ETV Bharat / bharat

केरल : चुनाव से पहले मछुआरा समुदाय को 'अपने जाल' में फंसाने की कसरत कर रही पार्टियां - केरल का मछुआरा समुदाय व चुनाव

कांग्रेस के नेतृत्व में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) विधानसभा चुनाव में जहां मछुआरों के मुद्दे का उछाल रही है. वहीं राज्य में सत्तारुढ़ एलडीएफ गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए अमेरिकी कंपनी से समझौता कर रही है. दरअसल, सत्ताधारी दल का यह कदम उसके लिए जाल की तरह हो गया है,जिसमें फंसने के बाद यहां की चुनावी संघर्ष दिलचस्प हो गया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

Left
Left
author img

By

Published : Feb 25, 2021, 9:08 PM IST

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के नेतृत्व में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) विधानसभा चुनाव में जहां मछुआरों के मुद्दे का उछाल रही है. वहीं लेफ्ट सरकार गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर के लिए और हार्बर को विकसित करने के लिए अमेरिकी कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) बना रहा है. यूडीएफ इसे स्थानीय चुनावों के दौरान कांग्रेस नेतृत्व वाले मोर्चे को मछली पकड़ने वाले समुदायों के बीच पैठ बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. साथ ही इस समुदाय के बीच फिर से पकड़ बनाने का सुनहरा मौका मानकर चल रही है.

विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने अमेरिकी कंपनी ईएमसीसी की भारतीय शाखा से 5000 करोड़ रुपये में सौदा करने के लिए मत्स्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. कंपनी के साथ यह सौदा गहरे समुद्र में मछली पकड़ने और संबद्ध तकनीक के लिए होगा. इसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रस्ताव है. इसके अलावा गहरे समुद्र में ट्रॉलर बनाने और यूरोपीय संघ के मानकों पर बंदरगाह का उन्नयन किया जाएगा. चेन्निथला ने आरोप लगाया कि यह सौदा हमारी समुद्री संपदा को बेचने और मछुआरों की आजीविका को खतरे में डालने के लिए है.

यूडीएफ ने बनाया चुनावी मुद्दा

केरल के समुद्र में 400 ट्रॉलर और 5 मदर वेसलों का उपयोग करके गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए एक अमेरिकी कंपनी के साथ करार किए जाने पर चुनाव से पहले विवाद हो गया है. विपक्ष के नेता मछुआरा समुदाय के गुस्से को यूडीएफ के पक्ष में करने की कोशिश कर रहे है. यूडीएफ ने तटीय क्षेत्रों में पहले से ही अधिक अभियान गतिविधियां शुरू कर दी हैं. 25 फरवरी को तिरुवनंतपुरम जिले के मछली पकड़ने वाले गांव पूनतुरा में रमेश चेन्निथला सुबह 9 से शाम 5 बजे तक 'सत्याग्रह' करेंगे. 1 मार्च से यूडीएफ की उच्च-स्तरीय समिति ने तिरुवनंतपुरम व कासरगोड में दो तटीय रैलियों की योजना बनाई है.

47 निर्वाचन तटीय क्षेत्र में
कुल 140 विधानसभा क्षेत्रों में से 47 निर्वाचन क्षेत्र तटीय क्षेत्र में हैं. इनमें से अधिकांश निर्वाचन क्षेत्र वर्तमान में एलडीएफ के पास हैं. यदि सरकार की ओर से मछुआरों के बीच का विवाद चुनावों तक बरकरार रखा जाता है तो यूडीएफ तटीय क्षेत्रों में अधिकांश सीटों पर कब्जा कर सकती है. दक्षिण केरल में अधिकांश मछुआरे मुस्लिम और ईसाई पृष्ठभूमि से हैं. ये समुदाय जो पारंपरिक रूप से यूडीएफ का समर्थन करते थे. पिछले चुनावों में यूडीएफ को छोड़कर एलडीएफ के साथ गए. यूडीएफ तटीय गांवों में आंदोलन के माध्यम से खोए हुए वोट बैंक को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहा है और यहां की भावनाओं को सरकार विरोध में बदल रहा है.

राहुल गांधी भी रहे हमलावर
केरल के कैथोलिक बिशप, केसीबीसी और लैटिन चर्च का संगठन जो मछुआरों के क्षेत्रों में अत्यधिक प्रभावशाली है, भी गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के सौदे के खिलाफ हो गया है. जिससे यूडीएफ को तटीय क्षेत्र में बढ़ावा मिला है. एलडीएफ सरकार पर राहुल गांधी का ऐश्वर्या केरल यात्रा के समापन पर तीखा हमला इसी का नतीजा है. राज्य नेतृत्व ने कांग्रेस हाईकमान से योजनाबद्ध आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए इसे हरी झंडी के तौर पर लिया है. कांग्रेस और यूडीएफ को उम्मीद है कि राहुल गांधी का मछुआरे के एक गांव में जाना भी फायदेमंद होगा.

