ETV Bharat / bharat

बिहार के नालंदा में 355 दिन थाना में 'कैद' रहते हैं गणपति, 10 दिनों के लिए देते हैं दर्शन - Ganesh Chaturthi In Nalanda

बिहार में एक ऐसी भगवान गणेश (Ganesh Chaturthi 2022) की प्रतिमा है जिसे सुरक्षा के लिए साल में 355 दिन थाना परिसर में रखा जाता है. लेकिन साल में 10 दिन के लिए थाने से बाहर निकाला जाता है. पढ़ें.

थाने से निकली भगवान गणेश की मूर्ति
थाने से निकली भगवान गणेश की मूर्ति
author img

By

Published : Sep 2, 2022, 4:17 PM IST

नालंदा: गणों के राजा गणराजा के महापर्व गणेश चतुर्थी को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन नालंदा (Ganesh Chaturthi In Nalanda) में इस पर्व की महत्ता देखते ही बनती है. सिलाव थाना परिसर ( Silao Thana Nalanda ) में स्थापित बप्पा की प्रतिमा को 10 दिनों के लिए मंदिर से बाहर लाया जाता है. कैदी दस दिनों तक गणपति की पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं.

पढ़ें- अद्वितीय हैं गया के मूंगे वाले गणेश जी, 18 वीं सदी से यहां आने वालों की हर मन्नतें होती हैं पूरी

गणपति को क्यों कैद में रखा जाता है?: अब आप सोच रहे होंगे कि इस प्रतिमा में ऐसा क्या है कि इसे निगरानी में रखना पड़ता है. इसका जवाब पुजारी ने दिया है. पुजारी ने बताया कि यह बेशकीमती प्रतिमा 150 साल पुरानी है. बेशकीमती होने के कारण इसपर हमेशा चोरों की नजर रहती है. एक बार तो मूर्ति की चोरी भी कर ली गई थी लेकिन लोगों की नजर पड़ी और चोरों को पकड़ लिया गया. उसके बाद स्थानीय लोगों ने निर्णय लिया कि थाना परिसर के मंदिर में गणपति को सुरक्षित रखा जाए.

"गणेश की प्रतिमा डेढ़ सौ साल पुरानी है. संगमरमर की प्रतिमा है. सुना है पहले मिट्टी की प्रतिमा थी. प्रतिमा भंग होने पर पत्थर का बनाया गया. पहले पूजा के लिए रखा जाता था लेकिन कुछ उचक्के चुरा कर भाग रहे थे, हम लोगों ने पकड़ लिया. उसके बाद से सुरक्षा के लिए थाना परिसर के मंदिर में प्रतिमा को रखते हैं. भादो शुक्ल पक्ष को प्रतिमा को हम बाहर लाते हैं. 10 दिन के बाद फिर थाना परिसर में रख देते हैं."- बाल गोविंद राम, पुजारी

सिलाव थाना परिसर मंदिर में रखा जाता है: भगवान गणेश की प्रतिमा 355 दिन थाना (Ganpati Imprisoned In Police Station) में रहती है और 10 दिनों के लिए पूजा के लिए बाहर लाया जाता है. पूजा समिति के लोग गणेश पूजा के समय थाना से 10 दिन के लिए बाजार लाकर पूजा पंडाल में प्रतिमा को स्थापित करते हैं और विधि विधान से पूजा की जाती है. पूजा की समाप्ति के बाद प्रतिमा को थाना के हवाले कर दिया जाता है. सिलाव थाना परिसर के मंदिर में इस प्रतिमा को रखा जाता है.

बेशकीमती मूर्ति पर रहती है चोरों की नजर: 150 साल से भगवान गणेश की हर साल पूजा की जा रही है. पूजा समिति के लोगों की मानें तो भगवान गणेश की बेशकीमती प्रतिमा को पहले पूजा के बाद श्याम सरोवर स्थित ठाकुरबाड़ी में रखा जाता था. मगर एक बार इस मूर्ति को चुराने का प्रयास किया गया. स्थानीय लोगों ने अपनी जान पर खेलकर इस मूर्ति को बचाया. बावजूद इसके चोर की नजर इस मूर्ति पर थी, जिसके कारण स्थानीय लोगों ने निर्णय लिया कि इस मूर्ति को सिलाव थाना में रखा जाय और सिर्फ पूजा के दौरान ही इस मूर्ति को बाजार में बैठाया जाय. तब से लेकर अब तक सिर्फ 10 दिनों के लिए ही थाना से गणेश की प्रतिमा बाजार लाया जाता है और धूमधाम से पूजा के बाद फिर थाना के हवाले कर दिया जाता है.

