नई दिल्ली : मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने विमानन कंपनी स्पाइसजेट लिमिटेड (private carrier SpiceJet Limited ) के परिसमापन के अपने आदेश पर स्थगन दे दिया है. कंपनी ने कहा है कि वह एक बड़ी पीठ के समक्ष अपील करने के साथ इस बारे में अन्य उपयुक्त कदमों पर विचार कर रही है.
बीएसई को भेजी सूचना में स्पाइसजेट ने कहा कि अदालत ने स्विट्ज़रलैंड की एक कंपनी क्रेडिट सुइस एजी (Credit Suisse AG) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को स्पाइसजेट के परिसमापन और उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक (लिक्विडेटर) को एयरलाइन की संपत्तियों पर कब्जा लेने का आदेश दिया था.
क्रेडिट सुइस ने इंजन रखरखाव सेवा कंपनी एसआरटी टेक्निक्स के 2.40 करोड़ डॉलर के बकाये का भुगतान नहीं करने के लिए स्पाइसजेट के खिलाफ याचिका दायर की थी.
स्पाइसजेट ने कहा, 'मद्रास उच्च न्यायालय ने यह मानने के बावजूद कि समझौते की अवधि के दौरान इंजन रखरखाव करने के लिए एसआर टेक्निक्स एसआरटी के पास नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation) (डीजीसीए) से वैध अधिकार नहीं था, कंपनी की दलील को खारिज करते हुए उसके परिसमापन का आदेश दिया था.'
विमानन कंपनी ने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने पिछले आदेश पर हालांकि उसी दिन रोक लगा दी. साथ ही कंपनी को दो सप्ताह के भीतर पचास लाख डॉलर के बराबर राशि जमा करने की शर्त पर तीन सप्ताह तक की राहत दी है.
स्पाइसजेट ने कहा, 'कंपनी इस आदेश की समीक्षा कर रही है. और मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दी गई समयसीमा के भीतर उचित कदम उठाएगी.'
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इससे पहले न्यायमूर्ति आर सुब्रमण्यम ने सोमवार को अपने आदेश में कहा कि स्पाइसजेट मतुसूदन गोवर्धनदास एंड कंपनी बनाम मधु वूलन इंडस्ट्रीज (पी) लिमिटेड मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा सुझाए गए तीन परीक्षणों के मोर्चे पर संतुष्ट करने में पूरी तरह विफल रही है.
(पीटीआई भाषा)