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सीमा विवाद: महाराष्ट्र के जठ तालुक में कन्नड़ भाषियों ने कर्नाटक के सीएम को किया आमंत्रित

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के बीच जारी है. वहीं महाराष्ट्र के सांगली जिले के कन्नड़ भाषियों ने कर्नाटक के पक्ष में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

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Published : Nov 27, 2022, 3:36 PM IST

Border Dispute
सीमा विवाद

बेलगावी (कर्नाटक): महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र के कुछ संगठनों ने कर्नाटक परिवहन की बसों पर काली स्याही डाली और पथराव किया. महाराष्ट्र के सांगली जिले के जट्टा तालुक के थिक्कुंडी गांव के कन्नड़ भाषियों ने शनिवार को कर्नाटक के पक्ष में नारेबाजी करते हुए कन्नड़ झंडे के साथ बैनर लेकर प्रदर्शन किया और कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) को बधाई दी.

बता दें कि कर्नाटक के सीएम बोम्मई के द्वारा सांगली जिले के 40 गांवों पर अपना दावा ठोंकने वाले बयान के बाद से ही विवाद खड़ा हो गया है. कर्नाटक के सीएम के बयान पर महाराष्ट्र में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इसमें बोम्मई ने महाराष्ट्र के जठ, अक्कलकोटा और सोलापुर के भागों को कर्नाटक में शामिल करने की बात कही थी.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने पिछले 75 वर्षों से इस हिस्से में कोई सिंचाई योजना नहीं बनाई है. हालांकि, हमें खुशी है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा है कि वे जठ तालुक के 42 गांवों को पानी मुहैया कराएंगे.

इस संबंध में महाराष्ट्र कन्नडिगास ने कहा कि सीएम बोम्मई के बयान के बाद महाराष्ट्र के नेताओं ने एक बैठक की और उनका ध्यान जठ तालुक की ओर गया. उन्होंने कहा कि हम बसवराज बोम्मई के आभारी हैं जो इसके लिए जिम्मेदारी निभाई. इस दौरान लोगों ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से पेयजल और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए कई अनुरोध किए जाने के बाद कोई कार्य नही हुआ. इस वजह से हम कर्नाटक में शामिल होने के लिए तैयार हैं. महाराष्ट्र के कन्नड़ भाषियों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को जल्द से जल्द तालुक का दौरा करने के लिए भी आमंत्रित किया.

बैठक में 42 गांवों के नेताओं ने लिया भगा : जठ तालुक सिंचाई संघर्ष समिति की बैठक शुक्रवार को हुई बैठक में तालुक के 42 गांवों के नेताओं ने भाग लिया. बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में तय किया गया कि 8 दिनों के भीतर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री तालुक में आएं. साथ ही यहां की समस्या का समाधान होना चाहिए. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि 8 दिनों के भीतर निर्णय नहीं लिया जाता है, तो हम कर्नाटक के मुख्यमंत्री को जठ तालुक में आमंत्रित करेंगे और कर्नाटक में शामिल होने के निर्णय की घोषणा करेंगे.

ये भी पढ़ें - कर्नाटक महाराष्ट्र सीमा विवाद: मराठा महासंघ का कर्नाटक सीएम बोम्मई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

बेलगावी (कर्नाटक): महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र के कुछ संगठनों ने कर्नाटक परिवहन की बसों पर काली स्याही डाली और पथराव किया. महाराष्ट्र के सांगली जिले के जट्टा तालुक के थिक्कुंडी गांव के कन्नड़ भाषियों ने शनिवार को कर्नाटक के पक्ष में नारेबाजी करते हुए कन्नड़ झंडे के साथ बैनर लेकर प्रदर्शन किया और कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) को बधाई दी.

बता दें कि कर्नाटक के सीएम बोम्मई के द्वारा सांगली जिले के 40 गांवों पर अपना दावा ठोंकने वाले बयान के बाद से ही विवाद खड़ा हो गया है. कर्नाटक के सीएम के बयान पर महाराष्ट्र में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इसमें बोम्मई ने महाराष्ट्र के जठ, अक्कलकोटा और सोलापुर के भागों को कर्नाटक में शामिल करने की बात कही थी.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने पिछले 75 वर्षों से इस हिस्से में कोई सिंचाई योजना नहीं बनाई है. हालांकि, हमें खुशी है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा है कि वे जठ तालुक के 42 गांवों को पानी मुहैया कराएंगे.

इस संबंध में महाराष्ट्र कन्नडिगास ने कहा कि सीएम बोम्मई के बयान के बाद महाराष्ट्र के नेताओं ने एक बैठक की और उनका ध्यान जठ तालुक की ओर गया. उन्होंने कहा कि हम बसवराज बोम्मई के आभारी हैं जो इसके लिए जिम्मेदारी निभाई. इस दौरान लोगों ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से पेयजल और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए कई अनुरोध किए जाने के बाद कोई कार्य नही हुआ. इस वजह से हम कर्नाटक में शामिल होने के लिए तैयार हैं. महाराष्ट्र के कन्नड़ भाषियों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को जल्द से जल्द तालुक का दौरा करने के लिए भी आमंत्रित किया.

बैठक में 42 गांवों के नेताओं ने लिया भगा : जठ तालुक सिंचाई संघर्ष समिति की बैठक शुक्रवार को हुई बैठक में तालुक के 42 गांवों के नेताओं ने भाग लिया. बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में तय किया गया कि 8 दिनों के भीतर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री तालुक में आएं. साथ ही यहां की समस्या का समाधान होना चाहिए. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि 8 दिनों के भीतर निर्णय नहीं लिया जाता है, तो हम कर्नाटक के मुख्यमंत्री को जठ तालुक में आमंत्रित करेंगे और कर्नाटक में शामिल होने के निर्णय की घोषणा करेंगे.

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