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110 दिनों में महाकाल मंदिर को मिला 23 करोड़ का दान, भक्तों ने 8 करोड़ रुपए के लड्डू खरीदे - Mahakal temple got donation of 23 crores in 110 days

लॉकडाउन के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोले गए महाकाल मंदिर को 110 दिनों में 23 करोड़ से ज्यादा की आय हुई है. यह आय दान के अलावा अलग-अलग माध्यमों से हुई है. इसमें सबसे ज्यादा करीब 8 करोड़ की आय लड्डू प्रसाद से हुई है.

महाकाल मंदिर
महाकाल मंदिर
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Published : Oct 17, 2021, 11:23 PM IST

उज्जैन : विश्व प्रसिद्द महाकालेश्वर मंदिर के दरबार कई महीनों के लॉकडाउन के बाद 28 जून 2021 को आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था. 3 महीने और 17 दिनों के दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए इस दौरान महाकाल मंदिर प्रबंधन को कुल मिलाकर 23 करोड़ का दान मिला है. ये 23 करोड़ महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति को अलग-अलग स्रोत्रों से प्राप्त हुई है. इस राशि में विदेशी करेंसी के अलावा विदेशों से ऑनलाइन दिया गया दान भी शामिल है.

दान पेटी से निकले 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए.
दान पेटी से निकले 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए.

28 जून 2021 से लेकर 15 अक्टूबर 2021 तक करीब 3 महीने 17 दिन में महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति को 23 करोड़ की आय हुई है. यह आय लड्डू प्रसाद, शीघ्र दर्शन टिकट, मंदिर परिसर में रखी विभिन्न भेंट पेटिया, अभिषेक, भेंट से प्राप्त राशि, भस्म आरती बुकिंग और अन्य विविध आय माध्यम से प्राप्त हुई है. यह कुल राशि 23 करोड़ 3 लाख 54 हजार 538 रुपए है.

दान पेटी से निकली विदेशी मुद्राएं.
दान पेटी से निकली विदेशी मुद्राएं.

110 दिनों में 23 करोड़ 3 लाख 54 हजार 538 रुपए की आय

लॉकडाउन के दौरान महाकाल मंदिर को मिलने वाला दान बिलकुल ना के बराबर था. श्रद्धालुओं के न आने से मंदिर को होने वाली आय भी बंद थी. इस दौरान मंदिर के रखरखाव में हर महीने खर्च होने वाली लाखों की राशि और कर्मचारियों का वेतन मंदिर की जमापूंजी में से दी जा रहा था. लेकिन मंदिर खुलने के 110 दिनों के भीतर ही श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर मंदिर में दान दिया और महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति के पास 23 करोड़ रुपए की राशि जमा हो गई.

दान पेटी से निकले रुपयों की गिनती करते कर्मचारी.
दान पेटी से निकले रुपयों की गिनती करते कर्मचारी.

लड्डू प्रसाद से सबसे ज्यादा 8 करोड़ 20 लाख की आय

महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति को विभिन्न दान पेटियों से 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए मिले. शीघ्र दर्शन की व्यवस्था से प्रबंधन ने 7 करोड़ 53 लाख 25 हजार 250 रुपए कमाए. भस्म आरती में एक दिन में 1000 हजार श्रद्धालुओं को अनुमिति मिल रही है जिसमें ऑनलाइन परमिशन वाले श्रद्धालु को 100 रुपए और ऑफ लाइन परमिशन वाले श्रद्धालु को 200 रुपए शुल्क दान के रूप में लग रहा है. मंदिर में दिनभर सामान्य दर्शन तो निशुल्क है लेकिन प्रोटोकॉल से दर्शन के लिए 100 रुपए प्रति दर्शनार्थी शुल्क दान के रूप में लिया जा रहा है.

कलेक्टर आशीष सिंह ने दी ज्यादा से ज्यादा दान देने की अपील.

भक्तों से बढ़-चढ़कर दान करने की अपील

महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि 'महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण का कार्य काफी तेजी से जारी है. इसके लिए संसाधन जुटाने में काफी खर्च किया जा रहा है. इसलिए दान दाताओं से अपील है कि वे बड़ी संख्या में मंदिर में दान करें ताकि मंदिर को भव्य और ऐतिहासिक रूप दिया जा सके.'

इन स्रोत्रों से बाबा महाकाल को हुई आय

  1. लड्डू प्रसाद: 8 करोड़ 20 लाख 54 हजार 750 रुपए
  2. शीघ्र दर्शन टिकट: 7 करोड 53 लाख 25 हजार 250 रुपए
  3. भेंट पेटी से आय: 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए
  4. अभिषेक एवं भेंट से प्राप्त राशि: 92 लाख 130 रुपए
  5. भस्म आरती बुकिंग से आय: 34 लाख 70 हजार 180 रुपए
  6. अन्य विविध आय: 28 लाख 77 हजार 28 रुपए
  7. अन्न क्षेत्र भेंट आय: 5 लाख 87 हजार 116 रुपए
  8. ध्वजा एवं बुकिंग से आय: 2 लाख 27 हजार 700 रुपए.