यह भी पढ़ें-केंद्र सरकार ने बनाई अहम गाइडलाइन, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पैरेंटल लॉक

यूडीएफ ने 27 फरवरी को मछुआरा संघों (वाम और भाजपा से जुड़े लोगों को छोड़कर) और नाव के मालिकों को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के समझौता ज्ञापन के विरोध में आमंंत्रण की घोषणा की है.

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के नेतृत्व में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) विधानसभा चुनाव में जहां मछुआरों के मुद्दे का उछाल रही है. वहीं लेफ्ट सरकार गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर के लिए और हार्बर को विकसित करने के लिए अमेरिकी कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) बना रहा है. यूडीएफ इसे स्थानीय चुनावों के दौरान कांग्रेस नेतृत्व वाले मोर्चे को मछली पकड़ने वाले समुदायों के बीच पैठ बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. साथ ही इस समुदाय के बीच फिर से पकड़ बनाने का सुनहरा मौका मानकर चल रही है.

विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने अमेरिकी कंपनी ईएमसीसी की भारतीय शाखा से 5000 करोड़ रुपये में सौदा करने के लिए मत्स्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. कंपनी के साथ यह सौदा गहरे समुद्र में मछली पकड़ने और संबद्ध तकनीक के लिए होगा. इसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रस्ताव है. इसके अलावा गहरे समुद्र में ट्रॉलर बनाने और यूरोपीय संघ के मानकों पर बंदरगाह का उन्नयन किया जाएगा. चेन्निथला ने आरोप लगाया कि यह सौदा हमारी समुद्री संपदा को बेचने और मछुआरों की आजीविका को खतरे में डालने के लिए है.

यूडीएफ ने बनाया चुनावी मुद्दा

केरल के समुद्र में 400 ट्रॉलर और 5 मदर वेसलों का उपयोग करके गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए एक अमेरिकी कंपनी के साथ करार किए जाने पर चुनाव से पहले विवाद हो गया है. विपक्ष के नेता मछुआरा समुदाय के गुस्से को यूडीएफ के पक्ष में करने की कोशिश कर रहे है. यूडीएफ ने तटीय क्षेत्रों में पहले से ही अधिक अभियान गतिविधियां शुरू कर दी हैं. 25 फरवरी को तिरुवनंतपुरम जिले के मछली पकड़ने वाले गांव पूनतुरा में रमेश चेन्निथला सुबह 9 से शाम 5 बजे तक 'सत्याग्रह' करेंगे. 1 मार्च से यूडीएफ की उच्च-स्तरीय समिति ने तिरुवनंतपुरम व कासरगोड में दो तटीय रैलियों की योजना बनाई है.

47 निर्वाचन तटीय क्षेत्र में
कुल 140 विधानसभा क्षेत्रों में से 47 निर्वाचन क्षेत्र तटीय क्षेत्र में हैं. इनमें से अधिकांश निर्वाचन क्षेत्र वर्तमान में एलडीएफ के पास हैं. यदि सरकार की ओर से मछुआरों के बीच का विवाद चुनावों तक बरकरार रखा जाता है तो यूडीएफ तटीय क्षेत्रों में अधिकांश सीटों पर कब्जा कर सकती है. दक्षिण केरल में अधिकांश मछुआरे मुस्लिम और ईसाई पृष्ठभूमि से हैं. ये समुदाय जो पारंपरिक रूप से यूडीएफ का समर्थन करते थे. पिछले चुनावों में यूडीएफ को छोड़कर एलडीएफ के साथ गए. यूडीएफ तटीय गांवों में आंदोलन के माध्यम से खोए हुए वोट बैंक को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहा है और यहां की भावनाओं को सरकार विरोध में बदल रहा है.

राहुल गांधी भी रहे हमलावर
केरल के कैथोलिक बिशप, केसीबीसी और लैटिन चर्च का संगठन जो मछुआरों के क्षेत्रों में अत्यधिक प्रभावशाली है, भी गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के सौदे के खिलाफ हो गया है. जिससे यूडीएफ को तटीय क्षेत्र में बढ़ावा मिला है. एलडीएफ सरकार पर राहुल गांधी का ऐश्वर्या केरल यात्रा के समापन पर तीखा हमला इसी का नतीजा है. राज्य नेतृत्व ने कांग्रेस हाईकमान से योजनाबद्ध आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए इसे हरी झंडी के तौर पर लिया है. कांग्रेस और यूडीएफ को उम्मीद है कि राहुल गांधी का मछुआरे के एक गांव में जाना भी फायदेमंद होगा.

यह भी पढ़ें-केंद्र सरकार ने बनाई अहम गाइडलाइन, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पैरेंटल लॉक

यूडीएफ ने 27 फरवरी को मछुआरा संघों (वाम और भाजपा से जुड़े लोगों को छोड़कर) और नाव के मालिकों को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के समझौता ज्ञापन के विरोध में आमंंत्रण की घोषणा की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.