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जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आता तब तक LG साहब फाइल को क्लियर करें: अरविंद केजरीवाल - Send teachers to Finland for training

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से अपील की है कि वे दिल्ली के टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड जाने की तत्काल अनुमति दें. उन्होंने कहा कि संविधान में साफ-साफ लिखा है कि उपराज्यपाल काउंसिल ऑफ मिनिस्टर के फैसले, सलाह मानने के लिए बंधे हुए हैं.

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Published : Feb 2, 2023, 10:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक बार फिर उपराज्यपाल से अपील की है कि वे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने के प्रस्ताव को तत्काल अनुमति दें. उन्होंने एलजी से अनुरोध करते हुए कहा है कि टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने की अनुमति दी जाए. पिछले 15 दिनों से एलजी के टेबल पर शिक्षकों की फिनलैंड ट्रेनिंग की फाइल पड़ी है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. अक्तूबर 2022 से फाइल एलजी के दफ्तर के चक्कर काट रही है और एलजी से अनुमति नहीं मिलने के कारण मार्च 2023 में प्रस्तावित 30 शिक्षकों की ट्रेनिंग रद्द होने की कगार पर है. मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और टीचर्स को फिनलैंड ट्रेनिंग पर भेजे जाने की तुरंत अनुमति दी जाए.

गुरुवार को अपने निवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शनिवार को पंजाब के 36 शिक्षक ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जाएंगे. ये बहुत ख़ुशी की बात है. वे एलजी साहिब से अपील करते हैं कि दिल्ली के टीचर्स को भी ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड जाने दें. उन्होंने कहा कि संविधान में साफ-साफ लिखा है कि उपराज्यपाल काउंसिल ऑफ मिनिस्टर के फैसले, सलाह मानने के लिए बंधे हुए हैं. केंद्र सरकार फाइलें प्रेसिडेंट के पास नहीं भेजती, राज्यों में फाइलें राज्यपाल के पास नहीं जाती है, तो दिल्ली में भी नहीं जानी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः IAS KK Pathak: भरी मीटिंग में अफसरों को दी गाली! बिहार के दबंग सचिव का VIDEO वायरल

मुख्यमंत्री ने कहा, 2021 में केंद्र सरकार ने कानून बना दिया है कि हर फाइल एलजी के पास जाएगी. यह कानून संविधान के खिलाफ है. यह कानून गलत है. संविधान में पहले था कि राज्यपाल व उपराज्यपाल, मंत्रिमंडल के फैसले को मानने को बाध्य होंगे. संविधान पीठ ने भी इसे सही बताया है लेकिन 2021 में केंद्र ने संविधान का उल्लंघन करके यह कानून बना दिया. इसके खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की है कि इस कानून को रद्द किया जाए.

ट्वीट कर की अपील.
ट्वीट कर की अपील.

इस तरह से हर काम में अड़चनें लगाना दिल्ली की जनता का अपमान है. दिल्ली के अंदर जो सही काम है, जो अच्छे काम हैं वे होनी चाहिए. मैं उम्मीद करता हूं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आता तब तक एलजी साहब सरकार द्वारा भेजी गई फाइल को जल्दी क्लियर करेंगे और हमारे टीचर्स को भी विदेश भेजेंगे. दो दिन पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने की अनुमति देने की मांग को लेकर उपराज्यपाल को पत्र लिखा था.

ये भी पढ़ेंः Delhi Nursery Admission: नर्सरी दाखिला के लिए अभिभावक रहें तैयार, 6 फरवरी को जारी होगी दूसरी लिस्ट

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक बार फिर उपराज्यपाल से अपील की है कि वे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने के प्रस्ताव को तत्काल अनुमति दें. उन्होंने एलजी से अनुरोध करते हुए कहा है कि टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने की अनुमति दी जाए. पिछले 15 दिनों से एलजी के टेबल पर शिक्षकों की फिनलैंड ट्रेनिंग की फाइल पड़ी है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. अक्तूबर 2022 से फाइल एलजी के दफ्तर के चक्कर काट रही है और एलजी से अनुमति नहीं मिलने के कारण मार्च 2023 में प्रस्तावित 30 शिक्षकों की ट्रेनिंग रद्द होने की कगार पर है. मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और टीचर्स को फिनलैंड ट्रेनिंग पर भेजे जाने की तुरंत अनुमति दी जाए.

गुरुवार को अपने निवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शनिवार को पंजाब के 36 शिक्षक ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जाएंगे. ये बहुत ख़ुशी की बात है. वे एलजी साहिब से अपील करते हैं कि दिल्ली के टीचर्स को भी ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड जाने दें. उन्होंने कहा कि संविधान में साफ-साफ लिखा है कि उपराज्यपाल काउंसिल ऑफ मिनिस्टर के फैसले, सलाह मानने के लिए बंधे हुए हैं. केंद्र सरकार फाइलें प्रेसिडेंट के पास नहीं भेजती, राज्यों में फाइलें राज्यपाल के पास नहीं जाती है, तो दिल्ली में भी नहीं जानी चाहिए.

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मुख्यमंत्री ने कहा, 2021 में केंद्र सरकार ने कानून बना दिया है कि हर फाइल एलजी के पास जाएगी. यह कानून संविधान के खिलाफ है. यह कानून गलत है. संविधान में पहले था कि राज्यपाल व उपराज्यपाल, मंत्रिमंडल के फैसले को मानने को बाध्य होंगे. संविधान पीठ ने भी इसे सही बताया है लेकिन 2021 में केंद्र ने संविधान का उल्लंघन करके यह कानून बना दिया. इसके खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की है कि इस कानून को रद्द किया जाए.

ट्वीट कर की अपील.
ट्वीट कर की अपील.

इस तरह से हर काम में अड़चनें लगाना दिल्ली की जनता का अपमान है. दिल्ली के अंदर जो सही काम है, जो अच्छे काम हैं वे होनी चाहिए. मैं उम्मीद करता हूं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आता तब तक एलजी साहब सरकार द्वारा भेजी गई फाइल को जल्दी क्लियर करेंगे और हमारे टीचर्स को भी विदेश भेजेंगे. दो दिन पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने की अनुमति देने की मांग को लेकर उपराज्यपाल को पत्र लिखा था.

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