नई दिल्ली : साल 2021 में आतंकियों या उग्रवादियों के हमले में 18 जवान मारे गए, जबकि इसी साल नक्सलियों के हमले में 40 पुलिस के जवान मारे गए. इसी तरह से सीमा पर फायरिंग की वजह से 11 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि दंगाइयों के हमले में एक जवान और अपराधियों के हमले में 11 जवानों की हत्या हुई. ncrb on police personnel.
एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि सात जवानों की मौत हथियार की सेल्फ फायरिंग की वजह से हुई. दुर्घटना में 339 जवानों की मौत हो गई. सबसे बड़ी बात ये है कि उत्तर पूर्व में चरमपंथियों के हमले में एक भी जवान की मौत नहीं हुई.
ड्यूटी पर कुल 427 जवानों की मौत हुई. इनमें से सबसे अधिक 233 कॉन्स्टेबल थे. हेड कॉन्स्टेबल 88, एएसआई 37, एसआई 26, इंस्पेक्टर 4 और एक गजेटेड अधिकारी की मौत हो गई. दो अन्य की भी मौत हुई.
इसी साल 1632 पुलिसकर्मी घायल हुए. सबसे अधिक जवानों की मौत तमिलनाडु में हुई. यहां पर 56 पुलिस जवानों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई, दो जवानों की मौत अपराधियों के हमले में हुई. छत्तीसगढ़ में 40 जवानों की मौत हुई. सभी मौत नक्सलियों के हमले में हुई. यहां पर सात जवानों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई. बिहार में 38 पुलिस जवानों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई. यहां पर एक की मौत दंगाई भीड़ के हमले में हुई.
केंद्र शासित प्रदेशों में 18 जवानों की मौत जम्मू कश्मीर में हुई. दो जवानों की मौत सड़क दुर्घटना में दिल्ली में हुई. घायल जवानों की संख्या सबसे अधिक ओडिशा में दर्ज की गई. ये सभी जवान अपराधियों का पीछा कर रहे थे. कुल 188 जवान घायल हुए. इनमें से 176 जवान अपराधियों की गोलीबारी में घायल हुए. 12 जवान दंगाई भीड़ के हमले में घायल हुए. केरल में 159 जवान घायल हुए. इनमें से 90 जवान अपराधियों की गोलाबाीर में घायल हुए. 68 की मौत बलवाई हमले में हुई. एक की मौत सड़क दुर्घटना में हुई. तमिलनाडु में 133 जवान घायल हुए. इनमें से 96 जवान दुर्घटना में घायल हुए. 30 जवान अपराधियों की गोलीबारी में घायल हुए, जबकि तीन जवान अपनी ही हथियार से घायल हो गए.
दंगाई भीड़ के हमले में सबसे अधिक दिल्ली में जवान घायल हुए. इनकी संख्या 156 है. यहां पर अपराधियों के हमले में 22 जवान घायल हुए, जबकि 17 जवान दुर्घटना में घायल हुए.
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