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मूसेवाला हत्या: लॉरेंस बिश्नोई की याचिका HC ने की खारिज

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Published : Jun 2, 2022, 6:47 PM IST

बिश्नोई की याचिका पर गुरुवार को जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की अदालत में सुनवाई हुई और पंजाब के महाधिवक्ता अनमोल रतन सिद्धू ने दलील दी कि याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमने यह मुद्दा उठाया कि याचिका विचार किये जाने के योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए.'

मूसेवाला हत्या
मूसेवाला हत्या

चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की उस याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें गायक सिद्धू मूसेवाला हत्या मामले में उसे पंजाब पुलिस की हिरासत में नहीं भेजने का निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया था. बिश्नोई पर पंजाबी गायक मूसेवाला की हत्या में संलिप्त होने का शक है. बिश्नोई ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस लिए जाने के बाद बुधवार को यहां उच्च न्यायालय का रुख किया था.

बिश्नोई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर अपनी वह याचिका वापस ले ली थी जिसमें उसने पंजाब पुलिस द्वारा 'फर्जी मुठभेड़' की आशंका के चलते आवश्यक सुरक्षा देने का अनुरोध किया था. बिश्नोई की याचिका पर गुरुवार को जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की अदालत में सुनवाई हुई और पंजाब के महाधिवक्ता अनमोल रतन सिद्धू ने दलील दी कि याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमने यह मुद्दा उठाया कि याचिका विचार किये जाने के योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा कि याचिका को खारिज कर दिया गया और यह विचारणीय नहीं थी. सिद्धू ने कहा कि मूसेवाला हत्याकांड में दर्ज प्राथमिकी में अभी तक बिश्नोई का नाम नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि बिश्नोई पहले से ही पांच जून तक पुलिस हिरासत में है जैसा कि दिल्ली मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया था.

वकील संग्राम सरांव और शुभप्रीत कौर के माध्यम से दायर याचिका में बिश्नोई ने उच्च न्यायालय से मनसा में न्यायिक मजिस्ट्रेट को उसे पंजाब की जांच एजेंसी की हिरासत में सौंपे जाने से रोके जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. याचिकाकर्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंस/ऑनलाइन माध्यम से नयी दिल्ली की तिहाड़ जेल से ही उससे पूछताछ किए जाने के संबंध में उचित निर्देश देने की गुहार लगायी थी. याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसकी जान को खतरा है और पेशी के दौरान अथवा मनसा में दर्ज प्राथमिकी के चलते हिरासत में लिए जाने के दौरान उसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है.

बिश्नोई (35) ने याचिका में दावा किया कि उसे गायक मूसेवाला हत्याकांड में फर्जी तरीके से फंसाया जा रहा है. पंजाब के मनसा जिले में 29 मई को कुछ अज्ञात हमलावरों ने मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने मूसेवाला की सुरक्षा कम की थी. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हत्या मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग की घोषणा की है.

पढ़ें : मूसेवाला मर्डर केस : सिंगर मनकीरत ने जारी किया वीडियो, ये दी सफाई

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वी. के. भवरा ने दावा किया था कि मूसेवाला की हत्या गिरोहों के बीच आपसी दुश्मनी का नतीजा लग रही है और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह इसमें शामिल था. कनाडा में रहने वाले गोल्डी बराड़, जो बिश्नोई गिरोह का सदस्य है, ने मूसेवाला की हत्या की कथित तौर पर जिम्मेदारी ली है.

चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की उस याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें गायक सिद्धू मूसेवाला हत्या मामले में उसे पंजाब पुलिस की हिरासत में नहीं भेजने का निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया था. बिश्नोई पर पंजाबी गायक मूसेवाला की हत्या में संलिप्त होने का शक है. बिश्नोई ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस लिए जाने के बाद बुधवार को यहां उच्च न्यायालय का रुख किया था.

बिश्नोई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर अपनी वह याचिका वापस ले ली थी जिसमें उसने पंजाब पुलिस द्वारा 'फर्जी मुठभेड़' की आशंका के चलते आवश्यक सुरक्षा देने का अनुरोध किया था. बिश्नोई की याचिका पर गुरुवार को जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की अदालत में सुनवाई हुई और पंजाब के महाधिवक्ता अनमोल रतन सिद्धू ने दलील दी कि याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमने यह मुद्दा उठाया कि याचिका विचार किये जाने के योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा कि याचिका को खारिज कर दिया गया और यह विचारणीय नहीं थी. सिद्धू ने कहा कि मूसेवाला हत्याकांड में दर्ज प्राथमिकी में अभी तक बिश्नोई का नाम नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि बिश्नोई पहले से ही पांच जून तक पुलिस हिरासत में है जैसा कि दिल्ली मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया था.

वकील संग्राम सरांव और शुभप्रीत कौर के माध्यम से दायर याचिका में बिश्नोई ने उच्च न्यायालय से मनसा में न्यायिक मजिस्ट्रेट को उसे पंजाब की जांच एजेंसी की हिरासत में सौंपे जाने से रोके जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. याचिकाकर्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंस/ऑनलाइन माध्यम से नयी दिल्ली की तिहाड़ जेल से ही उससे पूछताछ किए जाने के संबंध में उचित निर्देश देने की गुहार लगायी थी. याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसकी जान को खतरा है और पेशी के दौरान अथवा मनसा में दर्ज प्राथमिकी के चलते हिरासत में लिए जाने के दौरान उसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है.

बिश्नोई (35) ने याचिका में दावा किया कि उसे गायक मूसेवाला हत्याकांड में फर्जी तरीके से फंसाया जा रहा है. पंजाब के मनसा जिले में 29 मई को कुछ अज्ञात हमलावरों ने मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने मूसेवाला की सुरक्षा कम की थी. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हत्या मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग की घोषणा की है.

पढ़ें : मूसेवाला मर्डर केस : सिंगर मनकीरत ने जारी किया वीडियो, ये दी सफाई

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वी. के. भवरा ने दावा किया था कि मूसेवाला की हत्या गिरोहों के बीच आपसी दुश्मनी का नतीजा लग रही है और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह इसमें शामिल था. कनाडा में रहने वाले गोल्डी बराड़, जो बिश्नोई गिरोह का सदस्य है, ने मूसेवाला की हत्या की कथित तौर पर जिम्मेदारी ली है.

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