उज्जैन : विश्व प्रसिद्द महाकालेश्वर मंदिर के दरबार कई महीनों के लॉकडाउन के बाद 28 जून 2021 को आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था. 3 महीने और 17 दिनों के दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए इस दौरान महाकाल मंदिर प्रबंधन को कुल मिलाकर 23 करोड़ का दान मिला है. ये 23 करोड़ महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति को अलग-अलग स्रोत्रों से प्राप्त हुई है. इस राशि में विदेशी करेंसी के अलावा विदेशों से ऑनलाइन दिया गया दान भी शामिल है.

दान पेटी से निकले 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए.
दान पेटी से निकले 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए.

28 जून 2021 से लेकर 15 अक्टूबर 2021 तक करीब 3 महीने 17 दिन में महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति को 23 करोड़ की आय हुई है. यह आय लड्डू प्रसाद, शीघ्र दर्शन टिकट, मंदिर परिसर में रखी विभिन्न भेंट पेटिया, अभिषेक, भेंट से प्राप्त राशि, भस्म आरती बुकिंग और अन्य विविध आय माध्यम से प्राप्त हुई है. यह कुल राशि 23 करोड़ 3 लाख 54 हजार 538 रुपए है.

दान पेटी से निकली विदेशी मुद्राएं.
दान पेटी से निकली विदेशी मुद्राएं.

110 दिनों में 23 करोड़ 3 लाख 54 हजार 538 रुपए की आय

लॉकडाउन के दौरान महाकाल मंदिर को मिलने वाला दान बिलकुल ना के बराबर था. श्रद्धालुओं के न आने से मंदिर को होने वाली आय भी बंद थी. इस दौरान मंदिर के रखरखाव में हर महीने खर्च होने वाली लाखों की राशि और कर्मचारियों का वेतन मंदिर की जमापूंजी में से दी जा रहा था. लेकिन मंदिर खुलने के 110 दिनों के भीतर ही श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर मंदिर में दान दिया और महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति के पास 23 करोड़ रुपए की राशि जमा हो गई.

दान पेटी से निकले रुपयों की गिनती करते कर्मचारी.
दान पेटी से निकले रुपयों की गिनती करते कर्मचारी.

लड्डू प्रसाद से सबसे ज्यादा 8 करोड़ 20 लाख की आय

महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति को विभिन्न दान पेटियों से 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए मिले. शीघ्र दर्शन की व्यवस्था से प्रबंधन ने 7 करोड़ 53 लाख 25 हजार 250 रुपए कमाए. भस्म आरती में एक दिन में 1000 हजार श्रद्धालुओं को अनुमिति मिल रही है जिसमें ऑनलाइन परमिशन वाले श्रद्धालु को 100 रुपए और ऑफ लाइन परमिशन वाले श्रद्धालु को 200 रुपए शुल्क दान के रूप में लग रहा है. मंदिर में दिनभर सामान्य दर्शन तो निशुल्क है लेकिन प्रोटोकॉल से दर्शन के लिए 100 रुपए प्रति दर्शनार्थी शुल्क दान के रूप में लिया जा रहा है.

कलेक्टर आशीष सिंह ने दी ज्यादा से ज्यादा दान देने की अपील.

भक्तों से बढ़-चढ़कर दान करने की अपील

महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि 'महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण का कार्य काफी तेजी से जारी है. इसके लिए संसाधन जुटाने में काफी खर्च किया जा रहा है. इसलिए दान दाताओं से अपील है कि वे बड़ी संख्या में मंदिर में दान करें ताकि मंदिर को भव्य और ऐतिहासिक रूप दिया जा सके.'

इन स्रोत्रों से बाबा महाकाल को हुई आय

  1. लड्डू प्रसाद: 8 करोड़ 20 लाख 54 हजार 750 रुपए
  2. शीघ्र दर्शन टिकट: 7 करोड 53 लाख 25 हजार 250 रुपए
  3. भेंट पेटी से आय: 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए
  4. अभिषेक एवं भेंट से प्राप्त राशि: 92 लाख 130 रुपए
  5. भस्म आरती बुकिंग से आय: 34 लाख 70 हजार 180 रुपए
  6. अन्य विविध आय: 28 लाख 77 हजार 28 रुपए
  7. अन्न क्षेत्र भेंट आय: 5 लाख 87 हजार 116 रुपए
  8. ध्वजा एवं बुकिंग से आय: 2 लाख 27 हजार 700 रुपए.
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