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महाराष्ट्र के सीएम को मनसे प्रमुख राज ठाकरे की चेतावनी

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Published : May 11, 2022, 6:46 AM IST

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को चेतावनी दी है. साथ ही एक पत्र भी लिखा है. उस पत्र में आरोप लगाया है कि सत्ता किसी की अमर नहीं होती है. हनुमान चालीसा के जगह पर क्यों न हम मस्जिदों के बाहर हॉर्न बजाएं जिससे ध्वनि प्रदुषण भी हौगा और लोगों को परेशानी भी होगी.

मनसे प्रमुख राज ठाकरे
मनसे प्रमुख राज ठाकरे

मुंबई : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लाउडस्पीकर मुद्दे पर मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर स्पष्ट चेतावनी दी. "जब मैंने सभी देशवासियों से मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की अपील की, तो महाराष्ट्र सरकार ऐसा व्यवहार कर रही है मानो वह संवेदनहीन हो गई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए आंदोलन से ठीक पहले 4 मई को मनसे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. जबकि देश और विभिन्न राज्यों के हाई कोर्ट ने भी इस पर संज्ञान लिया है. महाराष्ट्र के 28,000 मनसे सैनिकों को पुलिस द्वारा निवारक नोटिस जारी किए गए, हजारों को निर्वासित किया गया और कई को जेल में डाल दिया गया, "राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को अपने पत्र में कहा.

मनसे प्रमुख ने कहा, "क्यों न मस्जिदों पर हॉर्न बजाया जाए जो ध्वनि प्रदूषण पैदा करती हैं और लोगों को परेशान करती हैं. पिछले एक हफ्ते में, मैंने सोचा है कि राज्य सरकार महाराष्ट्र के सैनिकों को दबाने के लिए पुलिस बल का उपयोग कैसे कर रही है. क्या राज्य सरकार या पुलिस ने कभी ऐसा किया है मस्जिदों में छिपे हथियारों और आतंकवादियों को खोजने के लिए 'गिरफ्तारी अभियान'? पुलिस हमारे संदीप देशपांडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं की तलाश कर रही है."

राज ठाकरे ने कहा कि सत्ता स्थायी नहीं है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सत्ता हमेशा रहने वाली नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे को मनसे के धैर्य की परीक्षा न लेने की चेतावनी दी. संदीप देशपांडे और अन्य कार्यकर्ताओं की तलाश इस तरह से चल रही है कि ये लोग पाकिस्तान से आए हैं. इन अत्याचारों और कठोर कार्रवाइयों का आदेश किसने दिया? यह सही नहीं है. सभी मराठी भाई-बहन यह देख रहे हैं. हमारे धैर्य का ज्यादा टेस्ट लें.

राज ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद में एक रैली की थी और लाउडस्पीकर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र सरकार को जमकर लताड़ा था. उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई की डेडलाइन तय की थी. साथ ही धमकी दी थी कि "यदि राज्य सरकार 3 मई तक कार्रवाई नहीं करती है तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने 'अज़ान' (मुस्लिम प्रार्थना) के वक्त दोगुनी साउंड में हनुमान चालीसा बजाएंगे."

डेडलाइन समाप्त होने के बाद कई मनसे कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर हनुमान चालीसा बजाने के लिए मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर लगाने की कोशिश करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. खासकर महाराष्ट्र के बीड जिले के परली की एक अदालत ने कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए 2008 के एक मामले में राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. इससे पहले 3 मई को सांगली की एक अदालत ने 2008 के मामले में ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.

यह भी पढ़ें-मनसे ने मौलवियों से मांगा लिखित आश्वासन : वर्ना पुलिस चौकी के बाहर बजाएंगे हनुमान चालीसा

एएनआई

मुंबई : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लाउडस्पीकर मुद्दे पर मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर स्पष्ट चेतावनी दी. "जब मैंने सभी देशवासियों से मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की अपील की, तो महाराष्ट्र सरकार ऐसा व्यवहार कर रही है मानो वह संवेदनहीन हो गई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए आंदोलन से ठीक पहले 4 मई को मनसे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. जबकि देश और विभिन्न राज्यों के हाई कोर्ट ने भी इस पर संज्ञान लिया है. महाराष्ट्र के 28,000 मनसे सैनिकों को पुलिस द्वारा निवारक नोटिस जारी किए गए, हजारों को निर्वासित किया गया और कई को जेल में डाल दिया गया, "राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को अपने पत्र में कहा.

मनसे प्रमुख ने कहा, "क्यों न मस्जिदों पर हॉर्न बजाया जाए जो ध्वनि प्रदूषण पैदा करती हैं और लोगों को परेशान करती हैं. पिछले एक हफ्ते में, मैंने सोचा है कि राज्य सरकार महाराष्ट्र के सैनिकों को दबाने के लिए पुलिस बल का उपयोग कैसे कर रही है. क्या राज्य सरकार या पुलिस ने कभी ऐसा किया है मस्जिदों में छिपे हथियारों और आतंकवादियों को खोजने के लिए 'गिरफ्तारी अभियान'? पुलिस हमारे संदीप देशपांडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं की तलाश कर रही है."

राज ठाकरे ने कहा कि सत्ता स्थायी नहीं है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सत्ता हमेशा रहने वाली नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे को मनसे के धैर्य की परीक्षा न लेने की चेतावनी दी. संदीप देशपांडे और अन्य कार्यकर्ताओं की तलाश इस तरह से चल रही है कि ये लोग पाकिस्तान से आए हैं. इन अत्याचारों और कठोर कार्रवाइयों का आदेश किसने दिया? यह सही नहीं है. सभी मराठी भाई-बहन यह देख रहे हैं. हमारे धैर्य का ज्यादा टेस्ट लें.

राज ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद में एक रैली की थी और लाउडस्पीकर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र सरकार को जमकर लताड़ा था. उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई की डेडलाइन तय की थी. साथ ही धमकी दी थी कि "यदि राज्य सरकार 3 मई तक कार्रवाई नहीं करती है तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने 'अज़ान' (मुस्लिम प्रार्थना) के वक्त दोगुनी साउंड में हनुमान चालीसा बजाएंगे."

डेडलाइन समाप्त होने के बाद कई मनसे कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर हनुमान चालीसा बजाने के लिए मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर लगाने की कोशिश करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. खासकर महाराष्ट्र के बीड जिले के परली की एक अदालत ने कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए 2008 के एक मामले में राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. इससे पहले 3 मई को सांगली की एक अदालत ने 2008 के मामले में ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.

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एएनआई

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