पटना: अगले माह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) में ‘लालू प्रसाद यादव' (Lalu Prasad Yadav) भी अपनी किस्मत आजमाते नजर आएंगे (Lalu Yadav will contest Presidential Election), क्योंकि उनका मानना है कि इस चुनाव में एक ‘बिहारी' उम्मीदवार होना चाहिए. हम आपको बता दें कि यह लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख नहीं हैं, बल्कि बिहार के सारण जिले के एक निवासी हैं. संयोग है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की कर्मभूमि भी सारण ही रही है.
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15 जून को दिल्ली पहुंचने की तैयारी : लालू यादव का दावा है कि उन्होंने पहले ही दिल्ली जाने के लिए विमान की एक टिकट बुक करा ली है, जहां उनकी योजना 15 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की है. इसके लिए, उन्होंने फ्लाइट का टिकट भी बुक करा लिया है. उन्होंने 2017 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, जब मुकाबला बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार के बीच था.
‘‘मेरे कागजात पिछली बार खारिज कर दिए गए थे क्योंकि मेरे पास प्रस्तावक पर्याप्त संख्या में नहीं थे. इस बार, मैं बेहतर तरीके से तैयार हूं.'' - लालू यादव, रहीमपुर गांव के निवासी
लालू यादव के हैं सात बच्चे : सारण के मरहौरा विधानसभा क्षेत्र के लालू यादव रहीमपुर गांव के निवासी, यादव लगभग 42 साल के हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं जीविका के लिए खेती करता हूं और सामाजिक कार्यों में संलग्न हूं. मेरे सात बच्चे हैं. मेरी बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है. मैं पंचायतों से लेकर राष्ट्रपति पद तक अपनी किस्मत आजमाता रहता हूं. अगर और कुछ नहीं तो मैं सबसे ज्यादा चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बना सकता हूं.''
2001 से हर स्तर के चुनाव में करते हैं नामांकन: साल 2001 से लगातार हर स्तर के चुनाव में ये नामांकन करते हैं. चुनाव लड़ते हैं. वह चाहे पंचायत स्तर का हो, विधानसभा का हो, विधानपरिषद, लोकसभा या राष्ट्रपति का चुनाव क्यों न हो. सभी जगह अपनी किस्मत आजमाते हैं. हालांकि ये अलग बात है कि आजतक लालू यादव किसी भी चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, लेकिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के हमनाम और उनके ही चुनाव क्षेत्र का होने के कारण मीडिया की सुर्खियां जरूर बंटोर लेते हैं. इनका मानना है कि लोग जिस दिन हमें समझेंगे उस दिन मौका जरूर देंगे.
2014 में बने थे राबड़ी देवी की हार की वजह: 2014 के लोकसभा चुनाव में छपरा संसदीय क्षेत्र से लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सामने थे. राबड़ी देवी आरजेडी के चुनाव चिन्ह पर लड़ रही थीं, जबकि लालू निर्दलीय प्रत्याशी थे. हालांकि, इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी को जीत मिली थी. लेकिन लालू, तब राबड़ी देवी की हार के मुख्य कारण बन गए थे. राबड़ी देवी को करीब 8 हजार वोटों से राजीव प्रताप रूडी के हाथों शिकस्त मिली थी. वहीं निर्दलीय लालू प्रसाद को 15 हजार के आसपास वोट मिले थे.
पिता ने किया था लालू यादव नामकरण : लालू बताते हैं कि 15 सितंबर 1979 को जन्म के साथ ही पिता राम जन्म राय ने उनका नामकरण लालू प्रसाद यादव कर दिया. साल 1997 में इंटरमीडिएट करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. हाल के दिनों में दुबारा पढ़ाई शुरू किए हैं. अभी ओपेन यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं.
राष्ट्रपति चुनाव कब? : बता दें कि दो दिन पहले निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा और 21 जुलाई को मतगणना की जाएगी. नामांकन करने का आखिरी तारीख 29 जून है.
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