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रोहिणी कोर्ट में शूटआउट के बाद जेलों में गैंगवार की संभावना, बड़े बदमाशों को किया जा रहा शिफ्ट

रोहिणी कोर्ट में हुई गैंगवार को लेकर तिहाड़ जेल में भी खलबली मची हुई है. यहां से नामी बदमाशों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है, ताकि जेल के भीतर कोई बड़ी घटना ना हो.

Tihar Jail
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Published : Sep 25, 2021, 4:21 PM IST

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्‍ली (Delhi) के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुए शूटआउट (Rohini Court Shootout) से सनसनी फैल गई है. प्रशासन ने सभी जेलों को हाई अलर्ट कर दिया है. वहीं जेल अधिकारियों ने भी जेल के अंदर गैंगवार होने की आशंका जताई है. तिहाड़ जेल (Tihar Jail), मंडोली जेल (Mandoli Jail) और रोहिणी जेल (Rohini jail) सहित दिल्ली की सभी जेलों को अलर्ट कर दिया गया है. वहीं तिहाड़ जेल में बंद नामी बदमाशों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है, ताकि जेल के भीतर कोई बड़ी घटना न हो. सूत्रों का कहना है तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथी संपत नेहरा को राजस्थान की जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.

आपको बता दें कि शुक्रवार को रोहिणी जेल में हुए गोलीबारी में मोस्‍ट वांटेड गैंगस्‍टर और हिस्‍ट्रीशीटर जितेंद्र गोगी की मौत हो गई. कोर्ट में पेशी के लिए आए जितेंद्र गोगी पर टिल्‍लू गैंग (Tillu Gang) के हमलावरों ने हमला किया था.

बढ़ाई गई मंडोली जेल की सुरक्षा

कोर्ट रूम में जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या के बाद तिहाड़ के सभी जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. खासकर मंडोली जेल की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों ने बैठक की है. जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या में मंडोली जेल के हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुनील मान उर्फ टिल्लू का नाम आ रहा है. जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि वह टिल्लू की सुरक्षा की समीक्षा करें और अगर जरूरत है तो उसे अन्य जेल में भेजा जा सकता है.

डीसीपी जॉय टिर्की ले लिया जायजा

वहीं रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग की घटना के बाद दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से मुलाकात की. राकेश अस्थाना से मुलाकात के बाद बीसीडी के चेयरमैन राकेश सहरावत ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें भरोसा दिया है कि दिल्ली की सभी निचली अदालतों में एक हफ्ता के अंदर सुरक्षा बढ़ायी जाएगी. वहीं रोहिणी कोर्ट में शूटआउट की जांच करने के लिए डीसीपी जॉय टिर्की पहुंचे. टीम के साथ पहुंचे डीसीपी ने पूरी घटना के बारे में जानकारी हासिल की.

टीम के साथ पहुंचे डीसीपी ने पूरी घटना के बारे में जानकारी हासिल की.

गैंगवार की आशंका

पुलिस सूत्रों के अनुसार मारा गया गैंगस्टर गोगी लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी से जुड़ा हुआ था. यही कारण है कि गोगी की हत्या के बाद जेल में गैंगवार की आशंका जताई जा रही है. इसके चलते तिहाड़ जेल द्वारा सबसे पहले कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथी संपत नेहरा को तिहाड़ जेल से राजस्थान जेल भेज दिया गया है.

बता दें कि तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने जेल अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं, जिसमें गोगी की हत्या के बाद खासतौर से अलर्ट रहने को कहा गया है. उन्होंने इन गैंग के सदस्यों के बीच झगड़े की आशंका को ध्यान में रखते हुए जेल अधिकारियों को सभी गैंग के बदमाशों को अलग-अलग रखने के निर्देश दिए हैं. संदीप गोयल की तरफ से कहा गया है कि जेल में तैनात सभी कर्मचारियों की ब्रीफिंग होनी चाहिए. जेल के भीतर अधिक से अधिक संख्या में जेल कर्मचारियों की तैनाती की जाए. सुरक्षा को लेकर जो भी सामान जेल कर्मचारियों के पास होते हैं वह बेहतर कंडीशन में होने चाहिए. अगर किसी भी समय हालात बेकाबू होते हैं तो इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल को तैयार रखना चाहिए.

