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BJP MLA Son Bribe Case: बीजेपी विधायक व बेटे समेत 6 पर एफआईआर, गिरफ्तारी के डर से MLA फरार

चेन्नागिरी के बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे और बेंगलुरू जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखाकार प्रशांत रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के जाल में फंस गए. उन्हें रंगे हाथों 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. उनके घर से 6 करोड़ रुपये जब्त किये गये. अब इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

Lokayukta Officials Seized 6 Crores
जब्त रकम.
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Published : Mar 3, 2023, 10:44 AM IST

Updated : Mar 3, 2023, 8:13 PM IST

बेंगलुरू: कर्नाटक के बेंगलुरु में भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे द्वारा 40 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है. श्रेयस कश्यप केमिकल नाम की कंपनी के एक पार्टनर की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक लोकायुक्त में मदल विरुपक्षप्पा और उनके बेटे प्रशांत समेत छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. मामले में प्रथम आरोपी मदल विरुपाक्षप्पा, दूसरा आरोपी विधायक का बेटा प्रशांत मदल, तीसरा आरोपी सुरेंद्र कार्यालय का लेखाकार, चौथा आरोपी प्रशांत मदल का रिश्तेदार सिद्धेश, पांचवें और छठे आरोपी कर्नाटक अरोमास कंपनी के कर्मचारी अल्बर्ट निकोला और गंगाधर हैं.

इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ताजा जानकारी के अनुसार अब विधायक फरार हो गया है और लोकायुक्त पुलिस उसकी तलाश कर रही है. हालांकि इससे पहले ही विरुपक्षप्पा ने शुक्रवार को कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफा उनके दोस्तों ने मुख्यमंत्री कार्यलय पहुंचाया. भाजपा विधायक ने अपने त्याग पत्र में कहा कि लोकायुक्त छापे का मुझसे कोई संबंध नहीं है. यह मेरे परिवार के खिलाफ साजिश है. मैं नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहा हूं.

वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने कहा कि विधायक के बेटे द्वारा रिश्वत की मांग राज्य में 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार के काम करने का सबूत है. सिद्धरमैया ने कहा कि जब भी हमने कहा कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है और ठेकेदारों से 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती है, तो मुख्यमंत्री ने हमें ब्योरा प्रस्तुत करने के लिए कहा. उन्होंने पूछा कि क्या यह इस बात का सबूत नहीं है, कि राज्य में 40 फीसदी कमीशन की सरकार काम कर रही है?

इसके अलावा बोम्मई ने बेंगलुरू में संवाददाताओं से कहा कि अतीत में एक मजबूत लोकायुक्त की कमी के कारण, कांग्रेस शासन के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच नहीं हो सकी थी. बोम्मई ने कहा कि हम बार-बार कह रहे हैं कि हम निष्पक्ष जांच करेंगे. इस मामले में भी हमारा रुख यह है कि स्वतंत्र लोकायुक्त संस्था निष्पक्ष जांच करेगी और जिसने भी गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के इस बयान पर कहा कि यह घटना इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान भाजपा सरकार 40 प्रतिशत कमीशन की सरकार है, बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप थे, लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बनाकर इसे छिपाया. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के समय के भ्रष्टाचार के कई मामले लोकायुक्त को सौंपे गये हैं, जिनकी जांच होगी और सच्चाई सामने आएगी.

गौरतलब है कि चन्नागिरी के भाजपा विधायक और कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल को लोकायुक्त पुलिस द्वारा एक ठेकेदार से कथित रूप से 40 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था. आरोप है कि वह यह रकम उन्होंने अपने पिता के नाम पर लिये थे. लोकायुक्त अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह 4 बजे तक तलाशी लेने के बाद लोकायुक्त अधिकारियों ने प्रशांत मदल, उनके रिश्तेदार सिद्धेश, अकाउंटेंट सुरेंद्र, निकोलस और गंगाधर को गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ें : Karnataka News: बेंगलुरु में बीजेपी विधायक का बेटा 40 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों हुआ गिरफ्तार

विधायक के बेटे प्रशांत मदल, जो बीडब्ल्यूएसएसबी में मुख्य लेखा अधिकारी के रूप में काम करते हैं, को गुरुवार शाम क्रिसेंट रोड स्थित उनके निजी कार्यालय में रंगे हाथ पकड़ा गया. उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. लोकायुक्त के अधिकारियों द्वारा कार्यालय में एक बाद की तलाशी में उनके घर और कार्यालय से लगभग 6 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई जिसका कोई हिसाब नहीं मिला.

पढ़ें : Karnataka News: मां की मौत से अनजान 11 साल के बच्चे ने उसके शव के साथ बिताए दो दिन, रात में सोते हुए हुई थी मौत

अधिकारियों ने कहा कि लोकायुक्त पुलिस को एक ठेकेदार से शिकायत मिली थी. ठेकेदार ने शिकायत की थी कि उसने केएसडीएल के कच्चे माल की खरीद टेंडर से संबंधित बोली में भाग लिया था. उसे ठेका पाने के लिए 81 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था. मदल विरुपाक्षप्पा और उनके बेटे प्रशांत मदल के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. ठेकेदार को गुरुवार शाम क्रिसेंट रोड स्थित विधायक के कार्यालय में 40 लाख रुपये का एडवांस पेमेंट करने को कहा गया था.

पढ़ें : Karnataka Govt Employees called off the strike : कर्नाटक सरकार ने 17 फीसदी बढ़ाया कर्मचारियों का वेतन, हड़ताल वापस

लोकायुक्त के एक अधिकारी ने गिरफ्तारी की पुष्टी करते हुए कहा कि प्रशांत मदल को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. उन्होंने कहा कि संजयनगर में स्थित उनके आवास पर तलाशी के लिए एक टीम भेजी गई थी. पुलिस ने कार्यालय और घर से 6 करोड़ रुपये और एक कार में करीब 40 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की. लोकायुक्त आईजीपी ए सुब्रमण्येश्वर राव ने भी प्रशांत के कार्यालय का दौरा किया.

