मुंबई : महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा कार्यों के आवंटन की जांच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को करने का निर्देश दिया है. जांच का आदेश उस अवधि के लिए दिया गया है जब राज्य में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की सरकार थी. हालांकि, सटीक अवधि और जांच के लिए सिफारिश की गई परियोजनाओं की लागत अस्पष्ट है.
एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी द्वारा एक कोविड केंद्र का निर्धारण, आवश्यक वस्तुओं की खरीद और कार्य का बंटवारा अवैध रूप से किया गया, जिसकी कैग से जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लोगों को असुविधा नहीं हो, इसके लिए बगैर निविदा प्रक्रिया के तत्काल सुविधाओं की व्यवस्था करने और वस्तुओं की खरीद को प्राथमिकता दी गई थी.
उस वक्त राज्य की सत्ता में एमवीए सरकार थी और तब विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बार-बार उस पर शक्तियों का दुरूपयोग करने और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया. आधिकारिक सूत्रों ने कहा, 'इसलिए, राज्य सरकार ने कैग को इन सभी विषयों की जांच करने और यथाशीघ्र एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है, ताकि इस आरोप की सच्चाई लोगों के सामने आ सके.'
राज्य में शिवसेना के एकनाथ शिंदे खेमे के साथ भाजपा सत्ता में है. शिंदे के खेमे को अब ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ नाम से जाना जाता है. गौरतबल है कि बीते 24 अगस्त को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में बीएमसी के कामों का कैग ऑडिट कराने की घोषणा की थी. (पीटीआई-भाषा)