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लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. अनूप बनर्जी एम्स अवंतीपोरा के कार्यकारी निदेशक नामित

लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. अनूप बनर्जी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स अवंतीपोरा (जम्मू-कश्मीर) का कार्यकारी निदेशक नामित करने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बनर्जी 31 मार्च 2022 को सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त हुए थे.

Lt Gen Dr Anoop Banerjee AIIMS Kashmir
अनूप बनर्जी एम्स कश्मीर कार्यकारी निदेशक नामित
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Published : Jun 24, 2022, 11:06 PM IST

श्रीनगर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. अनूप बनर्जी को एम्स अवंतीपोरा (जम्मू-कश्मीर) के पहले कार्यकारी निदेशक के रूप में नामित करने का निर्णय लिया है. आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई है. गौरतलब है कि लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बनर्जी 31 मार्च 2022 को सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त हुए थे. बनर्जी ने महानिदेशक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के रूप में भी कार्य किया.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने 2 जून को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अवंतीपोरा एम्स में छात्रों का पहला बैच इस साल दिसंबर में छोड़ दिया जाए, और जम्मू एम्स सितंबर 2023 तक पूरी तरह से शुरू किया जाए. इससे पहले 2016 में सरकार ने कश्मीर के सांबा, जम्मू और अवंतीपोरा में दो एम्स संस्थानों को मंजूरी दी थी, लेकिन अवंतीपोरा में काम धीमा रहा है. वहीं दूसरी ओर लोगों का मानना है कि एम्स अवंतीपोरा के का काम पूरा होना घाटी में चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति के रूप में साबित होगा.

श्रीनगर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. अनूप बनर्जी को एम्स अवंतीपोरा (जम्मू-कश्मीर) के पहले कार्यकारी निदेशक के रूप में नामित करने का निर्णय लिया है. आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई है. गौरतलब है कि लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बनर्जी 31 मार्च 2022 को सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त हुए थे. बनर्जी ने महानिदेशक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के रूप में भी कार्य किया.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने 2 जून को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अवंतीपोरा एम्स में छात्रों का पहला बैच इस साल दिसंबर में छोड़ दिया जाए, और जम्मू एम्स सितंबर 2023 तक पूरी तरह से शुरू किया जाए. इससे पहले 2016 में सरकार ने कश्मीर के सांबा, जम्मू और अवंतीपोरा में दो एम्स संस्थानों को मंजूरी दी थी, लेकिन अवंतीपोरा में काम धीमा रहा है. वहीं दूसरी ओर लोगों का मानना है कि एम्स अवंतीपोरा के का काम पूरा होना घाटी में चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति के रूप में साबित होगा.

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