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ओडिशा में पुलिसकर्मी की हत्या के 25 साल पुराने मामले में पूर्व विधायक समेत 13 को उम्रकैद की सजा

भूमि अधिग्रहण रोधी आंदोलन के दौरान एक पुलिसकर्मी की हत्या करने के 25 साल पुराने मामले में ओडिशा की एक अदालत ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एन नारायण रेड्डी को दोषी करार दिया है और उम्रकैद की सजा सुनाई है. उनके साथ 12 अन्य लोगों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है.

Life imprisonment to former MLA
पूर्व विधायक को उम्रकैद
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Published : Jul 31, 2023, 10:49 PM IST

बरहमपुर: ओडिशा के गंजाम जिले की एक अदालत ने सोमवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता एवं पूर्व विधायक एन नारायण रेड्डी समेत 13 लोगों को भूमि अधिग्रहण रोधी आंदोलन के दौरान एक पुलिसकर्मी की हत्या करने के 25 साल पुराने मामले में दोषी पाया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिंधीगांव में इस्पात संयंत्र के निर्माण के वास्ते जमीन अधिग्रहण के विरूद्ध प्रदर्शन के दौरान 18 जून, 1998 को आरोपियों ने एक थाने पर बम फेंका था, जिसमें रिजर्व पुलिस के निरीक्षक बिनोभा मेहर की मौत हो गयी थी. सरकारी वकील निरंजन पधी ने बताया कि पूर्व विधायक समेत 22 लोगों को इस मामले में नामजद किया गया था, उनमें से 13 अदालत में पेश हुए, जबकि तीन खराब स्वास्थ्य के कारण नहीं आये एवं छह अन्य की पहले ही मौत हो चुकी है.

एडीजे -3 की अदालत के न्यायाधीश राज कुमार दास ने 65 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद 25 साल पुराने इस मामले में फैसला सुनाया. इस जमीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन की अगुवाई करने वाले रेड्डी (68) ने कहा कि वे लोग इंसाफ पाने के लिए ऊपरी अदालत जायेंगे. पूर्व विधायक ने कहा कि हम इस फैसले से बहुत निराश हैं. हम इंसाफ पाने के लिए ऊपरी अदालत जायेंगे.

रेड्डी ने हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कहा कि फैसला सरकार से प्रभावित है. आम जनता और किसानों को न्याय नहीं मिलता. मैं फैसले को चुनौती देते हुए ऊपरी अदालत में जाऊंगा.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

बरहमपुर: ओडिशा के गंजाम जिले की एक अदालत ने सोमवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता एवं पूर्व विधायक एन नारायण रेड्डी समेत 13 लोगों को भूमि अधिग्रहण रोधी आंदोलन के दौरान एक पुलिसकर्मी की हत्या करने के 25 साल पुराने मामले में दोषी पाया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिंधीगांव में इस्पात संयंत्र के निर्माण के वास्ते जमीन अधिग्रहण के विरूद्ध प्रदर्शन के दौरान 18 जून, 1998 को आरोपियों ने एक थाने पर बम फेंका था, जिसमें रिजर्व पुलिस के निरीक्षक बिनोभा मेहर की मौत हो गयी थी. सरकारी वकील निरंजन पधी ने बताया कि पूर्व विधायक समेत 22 लोगों को इस मामले में नामजद किया गया था, उनमें से 13 अदालत में पेश हुए, जबकि तीन खराब स्वास्थ्य के कारण नहीं आये एवं छह अन्य की पहले ही मौत हो चुकी है.

एडीजे -3 की अदालत के न्यायाधीश राज कुमार दास ने 65 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद 25 साल पुराने इस मामले में फैसला सुनाया. इस जमीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन की अगुवाई करने वाले रेड्डी (68) ने कहा कि वे लोग इंसाफ पाने के लिए ऊपरी अदालत जायेंगे. पूर्व विधायक ने कहा कि हम इस फैसले से बहुत निराश हैं. हम इंसाफ पाने के लिए ऊपरी अदालत जायेंगे.

रेड्डी ने हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कहा कि फैसला सरकार से प्रभावित है. आम जनता और किसानों को न्याय नहीं मिलता. मैं फैसले को चुनौती देते हुए ऊपरी अदालत में जाऊंगा.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

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