लखनऊ: काशी में ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद तरह-तरह के बयान सामने आ रहे हैं. देश में लोग इस्लामिक इमारतों के नीचे अपने मंदिर होने का दावा कर रहे हैं. अब एक बार फिर से कुछ ऐसा ही दावा संगत के महंत बजरंग मुनि ने किया है. उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि मक्का-मदीना की जांच होनी चाहिए, क्योंकि वहां पहले शिव मंदिर था.
महंत बजरंग मुनि ने कहा, जैसा कि सभी लोग जानते हैं किस प्रकार से हमारे देश के अंदर हमारी सनातन संस्कृति को नष्ट करने के लिए औरंगजेब, बाबर या मुगलों ने हमारे प्रमुख शक्तिपीठों को तोड़ा और उसके ऊपरी हिस्से में अपनी मस्जिदों का निर्माण किया. इसका उदाहरण अयोध्या में देखा ही गया है. ज्ञानवापी में भी देखा जा रहा हैं. जबकि हमारे पूर्वज पहले से ही कहते आए हैं कि मक्का में भी कहीं न कहीं हमारे आराध्य भगवान शिव का मंदिर है.
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महंत बजरंग मुनि ने कहा कि ये पूर्वजों के ही कहने की बात नहीं हैं. विभिन्न इस्लामिक जानकारों के द्वारा कई मीडिया चैनलों पर यह कहते सुना भी गया है कि मक्का कभी बुत परस्तों का शहर था. बुत परस्त उसे कहते हैं जो मूर्ति की पूजा करते हैं और मूर्ति पूजा सिर्फ हिंदू धर्म में होती है. जब मक्का हमारा शहर था तब कहीं न कहीं हम लोगों को ऐसा प्रतीत होता है कि मक्का में भी भगवान शिव का मंदिर स्थापित है. इसको लेकर मैंने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को पत्र लिखकर यह मांग की है कि मक्का-मदीना में भी एक पुरातत्व टीम द्वारा जांच कराई जाए, क्योंकि हो सकता है कि हम लोगों का सत्य ज्ञानवापी, अयोध्या, अटाला और भोजशाला की तरह सत्य प्रतीत हो. अब यह मामला देश के बाहर निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में बड़ी संगत के महंत बजरंग मुनि का अक्सर विवादों से नाता रहा है. अभी कुछ दिन पहले ही उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने विशेष समुदाय की महिलाओं के खिलाफ विवादित बयान दिया था. जिसके बाद बजरंग मुनि को जेल भी जाना पड़ा था.
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