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अच्छी विधायिका के लिए 'अच्छे सांसदों या विधायकों' की आवश्यकता : नायडू

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Published : Dec 25, 2021, 3:15 PM IST

Updated : Dec 25, 2021, 3:26 PM IST

'सुशासन दिवस' (Good Governance Day) पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu) ने कहा कि अच्छी विधायिका के लिए 'अच्छे सांसदों या विधायकों' की आवश्यकता है, जो लोगों द्वारा उन पर जताए भरोसे पर खरा उतरने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें.

Venkaiah Naidu
वेंकैया नायडू

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu) ने शनिवार को कहा कि सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित और जबरन स्थगित किए जाने के कारण विधायिका कार्यपालिका को जवाबदेह ठहराने की अपनी जिम्मेदारी को लेकर उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रही. उपराष्ट्रपति ने कहा कि 'निष्क्रिय' विधायिका के कारण शासन से समझौता होता है, क्योंकि कार्यपालिका को इस बात का भय नहीं होता कि विधायिका में उससे सवाल किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि सुशासन के लिए अच्छी विधायिका की आवश्यकता होती है, ताकि लोगों के प्रति कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके.

नायडू ने 'सुशासन दिवस' (Good Governance Day) पर चेन्नई में राजभवन से एक वीडियो संदेश के जरिए कहा कि प्रश्नकाल, लघु अवधि की चर्चाओं और विधेयकों पर बहस जैसे विभिन्न उपकरणों का उपयोग करके निर्वाचित प्रतिनिधि नीतियों के क्रियान्वयन और विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास परियोजनाओं के निष्पादन को लेकर सरकार से सवाल कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसके लिए 'अच्छे सांसदों या विधायकों' की आवश्यकता है, जो लोगों द्वारा उन पर जताए भरोसे पर खरा उतरने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें. नायडू ने कहा, 'यदि कोई सांसद या विधायक अपना काम प्रभावी तरीके से नहीं करता है, तो उसे विभिन्न स्तरों पर कार्यपालिका से सवाल करने का मौलिक अधिकार नहीं होता.'

यह भी पढ़ें- सेवा ही वास्तविक धर्म है: उपराष्ट्रपति

नायडू राज्यसभा के सभापति भी हैं. विपक्ष के 12 सदस्यों के निलंबन के कारण हाल में सम्पन्न हुए शीतकालीन सत्र में राज्यसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र के बार-बार बाधित होने से प्रश्नकाल का 61 प्रतिशत समय व्यर्थ गया. उन्होंने कहा कि सुशासन, प्रशासन में लोगों का विश्वास बढ़ाता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है.

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu) ने शनिवार को कहा कि सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित और जबरन स्थगित किए जाने के कारण विधायिका कार्यपालिका को जवाबदेह ठहराने की अपनी जिम्मेदारी को लेकर उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रही. उपराष्ट्रपति ने कहा कि 'निष्क्रिय' विधायिका के कारण शासन से समझौता होता है, क्योंकि कार्यपालिका को इस बात का भय नहीं होता कि विधायिका में उससे सवाल किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि सुशासन के लिए अच्छी विधायिका की आवश्यकता होती है, ताकि लोगों के प्रति कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके.

नायडू ने 'सुशासन दिवस' (Good Governance Day) पर चेन्नई में राजभवन से एक वीडियो संदेश के जरिए कहा कि प्रश्नकाल, लघु अवधि की चर्चाओं और विधेयकों पर बहस जैसे विभिन्न उपकरणों का उपयोग करके निर्वाचित प्रतिनिधि नीतियों के क्रियान्वयन और विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास परियोजनाओं के निष्पादन को लेकर सरकार से सवाल कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसके लिए 'अच्छे सांसदों या विधायकों' की आवश्यकता है, जो लोगों द्वारा उन पर जताए भरोसे पर खरा उतरने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें. नायडू ने कहा, 'यदि कोई सांसद या विधायक अपना काम प्रभावी तरीके से नहीं करता है, तो उसे विभिन्न स्तरों पर कार्यपालिका से सवाल करने का मौलिक अधिकार नहीं होता.'

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नायडू राज्यसभा के सभापति भी हैं. विपक्ष के 12 सदस्यों के निलंबन के कारण हाल में सम्पन्न हुए शीतकालीन सत्र में राज्यसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र के बार-बार बाधित होने से प्रश्नकाल का 61 प्रतिशत समय व्यर्थ गया. उन्होंने कहा कि सुशासन, प्रशासन में लोगों का विश्वास बढ़ाता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है.

Last Updated : Dec 25, 2021, 3:26 PM IST
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