पढ़ें : Karnataka govt employees strike: कर्नाटक के सरकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से

बेंगलुरू: कर्नाटक के बेंगलुरु में भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे द्वारा 40 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है. श्रेयस कश्यप केमिकल नाम की कंपनी के एक पार्टनर की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक लोकायुक्त में मदल विरुपक्षप्पा और उनके बेटे प्रशांत समेत छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. मामले में प्रथम आरोपी मदल विरुपाक्षप्पा, दूसरा आरोपी विधायक का बेटा प्रशांत मदल, तीसरा आरोपी सुरेंद्र कार्यालय का लेखाकार, चौथा आरोपी प्रशांत मदल का रिश्तेदार सिद्धेश, पांचवें और छठे आरोपी कर्नाटक अरोमास कंपनी के कर्मचारी अल्बर्ट निकोला और गंगाधर हैं.

इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ताजा जानकारी के अनुसार अब विधायक फरार हो गया है और लोकायुक्त पुलिस उसकी तलाश कर रही है. हालांकि इससे पहले ही विरुपक्षप्पा ने शुक्रवार को कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफा उनके दोस्तों ने मुख्यमंत्री कार्यलय पहुंचाया. भाजपा विधायक ने अपने त्याग पत्र में कहा कि लोकायुक्त छापे का मुझसे कोई संबंध नहीं है. यह मेरे परिवार के खिलाफ साजिश है. मैं नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहा हूं.

वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने कहा कि विधायक के बेटे द्वारा रिश्वत की मांग राज्य में 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार के काम करने का सबूत है. सिद्धरमैया ने कहा कि जब भी हमने कहा कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है और ठेकेदारों से 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती है, तो मुख्यमंत्री ने हमें ब्योरा प्रस्तुत करने के लिए कहा. उन्होंने पूछा कि क्या यह इस बात का सबूत नहीं है, कि राज्य में 40 फीसदी कमीशन की सरकार काम कर रही है?

इसके अलावा बोम्मई ने बेंगलुरू में संवाददाताओं से कहा कि अतीत में एक मजबूत लोकायुक्त की कमी के कारण, कांग्रेस शासन के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच नहीं हो सकी थी. बोम्मई ने कहा कि हम बार-बार कह रहे हैं कि हम निष्पक्ष जांच करेंगे. इस मामले में भी हमारा रुख यह है कि स्वतंत्र लोकायुक्त संस्था निष्पक्ष जांच करेगी और जिसने भी गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के इस बयान पर कहा कि यह घटना इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान भाजपा सरकार 40 प्रतिशत कमीशन की सरकार है, बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप थे, लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बनाकर इसे छिपाया. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के समय के भ्रष्टाचार के कई मामले लोकायुक्त को सौंपे गये हैं, जिनकी जांच होगी और सच्चाई सामने आएगी.

गौरतलब है कि चन्नागिरी के भाजपा विधायक और कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल को लोकायुक्त पुलिस द्वारा एक ठेकेदार से कथित रूप से 40 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था. आरोप है कि वह यह रकम उन्होंने अपने पिता के नाम पर लिये थे. लोकायुक्त अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह 4 बजे तक तलाशी लेने के बाद लोकायुक्त अधिकारियों ने प्रशांत मदल, उनके रिश्तेदार सिद्धेश, अकाउंटेंट सुरेंद्र, निकोलस और गंगाधर को गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ें : Karnataka News: बेंगलुरु में बीजेपी विधायक का बेटा 40 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों हुआ गिरफ्तार

विधायक के बेटे प्रशांत मदल, जो बीडब्ल्यूएसएसबी में मुख्य लेखा अधिकारी के रूप में काम करते हैं, को गुरुवार शाम क्रिसेंट रोड स्थित उनके निजी कार्यालय में रंगे हाथ पकड़ा गया. उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. लोकायुक्त के अधिकारियों द्वारा कार्यालय में एक बाद की तलाशी में उनके घर और कार्यालय से लगभग 6 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई जिसका कोई हिसाब नहीं मिला.

पढ़ें : Karnataka News: मां की मौत से अनजान 11 साल के बच्चे ने उसके शव के साथ बिताए दो दिन, रात में सोते हुए हुई थी मौत

अधिकारियों ने कहा कि लोकायुक्त पुलिस को एक ठेकेदार से शिकायत मिली थी. ठेकेदार ने शिकायत की थी कि उसने केएसडीएल के कच्चे माल की खरीद टेंडर से संबंधित बोली में भाग लिया था. उसे ठेका पाने के लिए 81 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था. मदल विरुपाक्षप्पा और उनके बेटे प्रशांत मदल के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. ठेकेदार को गुरुवार शाम क्रिसेंट रोड स्थित विधायक के कार्यालय में 40 लाख रुपये का एडवांस पेमेंट करने को कहा गया था.

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लोकायुक्त के एक अधिकारी ने गिरफ्तारी की पुष्टी करते हुए कहा कि प्रशांत मदल को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. उन्होंने कहा कि संजयनगर में स्थित उनके आवास पर तलाशी के लिए एक टीम भेजी गई थी. पुलिस ने कार्यालय और घर से 6 करोड़ रुपये और एक कार में करीब 40 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की. लोकायुक्त आईजीपी ए सुब्रमण्येश्वर राव ने भी प्रशांत के कार्यालय का दौरा किया.

पढ़ें : Karnataka govt employees strike: कर्नाटक के सरकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से

Last Updated : Mar 3, 2023, 8:13 PM IST
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