एक साथ न निकालें जाएं कैदी

तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने कहा कि उन्होंने जेल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अलग-अलग गैंग और उनसे जुड़े हुए लोगों की सूची तैयार करें. एक ही समय पर इन लोगों को जेल से बाहर न निकाला जाए. अदालत या अस्पताल ले जाते समय बड़ी संख्या में इनके साथ सुरक्षाकर्मी होने चाहिए. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराना चाहिए कि उन्हें पेशी पर या अस्पताल ले जाया जा रहा है. ऐसे कैदियों की जेल के बाहर जाने की कम से कम संभावना होनी चाहिए.

डीजी संदीप गोयल की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जेल के भीतर जब कैदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, कैंटीन, परिजनों को कॉल करने के लिए आदि जगह जाएं, तो वहां पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध होने चाहिए. इसके अलावा उन्होंने जेल में भी इंटेलिजेंस नेटवर्क पर ध्यान देने को कहा है, ताकि अंदर चल रही गतिविधियों की जानकारी उन्हें मिल सके. सभी सुपरिटेंडेंट को ज्यादा से ज्यादा समय जेल में बिताने के लिए कहा गया है, ताकि इस तरह की घटना वहां न हो.

क्या खत्म हो गई गैंगवार.

गोगी-टिल्लू के बीच चल रही गैंगवार क्या खत्म ?

एक दशक से गोगी-टिल्लू के बीच चल रही गैंगवार क्या गोगी की हत्या के बाद अब खत्म हो जाएगी. पुलिस को ऐसा नहीं लगता है. पुलिस का मानना है कि गोगी गैंग कमजोर हुआ है लेकिन उसके सदस्य इसका बदला लेने के लिए जल्द हमला करेंगे. इसे ध्यान में रखते हुए जेल में बंद सभी बड़े गैंगस्टरों की सुरक्षा को लेकर उन्हें विशेष इंतजाम करने होंगे ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो.

जानकारी के अनुसार जितेंद्र गोगी की गिरफ्तारी से पहले तक टिल्लू गैंग कमजोर हो चुका था. जितेंद्र गोगी एक-एक कर उसके साथियों को मार रहा था, जबकि टिल्लू जेल में बंद होने के चलते उसे जवाब नहीं दे पा रहा था. जितेंद्र गोगी की गिरफ्तारी तक में उसके गैंग का ही दबदबा था. उसके जेल जाने के बाद से दीपक बॉक्सर गैंग की कमान बाहर संभाल रहा था और गोगी के इशारे पर काम कर रहा था. लेकिन गोगी चाहता था कि फ़ज़्ज़ा बाहर निकलकर गैंग को संभाले और टिल्लू के बचे हुए साथियों को मार डाले. इसलिए काला जठेड़ी की मदद से उसने अस्पताल में उपचार के बहाने पहुंचे कुलदीप उर्फ फ़ज़्ज़ा को पुलिस हिरासत से फरार करवाया था. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद गोगी का सबसे खास और खतरनाक शूटर फ़ज़्ज़ा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.

गोगी की मौत से टिल्लू मजबूत

पुलिस का मानना है कि गोगी की हत्या के बाद उसका गैंग काफी कमजोर हो गया है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दोनों गैंग के बीच चल रही गैंगवार खत्म हुई है. उन्हें लगता है कि कुछ दिनों तक शांत रहने के बाद एक बार फिर यह गैंग आपस में एक-दूसरे की जान लेंगे. गोगी की मौत से जहां टिल्लू मजबूत हुआ है तो वहीं फरार चल रहा दीपक बॉक्सर भी कुख्यात बदमाश है. वह कई हत्याओं को अंजाम दे चुका है जिसके चलते वह टिल्लू से बदला लेने के लिए उस पर हमला अवश्य करेगा. इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस सबसे पहले दीपक बॉक्सर को पकड़ना चाहती है ताकि इस गैंगवार को टाला जा सके.

सूत्रों के अनुसार टिल्लू ने जहां जेल में बंद नीरज बवाना से हाथ मिला लिया था तो वहीं गोगी की मदद काला जठेड़ी कर रहा था. अभी के समय में अधिकांश कुख्यात बदमाश जेल में बंद हैं. ऐसे में पुलिस को आशंका है कि यह गैंगवार जेल के भीतर भी पहुंच सकती है. ऐसे में जेल प्रशासन को भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है. पुलिस को आशंका है कि यह कुख्यात बदमाश भी मौका पाकर एक-दूसरे पर हमला कर सकते हैं. इसलिए इन बदमाशों की पेशी के दौरान उन्हें ज्यादा अलर्ट रहना होगा.