नालंदा: गणों के राजा गणराजा के महापर्व गणेश चतुर्थी को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन नालंदा (Ganesh Chaturthi In Nalanda) में इस पर्व की महत्ता देखते ही बनती है. सिलाव थाना परिसर ( Silao Thana Nalanda ) में स्थापित बप्पा की प्रतिमा को 10 दिनों के लिए मंदिर से बाहर लाया जाता है. कैदी दस दिनों तक गणपति की पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं.

पढ़ें- अद्वितीय हैं गया के मूंगे वाले गणेश जी, 18 वीं सदी से यहां आने वालों की हर मन्नतें होती हैं पूरी

गणपति को क्यों कैद में रखा जाता है?: अब आप सोच रहे होंगे कि इस प्रतिमा में ऐसा क्या है कि इसे निगरानी में रखना पड़ता है. इसका जवाब पुजारी ने दिया है. पुजारी ने बताया कि यह बेशकीमती प्रतिमा 150 साल पुरानी है. बेशकीमती होने के कारण इसपर हमेशा चोरों की नजर रहती है. एक बार तो मूर्ति की चोरी भी कर ली गई थी लेकिन लोगों की नजर पड़ी और चोरों को पकड़ लिया गया. उसके बाद स्थानीय लोगों ने निर्णय लिया कि थाना परिसर के मंदिर में गणपति को सुरक्षित रखा जाए.

"गणेश की प्रतिमा डेढ़ सौ साल पुरानी है. संगमरमर की प्रतिमा है. सुना है पहले मिट्टी की प्रतिमा थी. प्रतिमा भंग होने पर पत्थर का बनाया गया. पहले पूजा के लिए रखा जाता था लेकिन कुछ उचक्के चुरा कर भाग रहे थे, हम लोगों ने पकड़ लिया. उसके बाद से सुरक्षा के लिए थाना परिसर के मंदिर में प्रतिमा को रखते हैं. भादो शुक्ल पक्ष को प्रतिमा को हम बाहर लाते हैं. 10 दिन के बाद फिर थाना परिसर में रख देते हैं."- बाल गोविंद राम, पुजारी

सिलाव थाना परिसर मंदिर में रखा जाता है: भगवान गणेश की प्रतिमा 355 दिन थाना (Ganpati Imprisoned In Police Station) में रहती है और 10 दिनों के लिए पूजा के लिए बाहर लाया जाता है. पूजा समिति के लोग गणेश पूजा के समय थाना से 10 दिन के लिए बाजार लाकर पूजा पंडाल में प्रतिमा को स्थापित करते हैं और विधि विधान से पूजा की जाती है. पूजा की समाप्ति के बाद प्रतिमा को थाना के हवाले कर दिया जाता है. सिलाव थाना परिसर के मंदिर में इस प्रतिमा को रखा जाता है.

बेशकीमती मूर्ति पर रहती है चोरों की नजर: 150 साल से भगवान गणेश की हर साल पूजा की जा रही है. पूजा समिति के लोगों की मानें तो भगवान गणेश की बेशकीमती प्रतिमा को पहले पूजा के बाद श्याम सरोवर स्थित ठाकुरबाड़ी में रखा जाता था. मगर एक बार इस मूर्ति को चुराने का प्रयास किया गया. स्थानीय लोगों ने अपनी जान पर खेलकर इस मूर्ति को बचाया. बावजूद इसके चोर की नजर इस मूर्ति पर थी, जिसके कारण स्थानीय लोगों ने निर्णय लिया कि इस मूर्ति को सिलाव थाना में रखा जाय और सिर्फ पूजा के दौरान ही इस मूर्ति को बाजार में बैठाया जाय. तब से लेकर अब तक सिर्फ 10 दिनों के लिए ही थाना से गणेश की प्रतिमा बाजार लाया जाता है और धूमधाम से पूजा के बाद फिर थाना के हवाले कर दिया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.