श्योपुर। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक और दुखद खबर आई है. चीता प्रोजेक्ट के तहत लाए गए एक और नर चीता तेजस की मौत हो गई है. तेजस को सुबह घायल अवस्था में पाया गया था. सूचना मिलने के बाद पालपुर चिकित्सकों का दल मौके पर पहुंचा, लेकिन जब मौके पर जाकर उसे चैक किया गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. बताया जा रहा है कि चीता तेजस के गले पर गंभीर चोटें पाई गई हैं. कूनों में अब तक 3 शावकों समेत 7 चीतों की मौत हो गई है.
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Madhya Pradesh | At around 11:00 am, injury marks were seen on the upper part of the neck of a male cheetah in Sheopur Kuno National Park by the monitoring team. This was informed to the wildlife doctors present at the Palpur headquarters. Wildlife doctors inspected the Cheetah…
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 11, 2023Madhya Pradesh | At around 11:00 am, injury marks were seen on the upper part of the neck of a male cheetah in Sheopur Kuno National Park by the monitoring team. This was informed to the wildlife doctors present at the Palpur headquarters. Wildlife doctors inspected the Cheetah…
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 11, 2023
अधिकारी आपसी झगड़ा मान रहे वजह: वन विभाग के अधिकारियों ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि सुबह करीब 11 बजे चीतों की मॉनिटरिंग के लिए तैनात टीम द्वारा नर चीता तेजस की गर्दन के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान देखे गए थे. इस चीते को बोमा क्रमांक 6 में रखा गया था. इसकी सूचना मॉनिटरिंग टीम द्वारा पालपुर मुख्यालय पर उपस्थित वन्य प्राणा चिकित्सकों को दी गई. वन्य प्राणी चिकित्सकों द्वारा मौके पर जाकर तेजस चीते का मुआयना किया और उसके घावों को गंभीर पाया. तेजस को बेहोश कर उपचार करने हेतु अनुमति प्राप्त कर तैयारी के साथ चिकित्सकों का दल मौके पर रवाना हुआ. करीब 2 बजे नर चीता तेजस मृत पाया गया. अधिकारियों के मुताबिक पोस्टमार्टम के बाद ही इसकी मौत के कारणों का पता लगाया जा सकेगा.
अब तक 7 चीतों की हो चुकी है मौत: साउथ अफ्रीका से लाए गए अब तक 7 चीतों की मौत हो चुकी है. इसमें 3 शावक और चार बड़े चीते शामिल हैं. इसके पहले 23 मई को मादा चीता ज्वाला के दो शावकों की मौत हुई थी. चीतों की लगातार मौतों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. चीतों की मौत को लेकर पूर्व में साउथ अफ्रीका वाइल्डलाइफ स्पेशलिस्ट विंसेट वार डेर मर्व भी चिंता जता चुके हैं. उन्होंने चीतों के निवास स्थानों पर बाड़ लगाने का सुझाव दिया था और कहा था कि बिना बाड़ वाले अभ्यारण्य में चीतों को बनाए जाने की कोशिशें में सफलता मिलना बहुत मुश्किल होगा.
जानिए कब हुई चीतों की मौत: आपको बता दें 23 मई के बाद से चीतों की मौत की खबरों पर विराम लग गया था. जिसके बाद लोगों में खुशी थी, कि अभी चीते स्वस्थ्य हैं. बीते कुछ दिनों से लगातार चीतों की मौत की खबरें सामने आ रही थी. सबसे पहले 27 मार्च को नामीबिया से लाई गई साशा चीता की मौत हुई थी. साशा की मौत की वजह किडनी में इंफेक्शन बताई गई थी. वहीं 23 अप्रैल को चीता उदय ने जान गंवाई थी. उदय की मौत की वजह वही बताई गई, जो साशा की बताई गई थी. इसके बाद 9 मई को दक्षा की मौत हुई थी. बाड़े में हो रही चीतों की लड़ाई में दक्षा ने जान गंवाई थी. इसके बाद ज्वाला चीता द्वारा जन्म एक शावक की मौत हो गई थी. वहीं 23 मई की शाम तक दो और शावकों ने दम तोड़ा था. अब तक कुल 7 चीता और 3 शावकों ने जान गंवाई है.