पढ़ेंः रोहिणी कोर्ट गोलीबारी : दिल्ली की अदालतों में एक हफ्ते के अंदर बढ़ाई जाएगी सुरक्षा, जेलों की सुरक्षा बढ़ी

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्‍ली (Delhi) के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुए शूटआउट (Rohini Court Shootout) से सनसनी फैल गई है. प्रशासन ने सभी जेलों को हाई अलर्ट कर दिया है. वहीं जेल अधिकारियों ने भी जेल के अंदर गैंगवार होने की आशंका जताई है. तिहाड़ जेल (Tihar Jail), मंडोली जेल (Mandoli Jail) और रोहिणी जेल (Rohini jail) सहित दिल्ली की सभी जेलों को अलर्ट कर दिया गया है. वहीं तिहाड़ जेल में बंद नामी बदमाशों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है, ताकि जेल के भीतर कोई बड़ी घटना न हो. सूत्रों का कहना है तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथी संपत नेहरा को राजस्थान की जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.

आपको बता दें कि शुक्रवार को रोहिणी जेल में हुए गोलीबारी में मोस्‍ट वांटेड गैंगस्‍टर और हिस्‍ट्रीशीटर जितेंद्र गोगी की मौत हो गई. कोर्ट में पेशी के लिए आए जितेंद्र गोगी पर टिल्‍लू गैंग (Tillu Gang) के हमलावरों ने हमला किया था.

बढ़ाई गई मंडोली जेल की सुरक्षा

कोर्ट रूम में जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या के बाद तिहाड़ के सभी जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. खासकर मंडोली जेल की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों ने बैठक की है. जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या में मंडोली जेल के हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुनील मान उर्फ टिल्लू का नाम आ रहा है. जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि वह टिल्लू की सुरक्षा की समीक्षा करें और अगर जरूरत है तो उसे अन्य जेल में भेजा जा सकता है.

डीसीपी जॉय टिर्की ले लिया जायजा

वहीं रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग की घटना के बाद दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से मुलाकात की. राकेश अस्थाना से मुलाकात के बाद बीसीडी के चेयरमैन राकेश सहरावत ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें भरोसा दिया है कि दिल्ली की सभी निचली अदालतों में एक हफ्ता के अंदर सुरक्षा बढ़ायी जाएगी. वहीं रोहिणी कोर्ट में शूटआउट की जांच करने के लिए डीसीपी जॉय टिर्की पहुंचे. टीम के साथ पहुंचे डीसीपी ने पूरी घटना के बारे में जानकारी हासिल की.

टीम के साथ पहुंचे डीसीपी ने पूरी घटना के बारे में जानकारी हासिल की.

गैंगवार की आशंका

पुलिस सूत्रों के अनुसार मारा गया गैंगस्टर गोगी लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी से जुड़ा हुआ था. यही कारण है कि गोगी की हत्या के बाद जेल में गैंगवार की आशंका जताई जा रही है. इसके चलते तिहाड़ जेल द्वारा सबसे पहले कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथी संपत नेहरा को तिहाड़ जेल से राजस्थान जेल भेज दिया गया है.

बता दें कि तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने जेल अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं, जिसमें गोगी की हत्या के बाद खासतौर से अलर्ट रहने को कहा गया है. उन्होंने इन गैंग के सदस्यों के बीच झगड़े की आशंका को ध्यान में रखते हुए जेल अधिकारियों को सभी गैंग के बदमाशों को अलग-अलग रखने के निर्देश दिए हैं. संदीप गोयल की तरफ से कहा गया है कि जेल में तैनात सभी कर्मचारियों की ब्रीफिंग होनी चाहिए. जेल के भीतर अधिक से अधिक संख्या में जेल कर्मचारियों की तैनाती की जाए. सुरक्षा को लेकर जो भी सामान जेल कर्मचारियों के पास होते हैं वह बेहतर कंडीशन में होने चाहिए. अगर किसी भी समय हालात बेकाबू होते हैं तो इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल को तैयार रखना चाहिए.

एक साथ न निकालें जाएं कैदी

तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने कहा कि उन्होंने जेल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अलग-अलग गैंग और उनसे जुड़े हुए लोगों की सूची तैयार करें. एक ही समय पर इन लोगों को जेल से बाहर न निकाला जाए. अदालत या अस्पताल ले जाते समय बड़ी संख्या में इनके साथ सुरक्षाकर्मी होने चाहिए. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराना चाहिए कि उन्हें पेशी पर या अस्पताल ले जाया जा रहा है. ऐसे कैदियों की जेल के बाहर जाने की कम से कम संभावना होनी चाहिए.

