा खबर चलाई गई थी कि वहां मस्जिदों और मदरसों पर हमले किए गए और दुकानों में आगजनी हुई है.

विश्व हिंदू परिषद ने इसका खंडन किया और कहा कि मस्जिदों से हुए हमले को मस्जिदों पर हुआ हमला बता कर एक अफवाह उड़ाई गई. सरकार को ऐसे तमाम लोगों के खिलाफ करवाई करनी चाहिए, जो लोग त्रिपुरा के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं.

विनोद बंसल का कहना है कि महाराष्ट्र में हुई हिंसा में कई हिंदुओं के घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया. महाराष्ट्र सरकार नुकसान की भरपाई या मुआवजे की घोषणा करने की बजाय दोषारोपण में लिप्त है. यदि लोगों ने बिना अनुमति कोई जुलूस निकाला और हिंसा करने की कोशिश की तो अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई.

शिवसेना के नेता संजय राउत ने सवाल उठाते हुए कहा था कि त्रिपुरा में हुई घटना का असर महाराष्ट्र में ही क्यों? उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक या बिहार में क्यों नहीं हुआ? स्पष्ट तौर पर संजय राउत का कहना है कि केवल गैर भाजपा साशित राज्य में इस तरह की घटना हुई है. राउत ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में हिंसा भड़का कर सरकार को अस्थिर करने की साजिश की जा रही है.

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में त्रिपुरा हिंसा का असर : नांदेड़, मालेगांव, अमरावती में तोड़फोड़ और पथराव

संजय राउत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विनोद बंसल ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार जिहदियों का समर्थन करती रही है और साधू संतों की निर्मम हत्या पर मौन रहती है. महाराष्ट्र में उनकी सरकार है और यदि कोई घटना हुई है तो इसके लिए जिम्मेदारी उनकी बनती है कि वह कठोर कार्रवाई करें.

Last Updated : Nov 15, 2021, 11:08 PM IST
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