पटना/नई दिल्लीः तेजस्वी यादव आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनेंगे. यह खुलासा खुद राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कर दिया है. उन्होंने कड़े लफ्जों में इसे सिरे से नकार दिया है. हालांकि राजनीतिक गलियारों में इस बात की जोरों से चर्चा चल रही है कि तेजस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते (Lalu Yadav on RJD President Tejashwi Yadav Controversy) हैं. दरअसल 10 फरवरी को राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (RJD National Executive Meeting) होनी है. कयास लगाए जा रहे थे कि इसी में बदलाव पर मुहर लग सकती है.
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनेंगे. इस तरह की बात जो भी लोग कर रहे हैं, वे मूर्ख हैं. जो भी बातें होंगी आप सभी को पता चल जाएगी. बता दें कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि 10 फरवरी को होने वाली राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाएगा. लेकिन लालू ने इन संभावनाओं को नकार दिया है.
बता दें कि सबसे पहले ईटीवी भारत ने इस बात की जानकारी दी थी कि 10 फरवरी को राजद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में हो रही है, जिसमें लालू यादव भी शामिल होंगे. पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा या लालू यादव ही पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे, इस पर भी चर्चा जोरों पर है. विशेष तौर पर तेजस्वी यादव के नाम की चर्चा पिछले कुछ सालों से लगातार चल रही है, क्योंकि लालू यादव राजनीति में पहले की तरह एक्टिव नहीं हैं. हालांकि खुद लालू यादव ने अपना बयान देकर चर्चाओं के गर्म बाजार को ठंडा कर दिया है.
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वही राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लालू यादव पटना आ सकते हैं. तेजस्वी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने भी अपना बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि लालू प्रसाद यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और वो सबसे बेहतर तरीके से अपनी भूमिका निभा रहे हैं और आगे भी वही चलाते रहेंगे. ऐसे में किसी बदलाव की जरूरत नहीं है.
बिहार में टूटा महागठबंधन, लालू यादव ने किया ऐलान- अकेले MLC चुनाव लड़ेगी RJD
बिहार में महागठबंधन से आरजेडी का नाता टूट गया है. एमएलसी चुनाव 2022 (Bihar Legislative Council Election 2022) को लेकर बिहार में कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन के बीच खाईं और गहरी हो गई है. खुद लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने कहा है कि हम राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन बिहार में दोनों दल अलग- अलग चुनाव लड़ेंगे. बिहार में 24 सीट पर एमएलसी चुनाव (MLC Election on 24 seats in Bihar) को लेकर महागठबंधन में सहमति नहीं बन पाई. जिसके बाद दोनों दलों की ओर से अकेले ही चुनाव लड़े जाने की घोषणा की गई. हालाकि अब इस घोषणा पर लालू यादव ने भी मुहर लगा दी है.
कुशेश्वर स्थान विधान सभा उपचुनाव के बाद बिहार में ये दूसरी बार है कि कांग्रेस और आरजेडी चुनावी मैदान में आमने-सामने होंगे. लालू प्रसाद यादव ने भी दशकों पुराने गठबंधन को दरकिनार करते हुए चुनाव में अकेले जाने का फैसला लिया है. लालू ने कहा कि आरजेडी अकेले ही 24 सीटों पर विधान परिषद चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस का साथ हमारा केंद्र में है. केंद्र में उनकी पार्टी कांग्रेस को सपोर्ट करती रहेगी.
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इस बारे में आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी को विधान परिषद चुनाव लड़ने दीजिए. हमारा कांग्रेस को केंद्र में समर्थन है. केंद्र में हम कांग्रेस को सपोर्ट करते रहेंगे. राष्ट्रीय जनता दल अकेले ही चुनाव लड़ेगी और जीतेगी.
बता दें कि कांग्रेस को अभी भी उम्मीद थी कि सीटों को लेकर सहमति बन जाएगी. हालांकि कांग्रेस अपने प्लान बी पर भी काम कर रही थी. सूत्रों की माने तो कांग्रेस 24 सीटों पर अपने संभावित उम्मीदवारों की सूची लगभग तय कर चुकी है. कांग्रेस उम्मीदवार भी मैदान में घूम रहे हैं. दरअसल, साल 2015 में हुए बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) में कांग्रेस का आरजेडी और जेडीयू के साथ गठबंधन था. तब आरजेडी-जेडीयू 10-10 सीटों पर और कांग्रेस 4 सीटों पर लड़ी थी. अखिलेश सिंह की पहल पर आरजेडी पिछली बार से एक सीट ज्यादा यानी कुल 5 सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार हो गई थी, लेकिन बिहार कांग्रेस के अन्य नेताओं की तरफ से 10 सीटों की मांग पर अड़े रहने के कारण गठबंधन नहीं हो सका. बिहार में कुल 24 सीटों पर विधान परिषद का चुनाव होना है.