डीजी संदीप गोयल की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जेल के भीतर जब कैदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, कैंटीन, परिजनों को कॉल करने के लिए आदि जगह जाएं, तो वहां पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध होने चाहिए. इसके अलावा उन्होंने जेल में भी इंटेलिजेंस नेटवर्क पर ध्यान देने को कहा है, ताकि अंदर चल रही गतिविधियों की जानकारी उन्हें मिल सके. सभी सुपरिटेंडेंट को ज्यादा से ज्यादा समय जेल में बिताने के लिए कहा गया है, ताकि इस तरह की घटना वहां न हो.

क्या खत्म हो गई गैंगवार.

गोगी-टिल्लू के बीच चल रही गैंगवार क्या खत्म ?

एक दशक से गोगी-टिल्लू के बीच चल रही गैंगवार क्या गोगी की हत्या के बाद अब खत्म हो जाएगी. पुलिस को ऐसा नहीं लगता है. पुलिस का मानना है कि गोगी गैंग कमजोर हुआ है लेकिन उसके सदस्य इसका बदला लेने के लिए जल्द हमला करेंगे. इसे ध्यान में रखते हुए जेल में बंद सभी बड़े गैंगस्टरों की सुरक्षा को लेकर उन्हें विशेष इंतजाम करने होंगे ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो.

जानकारी के अनुसार जितेंद्र गोगी की गिरफ्तारी से पहले तक टिल्लू गैंग कमजोर हो चुका था. जितेंद्र गोगी एक-एक कर उसके साथियों को मार रहा था, जबकि टिल्लू जेल में बंद होने के चलते उसे जवाब नहीं दे पा रहा था. जितेंद्र गोगी की गिरफ्तारी तक में उसके गैंग का ही दबदबा था. उसके जेल जाने के बाद से दीपक बॉक्सर गैंग की कमान बाहर संभाल रहा था और गोगी के इशारे पर काम कर रहा था. लेकिन गोगी चाहता था कि फ़ज़्ज़ा बाहर निकलकर गैंग को संभाले और टिल्लू के बचे हुए साथियों को मार डाले. इसलिए काला जठेड़ी की मदद से उसने अस्पताल में उपचार के बहाने पहुंचे कुलदीप उर्फ फ़ज़्ज़ा को पुलिस हिरासत से फरार करवाया था. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद गोगी का सबसे खास और खतरनाक शूटर फ़ज़्ज़ा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.

गोगी की मौत से टिल्लू मजबूत

पुलिस का मानना है कि गोगी की हत्या के बाद उसका गैंग काफी कमजोर हो गया है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दोनों गैंग के बीच चल रही गैंगवार खत्म हुई है. उन्हें लगता है कि कुछ दिनों तक शांत रहने के बाद एक बार फिर यह गैंग आपस में एक-दूसरे की जान लेंगे. गोगी की मौत से जहां टिल्लू मजबूत हुआ है तो वहीं फरार चल रहा दीपक बॉक्सर भी कुख्यात बदमाश है. वह कई हत्याओं को अंजाम दे चुका है जिसके चलते वह टिल्लू से बदला लेने के लिए उस पर हमला अवश्य करेगा. इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस सबसे पहले दीपक बॉक्सर को पकड़ना चाहती है ताकि इस गैंगवार को टाला जा सके.

सूत्रों के अनुसार टिल्लू ने जहां जेल में बंद नीरज बवाना से हाथ मिला लिया था तो वहीं गोगी की मदद काला जठेड़ी कर रहा था. अभी के समय में अधिकांश कुख्यात बदमाश जेल में बंद हैं. ऐसे में पुलिस को आशंका है कि यह गैंगवार जेल के भीतर भी पहुंच सकती है. ऐसे में जेल प्रशासन को भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है. पुलिस को आशंका है कि यह कुख्यात बदमाश भी मौका पाकर एक-दूसरे पर हमला कर सकते हैं. इसलिए इन बदमाशों की पेशी के दौरान उन्हें ज्यादा अलर्ट रहना होगा.

पढ़ेंः रोहिणी कोर्ट गोलीबारी : दिल्ली की अदालतों में एक हफ्ते के अंदर बढ़ाई जाएगी सुरक्षा, जेलों की सुरक्षा बढ़ी

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