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इजराइल-हमास युद्ध पर भारत की दो टूक- लोगों की मौतें अस्वीकार्य...बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता - यूएनजीए बैठक

यूएनजीए बैठक में फिलिस्तीनी और मध्य पूर्व की स्थिति पर आज भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से भारत ने जो संदेश दिया है वह स्पष्ट और सुसंगत है. बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.

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संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज की फाइल फोटो. (एक्स: @IndiaUNNewYork )
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By ANI

Published : Jan 10, 2024, 8:13 AM IST

Updated : Jan 10, 2024, 2:18 PM IST

न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में नागरिक जीवन के नुकसान की कड़ी निंदा की. इस संबंध में भारत का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि खतरनाक मानवीय संकट 'स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य' है.

उन्होंने कहा कि इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष से बड़े पैमाने पर नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जान चली गई है. इसके परिणामस्वरूप एक खतरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया है. यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है. हमने नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा की है. साथ ही, हम जानते हैं कि इसका तात्कालिक कारण 7 अक्टूबर को इजराइल में हुए आतंकवादी हमले थे. हमने उन घटनाओं की भी स्पष्ट निंदा की है. कंबोज ने कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता का दृष्टिकोण रखता है.

  • “The message that 🇮🇳 has conveyed since the start of this conflict is clear & consistent…a peaceful resolution of the conflict through dialogue & diplomacy is the only way forward...”

    - PR at the UNGA meeting today on the situation in Middle East, including Palestinian question pic.twitter.com/41nXLPtPBd

    — India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) January 9, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कंबोज पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने क्षेत्र में मौजूदा स्थिति को सामान्य बनाने पर जोर दिया. इसके साथ ही गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के लिए भारत के निरंतर प्रयासों पर भी प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार इजराइल और फिलिस्तीन सहित क्षेत्र के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है. हमने जी20, ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों और नवंबर 2023 में ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में भी अपने विचार व्यक्त किए हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर अपनी दीर्घकालिक और प्रमुख स्थिति को दोहराया है. हमने प्रभावित आबादी के लिए निरंतर मानवीय सहायता का भी आह्वान किया है. इस संबंध में, हमें उम्मीद है कि सुरक्षा परिषद संकल्प 2720 मानवीय सहायता बढ़ाने में सहायता करेगा. बता दें कि कंबोज संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी दूत हैं.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सभा के दौरान सदस्य देशों को जानकारी दी कि भारत ने अब तक फिलिस्तीन के लोगों को दो किस्तों में 16.5 टन दवा और चिकित्सा आपूर्ति सहित 70 टन मानवीय सहायता प्रदान की है. उन्होंने कहा कि हमने हमें 5 मिलियन डॉलर भी प्रदान किए हैं, जिसमें दिसंबर के अंत में प्रदान किए गए 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर भी शामिल हैं.

कंबोज ने आगे कहा कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से भारत ने जो संदेश दिया है वह स्पष्ट और सुसंगत है. हिंसा को रोकना, मानवीय सहायता की निरंतर डिलीवरी सुनिश्चित करना और शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है. कम्बोज ने कहा कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.

कंबोज ने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि अंतिम स्थिति के मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सीधी और सार्थक बातचीत के माध्यम से प्राप्त केवल दो राज्य समाधान ही स्थायी शांति प्रदान करेगा. इजराइल और फिलिस्तीन के लोग इसकी इच्छा रखते हैं. इसके हकदार हैं. इसके लिए, हम संबंधित पार्टियों से आग्रह करते हैं कि वे तनाव कम करें, हिंसा से बचें और सीधी शांति वार्ता को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के लिए स्थितियां बनाने की दिशा में काम करें.

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न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में नागरिक जीवन के नुकसान की कड़ी निंदा की. इस संबंध में भारत का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि खतरनाक मानवीय संकट 'स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य' है.

उन्होंने कहा कि इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष से बड़े पैमाने पर नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जान चली गई है. इसके परिणामस्वरूप एक खतरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया है. यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है. हमने नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा की है. साथ ही, हम जानते हैं कि इसका तात्कालिक कारण 7 अक्टूबर को इजराइल में हुए आतंकवादी हमले थे. हमने उन घटनाओं की भी स्पष्ट निंदा की है. कंबोज ने कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता का दृष्टिकोण रखता है.

  • “The message that 🇮🇳 has conveyed since the start of this conflict is clear & consistent…a peaceful resolution of the conflict through dialogue & diplomacy is the only way forward...”

    - PR at the UNGA meeting today on the situation in Middle East, including Palestinian question pic.twitter.com/41nXLPtPBd

    — India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) January 9, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कंबोज पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने क्षेत्र में मौजूदा स्थिति को सामान्य बनाने पर जोर दिया. इसके साथ ही गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के लिए भारत के निरंतर प्रयासों पर भी प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार इजराइल और फिलिस्तीन सहित क्षेत्र के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है. हमने जी20, ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों और नवंबर 2023 में ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में भी अपने विचार व्यक्त किए हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर अपनी दीर्घकालिक और प्रमुख स्थिति को दोहराया है. हमने प्रभावित आबादी के लिए निरंतर मानवीय सहायता का भी आह्वान किया है. इस संबंध में, हमें उम्मीद है कि सुरक्षा परिषद संकल्प 2720 मानवीय सहायता बढ़ाने में सहायता करेगा. बता दें कि कंबोज संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी दूत हैं.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सभा के दौरान सदस्य देशों को जानकारी दी कि भारत ने अब तक फिलिस्तीन के लोगों को दो किस्तों में 16.5 टन दवा और चिकित्सा आपूर्ति सहित 70 टन मानवीय सहायता प्रदान की है. उन्होंने कहा कि हमने हमें 5 मिलियन डॉलर भी प्रदान किए हैं, जिसमें दिसंबर के अंत में प्रदान किए गए 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर भी शामिल हैं.

कंबोज ने आगे कहा कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से भारत ने जो संदेश दिया है वह स्पष्ट और सुसंगत है. हिंसा को रोकना, मानवीय सहायता की निरंतर डिलीवरी सुनिश्चित करना और शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है. कम्बोज ने कहा कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.

कंबोज ने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि अंतिम स्थिति के मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सीधी और सार्थक बातचीत के माध्यम से प्राप्त केवल दो राज्य समाधान ही स्थायी शांति प्रदान करेगा. इजराइल और फिलिस्तीन के लोग इसकी इच्छा रखते हैं. इसके हकदार हैं. इसके लिए, हम संबंधित पार्टियों से आग्रह करते हैं कि वे तनाव कम करें, हिंसा से बचें और सीधी शांति वार्ता को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के लिए स्थितियां बनाने की दिशा में काम करें.

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Last Updated : Jan 10, 2024, 2:18 PM IST
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